OIC के प्रस्ताव को भारत ने खारिज किया | 09 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये

इस्लामिक सहयोग संगठन

मेन्स के लिये

इस्लामिक सहयोग संगठन और उसके सदस्य देशों के साथ भारत के संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता में सहयोग के लिये ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (OIC) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

  • इससे पूर्व दिसंबर 2020 में भारत ने ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ द्वारा देश की कश्मीर नीति की आलोचना को भी खारिज कर दिया था।

‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (OIC) 

  • कुल 57 देशों की सदस्यता के साथ यह संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।
  • यह संगठन दुनिया भर में मुस्लिम जगत की सामूहिकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देने के साथ ही दुनिया के मुस्लिम समुदायों के हितों की रक्षा एवं संरक्षण का प्रयास करता है।
    • भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है।
  • इसका गठन सितंबर 1969 में मोरक्को के रबात में हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया था।
  • मुख्यालय: जेद्दाह (सऊदी अरब)

OIC

प्रमुख बिंदु

‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ का पक्ष

  • संगठन ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बैठक की व्यवस्था करने की पेशकश की और साथ ही विदेश मंत्रियों की OCI परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप जम्मू-कश्मीर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी प्रस्ताव रखा है।
    • पश्चिम एशिया तथा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर, इंडोनेशिया और बांग्लादेश सहित इस्लामी संगठन के विभिन्न प्रमुख देशों के साथ भारत के बेहतर संबंधों की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान बार-बार ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ के मंच का प्रयोग कर कश्मीर मुद्दे को उठा रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया

  • OIC को सावधान रहना चाहिये कि उसके मंच का प्रयोग भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने या पक्षपातपूर्ण और एकतरफा प्रस्तावों के माध्यम से भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिये न किया जाए।

भारत और OIC   

एक संगठन के रूप में OIC के साथ भारत के संबंध:

  • वर्ष 2018 में IOC के विदेशी मंत्रियों की बैठक (45वीं) में मेज़बान बांग्लादेश ने यह सुझाव दिया था कि भारत में भी 10% से ज़्यादा मुस्लिम आबादी है और इसलिये  भारत को भी इस संगठन में पर्यवेक्षक (Observer) के तौर पर शामिल कर लेना चाहिये लेकिन पाकिस्तान ने इसका विरोध किया।
  • वर्ष 2019 में भारत को IOC की इस बैठक के उद्घाटन सत्र में बतौर ‘गेस्ट ऑफ़ ऑनर’ आमंत्रित किया गया।
    •  पहली बार इस प्रकार के निमंत्रण को भारत के लिये एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया, विशेष रूप से ऐसे समय में जब पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ गया था।

OIC द्वारा भारत की नीतियों की आलोचना :

  • इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) प्रायः कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करता रहा है और संगठन द्वारा जम्मू-कश्मीर में कथित भारतीय ‘अत्याचार’ की आलोचना करते हुए कई बयान जारी किये गए हैं।
    • वर्ष 2018 में OIC के महासचिव ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय कब्ज़े वाले कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कथित निर्दोष कश्मीरियों की हत्या की कड़ी निंदा की थी।
    • महासचिव ने अपने बयान में ‘प्रदर्शनकारियों पर प्रत्यक्ष गोलीबारी’ को एक ‘आतंकवादी कृत्य’ के रूप में वर्णित किया था और ‘कश्मीर समस्या के उचित व स्थायी समाधान के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भूमिका निभाने का आह्वान किया था।
  • इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 और बाबरी मस्जिद विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की भी आलोचना की है।
  • इसके अलावा संगठन ने भारत में ‘बढ़ते इस्लामोफोबिया’ को लेकर भी भारत सरकार की आलोचना की है।

भारत की प्रतिक्रिया:

  • भारत ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सहित भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का OIC के पास कोई अधिकार नहीं है,  क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।

OIC सदस्य देशों के साथ भारत के संबंध:

  • व्यक्तिगत रूप से भारत के लगभग सभी सदस्य देशों के साथ अच्छे संबंध हैं।
  • हाल के वर्षों में भारत ने UAE और सऊदी अरब के साथ संबंधों में विशेष रूप से उल्लेखनीय सुधार किया है।
    • अबू धाबी (UAE) के शहज़ादे (Crown Prince) वर्ष 2017 में 68वें गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष मुख्य अतिथि थे।
  • OIC में भारत के दो करीबी पड़ोसी देश बांग्लादेश और मालदीव भी शामिल हैं।
    • भारतीय राजनयिकों का कहना है कि दोनों देश निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि वे कश्मीर पर भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को जटिल नहीं बनाना चाहते हैं।

स्रोत: द हिंदू