भारत-थाईलैंड संबंध | 22 Apr 2023

प्रिलिम्स के लिये:

8वाँ भारत-थाईलैंड रक्षा संवाद, ASEAN, BIMSTEC, अभ्यास MAITREE, अभ्यास SIAM BHARAT, भारत-थाईलैंड समन्वित गश्त

मेन्स के लिये:

भारत-थाईलैंड संबंध। 

चर्चा में क्यों? 

8वीं भारत-थाईलैंड रक्षा वार्ता का आयोजन बैंकॉक, थाईलैंड में हुआ जिसके दौरान दोनों पक्षों ने अपने  द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। 

Thailand

वार्ता के प्रमुख बिंदु: 

  • इसमें विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति की समीक्षा की गई।
  • रक्षा, समुद्री सुरक्षा और बहुराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में समन्वय को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।
    • थाईलैंड ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता में विश्वास व्यक्त किया।
  • इस दौरान सहयोग के उभरते क्षेत्रों और वैश्विक मुद्दों के समाधान की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों को भी स्पष्ट किया गया। 

थाईलैंड के साथ भारत के संबंध: 

  • राजनयिक संबंध: 
    • थाईलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंध 1947 से है।  
    • ये संबंध आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की नींव पर निर्मित हैं जो 2000 से अधिक वर्षों से मौजूद हैं।  
    • भारत की 'लुक ईस्ट' नीति (वर्ष 1993 से) और थाईलैंड की 'लुक वेस्ट' नीति (वर्ष 1996 से), जो अब भारत की 'एक्ट ईस्ट' और थाईलैंड की 'एक्ट वेस्ट' में बदल गई है, आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में दृढ़ता से योगदान दे रही हैं।
  • आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध: 
    •  वर्ष 2019 में द्विपक्षीय व्यापार 12.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और महामारी की स्थिति के बावजूद वर्ष 2020 में यह 9.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। 
      • वर्ष 2018 में भारत को थाईलैंड द्वारा लगभग 7.60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जबकि थाईलैंड को भारत द्वारा लगभग 4.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था।  
    • भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021-22 में लगभग 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया।
    • आसियान क्षेत्र में सिंगापुर, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद थाईलैंड भारत का 5वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
      • वर्तमान में थाई सामानों को आसियान-भारत FTA के तहत कर कटौती से लाभ हुआ है, जो जनवरी 2010 में लागू हुआ था।  
  • रक्षा सहयोग: 
    • समय के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों का विस्तार हुआ है और इसमें रक्षा संवाद बैठकें, सेनाओं के बीच आदान-प्रदान, उच्च-स्तरीय दौरे, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
    • रक्षा अभ्यास: 
  • कनेक्टिविटी:  
    • वर्ष 2019 में लगभग 1.9 मिलियन भारतीय पर्यटकों ने थाईलैंड का दौरा किया, जबकि लगभग 160,000 थाई पर्यटकों ने मुख्य रूप से बौद्ध तीर्थ स्थलों के लिये भारत का दौरा किया।
    • भारत और थाईलैंड बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (BIMSTEC) ढाँचे के लिये बंगाल की खाड़ी पहल के तहत भी क्षेत्रीय संपर्क में सुधार के लिये मिलकर काम कर रहे हैं।
    • बहुप्रतीक्षित भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग से पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के माध्यम से भूमि संपर्क का विस्तार होने की उम्मीद है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच पहला सीमा पार सुविधा समझौता बन गया है।
  • सांस्कृतिक सहयोग:
    • भारत और थाईलैंड में भारतीय सांस्कृतिक मंडलों, त्योहारों और कार्यक्रमों के लिये नियमित यात्राओं के साथ एक मज़बूत सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है।
    • एक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, जिसे अब स्वामी विवेकानंद संस्कृति केंद्र के रूप में जाना जाता है, बैंकॉक में वर्ष 2009 में स्थापित किया गया था।
    • श्री गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती थाईलैंड में भी विभिन्न कार्यक्रमों और बैंकॉक में एक भव्य नगर कीर्तन जुलूस के साथ मनाई गई।
    • भारत के संविधान का थाई भाषा में अनुवाद थाईलैंड में शुरू किया गया था।

आगे की राह

  • दोनों देशों को व्यापार बाधाओं से संबंधित मुद्दों का समाधान करना चाहिये और व्यापार एवं निवेश का विस्तार करने के लिये द्विपक्षीय अनुबंधों के माध्यम से आयात शुल्क को कम करना चाहिये।
  • भारत के स्टार्ट-अप पारितंत्र और थाईलैंड के बीच सहयोग के अवसरों का भी पता लगाया जाना चाहिये।
  • दोनों देश एक-दूसरे के बाज़ारों में निवेश कर आपूर्ति शृंखला के अंतराल को कम करने के लिये मिलकर काम कर सकते हैं।
  • रक्षा अनुबंधों, सैन्य आदान-प्रदान और संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से रणनीतिक एवं सुरक्षा संबंधी सहयोग को मज़बूत करना भी आवश्यक है। 

स्रोत: पी.आई.बी.