इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स और ईवी | 05 Aug 2025

स्रोत: पी. आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

नीति आयोग ने इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) के साथ-साथ ‘अनलॉकिंग ए $200 बिलियन ऑपर्च्युनिटी: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट भी जारी की।

इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) क्या है?

  • परिचय: IMEI भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) द्वारा अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने में की गई प्रगति को ट्रैक और मूल्यांकन करता है।
  • मुख्य विषय: IEMI प्रदर्शन का आकलन करने के लिये तीन विषयों के अंतर्गत 16 संकेतकों का उपयोग करता है।
    • परिवहन विद्युतीकरण प्रगति: इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और मांग-पक्ष कारकों को मापता है।
    • चार्जिंग अवसंरचना की तत्परता: EV चार्जिंग स्टेशनों और संबंधित अवसंरचना के विकास और उपलब्धता का आकलन करता है।
    • EV अनुसंधान और नवाचार स्थिति: EV क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों, पेटेंट और नवाचार को ट्रैक करता है।
    • IEMI स्कोर 0-100 पैमाने पर एक समग्र स्कोर है जो ई-मोबिलिटी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में राज्य के प्रदर्शन को दर्शाता है।

  • इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स 2024: 
    • अग्रणी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश (स्कोर: 65-99): दिल्ली, महाराष्ट्र, चंडीगढ़।
    • प्रदर्शनकारी राज्य (स्कोर: 50-64): कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा।
    • आकांक्षी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश (स्कोर: 0-49): ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी ई-मोबिलिटी पहलों में पीछे हैं और उन्हें लक्षित हस्तक्षेपों की आवश्यकता है।
  • नीति पर प्रभाव: IEMI राज्यों को प्रगति का मानकीकरण करने, अंतराल की पहचान करने तथा एक-दूसरे से सीखने के लिये एक तुलनात्मक ढाँचा प्रदान करता है।
    • यह स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देता है और साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण का समर्थन करता है, जिससे राज्यों को डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि तथा सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग करके अपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रणनीतियों को तैयार करने की अनुमति मिलती है।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति आयोग की रिपोर्ट की मुख्य बातें क्या हैं?

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EVs): नीति आयोग की रिपोर्ट "अनलॉकिंग ए $200 बिलियन ऑपर्च्युनिटी: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया" के अनुसार, भारत में EV की पहुँच दर (EV Penetration Rate) 2016 में 0.23% से बढ़कर 2024 में 7.6% हो गई है। इसकी तुलना में, वैश्विक स्तर पर EV की पहुँच दर इसी अवधि में 3.08% से बढ़कर 16.48% हो गई।
    • भारत का EV हिस्सा वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर का पाँचवाँ हिस्सा था, जो अब वर्ष 2024 में दो-पाँचवें से अधिक हो जाएगा।
    • भारत को अब अपने वर्ष 2030 के लक्ष्य (EV30@30 अभियान के तहत 2030 तक 30% EV प्रवेश) को पूरा करने के लिये केवल 5 वर्षों में EV हिस्सेदारी में 22% की वृद्धि करनी होगी।
  • सरकारी पहल: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024, FAME-II (भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाना और विनिर्माण करना) और पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) ने ईवी अपनाने, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण क्षमता का समर्थन किया है। 
  • चुनौतियाँ: वित्तपोषण संबंधी समस्याएँ, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक बसों और इलेक्ट्रिक ट्रकों की खरीद के लिये।
    • अपर्याप्त चार्जिंग अवसंरचना और मौजूदा सार्वजनिक चार्जिंग सुविधाओं का कम उपयोग।
    • इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रदर्शन के बारे में जागरूकता का अभाव। डेटा और नियामक कमियाँ साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में बाधा डालती हैं।
  • सिफारिशें: शून्य उत्सर्जन वाहन (ZEV) अपनाने के लिये समय-सीमा के साथ एक स्पष्ट नीति लागू करना, कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE) मानदंडों का विस्तार करना और आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों को हतोत्साहित करना।
    • प्रयासों को सीमित करने के बजाय, 5 शहरों को इलेक्ट्रिक वाहनों से संतृप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना, और फिर धीरे-धीरे 100 शहरों तक विस्तार करना। कार्यक्रम के प्रभावी प्रबंधन और समन्वय के लिये राज्य-स्तरीय संस्थाओं को शामिल करना।
    • ई-बसों और ई-ट्रकों के लिये एक संयुक्त कोष (पूल्ड फंड) बनाया जाए, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उच्च घनत्व वाले मार्गों की पहचान की जाए और वहाँ चार्जिंग हब स्थापित किये जाएं, साथ ही बैटरी लीजिंग तथा EV के लिये लीजिंग उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाए।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न. भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक वाहनों के लक्ष्य को अपनाया है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख बाधाएँ क्या हैं तथा लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप का सुझाव दीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

मेन्स

प्रश्न. इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना दुनिया भर में तेज़ी से बढ़ रहा है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने में इलेक्ट्रिक वाहन कैसे योगदान करते हैं और पारंपरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में वे क्या प्रमुख लाभ प्रदान करते हैं?