भारत की पहली जनजातीय जीनोम अनुक्रमण परियोजना | 26 Jul 2025

स्रोत: द हिंदू 

गुजरात ने भारत की पहली जनजातीय जीनोम अनुक्रमण परियोजना (Tribal Genome Sequencing Project) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों की आनुवंशिक संरचना (Genetic Profile) का मानचित्रण करना है। 

गुजरात की जनजातीय जीनोम अनुक्रमण परियोजना 

  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य सिकल सेल रोग, थैलेसीमिया जैसे आनुवंशिक स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान करना और जनजातीय आबादी की आवश्यकताओं के अनुरूप सटीक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। 
    • यह परियोजना वैज्ञानिक प्रगति और जनजातीय परंपराओं के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास करती है, ताकि इन समुदायों के लिये एक स्वस्थ तथा बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। 
  • कार्यान्वयन: गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (GBRC) द्वारा प्रबंधित। 
  • कार्यक्षेत्र: 17  ज़िलों के जनजातीय समुदायों के 2,000 व्यक्तियों के जीनोम का अनुक्रमण किया जाएगा। 

जीनोम अनुक्रमण 

  • परिचय: यह किसी व्यक्ति के DNA में न्यूक्लियोटाइड्स  (A, T, C, G) के सटीक क्रम को निर्धारित करने की प्रक्रिया है। 
    • यह व्यक्ति की आनुवंशिक संरचना को भी प्रकाशित करता है, तथा उसके लक्षणों, स्वास्थ्य जोखिमों और संभावित विकारों के संबंध में जानकारी प्रदान करता है। 
  • प्रकार: 
    • संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (WGS) व्यापक आनुवंशिक जानकारी के लिये संपूर्ण DNA अनुक्रम का मानचित्रण करता है। 
    • आंशिक जीनोम अनुक्रमण विशिष्ट जीनोम भागों पर केंद्रित होता है। 
    • लक्षित जीन अनुक्रमण विशिष्ट जीनों का अनुक्रम करता है। 
  • अनुप्रयोग: 
    • यह रोग उत्पन्न करने वाले उत्परिवर्तनों की पहचान करने, बीमारियों के आनुवंशिक कारणों को समझने और नई दवाओं के लक्ष्य खोजने में मदद करता है। 
    • दवाओं के प्रति व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं का पूर्वानुमान लगाकर व्यक्तिगत चिकित्सा को सक्षम बनाता है, जिससे अनुकूलित दवा चयन संभव होता है। 
    • यह फसल सुधार में उपयोग किया जाता है, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता, अधिक उपज और बेहतर पोषण से जुड़े जीनों की पहचान की जा सके। इससे उन्नत किस्मों की फसलें विकसित करने में मदद मिलती है। 

Gene editing _gene sequencing

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