मेडिकेंस की आवृत्ति में वृद्धि | 22 Sep 2020

प्रिलिम्स के लिये

मेडिकेंस, भूमध्यसागरीय हरिकेन, लानोस, अल नीनो दक्षिणी दोलन

मेन्स के लिये 

वैश्विक तापन एवं मेडिकेंस की आवृत्ति में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण भूमध्य सागर में अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान (Extra Tropical Cyclone), जिसे 'मेडिकेंस' (Medicanes) या 'भूमध्यसागरीय हरिकेन' (Mediterranean Hurricanes) के रूप में जाना जाता है, की आवृत्ति में बढ़ोतरी हो सकती है।

Mediterranean

प्रमुख बिंदु:

मेडिकेंस (Medicanes):

  • 'मेडिकेंस' (Medicanes) उष्णकटिबंधीय चक्रवात की तरह होते हैं जो भूमध्य सागर के ऊपर बनते हैं।
    • आसपास की शुष्क जलवायु और समुद्र की अपेक्षा उथले जल के साथ उष्णकटिबंधीय चक्रवात जैसी घटनाएँ अक्सर होती रहती हैं।
  • ये आम तौर पर सर्दियों के महीनों में निर्मित होते हैं, ऐसी घटनाएँ वर्ष में एक या दो बार होती हैं।
  • 18 सितंबर, 2020 को लानोस (Lanos) नामक एक मेडिकेन ग्रीस के तट से टकराया था जिसके कारण ग्रीस एवं आसपास के द्वीपों में भारी वर्षा के साथ बाढ़ की स्थिति बन गई थी।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के साथ मेडिकेंस की तुलना:

  • ये उष्णकटिबंधीय चक्रवात, हरिकेन एवं टाइफून की तुलना में अपेक्षाकृत ठंडे जल में अधिक विकसित होते हैं। इसलिये उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के गर्म कोर की तुलना में इन तूफानों की कोर भी ठंडी होती है किंतु अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (Extra Tropical Cyclones) की तुलना में गर्म होती है।
  • आमतौर पर इनका व्यास छोटा होता है और मूल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तुलना में इनमें हवा की गति कम होती है।
  • कभी-कभी गर्म-कोर वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात, ठंडे-कोर वाले अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (Extra Tropical Cyclone) में बदल जाते हैं किंतु कभी-कभी कुछ मामलों में, यह स्थिति विपरीत भी हो सकती है।
    • अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extra Tropical Cyclone) के उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनने की ऐसी घटना नवंबर, 2011 में हुई थी जिसके कारण स्पेन, इटली एवं फ्राँस के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ के कारण 11 लोगों की मृत्यु हो गई थी।

मेडिकेंस की संख्या में वृद्धि:

  • पिछली आधी शताब्दी में मेडिकेंस की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2005 एवं वर्ष 2012 में आए मेडिकेंस काला सागर के ऊपर विकसित हुए थे जो भूमध्य सागर की तुलना में बहुत छोटा जल निकाय है।
  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण, भू-मध्य सागर में समुद्री सतह के तापमान में वृद्धि होने के कारण सामान्य तूफान, उष्णकटिबंधीय तूफान में परिवर्तित हो सकते हैं, जिनमें हवा की गति तीव्र होने से तूफानों की तीव्रता में भी वृद्धि हो सकती है जिससे भारी वर्षा की स्थिति बन जाती है।
  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) के अनुसार, यह वर्ष एक निम्न ला नीना (Mild La Niña) की स्थिति वाला वर्ष है। ला नीना की स्थिति, हरिकेन की आवृति को कम करने की कोशिश करती है। भले ही यह वर्ष निम्न ला नीना का वर्ष हो किंतु हरिकेन का मौसम बहुत सक्रिय है। इसका तात्पर्य यह है कि अल नीनो दक्षिणी दोलन (El Niño Southern Oscillation- ENSO) के प्रभाव भूमध्य सागर सहित सभी महासागरों में ग्लोबल वार्मिंग द्वारा संशोधित किये जा रहे हैं।
  • वर्ष 2019 में बदलती जलवायु में महासागर एवं क्रायोस्फीयर पर विशेष रिपोर्ट (Special Report on the Ocean and Cryosphere in a Changing Climate) जो जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC) द्वारा जारी की जाती है, में बढ़ते तापमान एवं लगातार चरम एल नीनो एवं ला नीना घटनाओं की चेतावनी दी गई थी।

संकट:

  • मेडिकेंस की आवृत्ति में वृद्धि होने से उत्तरी अफ्रीका में रहने वाली पहले से ही कमज़ोर आबादी के लिये संकट उत्पन्न होगा जिससे उनका पलायन बढेगा।
  • मेडिकेंस इटली एवं ग्रीस जैसे यूरोपीय देशों के लिये भी एक खतरा हो सकते हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ