प्रतिरक्षण रणनीति 2030 | 01 May 2021

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अन्य एजेंसियों द्वारा विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह (World Immunisation Week) के दौरान प्रतिरक्षण रणनीति- 2030 (Immunisation Agenda-IA 2030) को लॉन्च किया गया है।

  • यह संयुक्त राष्ट्र के अनिवार्य सतत् विकास लक्ष्यों (विशेष रूप से SDG-3 जिसमे बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण शामिल है) को प्राप्त करने में योगदान देगा।
  • कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर नियमित टीकाकरण को प्रभावित किया है।

प्रमुख बिंदु: 

प्रतिरक्षण रणनीति- 2030 (IA-2030) के विषय में: 

  • यह दशक 2021-2030 हेतु वैक्सीन और टीकाकरण के लिये एक महत्त्वाकांक्षी, अतिव्यापी वैश्विक दृष्टि और रणनीति निर्धारित करता है।
  • IA-2030 ग्लोबल वैक्सीन एक्शन प्लान (Global Vaccine Action Plan- GVAP) पर आधारित है। इसका उद्देश्य  GVAP के उन लक्ष्यों को संबोधित करना है जो ‘वैक्सीन दशक’ (2011-20) की वैश्विक टीकाकरण रणनीति के हिस्से के रूप में पूरे किये जाने थे।
    • GVAP को ‘वैक्सीन दशक’ (Decade of Vaccines) के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने हेतु विकसित किया गया था, जिससे सभी व्यक्ति और समुदाय वैक्सीन-निवारक बीमारियों से मुक्त हो सकें।
  • यह सात रणनीतिक प्राथमिकताओं के एक वैचारिक ढांँचे पर आधारित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीकाकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मज़बूत करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की प्राप्ति में पूर्णतः योगदान दे।
  • इसे चार मुख्य सिद्धांतों द्वारा रेखांकित किया जाता है: 
    • यह आम लोगों को केंद्र में रखता है।
    • इसका नेतृत्त्व देशों द्वारा किया जाता है।
    • इसे व्यापक साझेदारी के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
    • यह डेटा द्वारा संचालित होता है।

Health-coverage

IA-2030 के लक्ष्य:

  • इस नए टीकाकरण कार्यक्रम के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO), यूनिसेफ (UNICEF) जैसी अन्य वैश्विक एजेंसियों द्वारा मौजूदा दशक (2021-2030) में 50 मिलियन वैक्सीन-निवारक संक्रमणों (Million Vaccine-Preventable Infections) से बचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • इस कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित बच्चों अथवा शून्य-खुराक वाले बच्चों की संख्या को घटाकर 50% तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
    • शून्य खुराक वाले बच्चों में वे बच्चे शामिल हैं, जिन्हें टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से कोई टीका नहीं मिला है।
  • बचपन और किशोरावस्था में दिये जाने वाले आवश्यक टीकों का 90% कवरेज लक्ष्य प्राप्त करना।
  • राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर कोविड-19, रोटावायरस या ह्यूमन  पेपिलोमावायरस (Human Papillomavirus- HPV) जैसे नए या कम उपयोग किये गए 500 टीकों को प्रस्तुत करने के लक्ष्य को पूरा करना। 
  • संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियाँ IA-2030 के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि टीकाकरण के लाभों को देशों में सभी के साथ समान रूप से साझा किया जाए।

जनसंख्या के अनुसार प्राथमिकता:.

  • IA-2030 ‘बॉटम-अप’ (Bottoms-Up) दृष्टिकोण पर आधारित है, जबकि GVAP ‘टॉप-डाउन’ (Top-Down) दृष्टिकोण पर आधारित है।  
  • यह आबादी के उस हिस्से को प्राथमिकता देगा जिन तक वर्तमान में टीकाकरण की पहुंँच संभव नहीं है, विशेष रूप से समाज का वह वर्ग जो सर्वाधिक  हाशिये पर है तथा जो अत्यधिक संवेदनशील और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में रहता हैं। 

टीकाकरण हेतु भारत की पहल:

  • हाल ही में, कोविड -19 महामारी के दौरान नियमित टीकाकरण में शामिल नहीं हो पाने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कवर करने के उद्देश्य से सघन मिशन इन्द्रधनुष-3.0 (IMI 3.0) योजना शुरू की गई है।
    • वर्ष 1978 में भारत में टीकाकरण कार्यक्रम को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिरक्षण कार्यक्रम (Expanded Programme of Immunization- EPI) के रूप में शुरू  किया गया था। वर्ष 1985 में, इस कार्यक्रम को, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (Universal Immunization Programme-UIP) के रूप में परिवर्तित किया गया।
  • भारत कोवैक्स (COVAX) का प्रमुख आपूर्तिकर्त्ता है, जो कि एक वैश्विक पहल है। इस पहल का उद्देश्य यूनिसेफ, ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइज़ेशन (GAVI), विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा महामारी की तैयारी में जुटे अन्य संगठनों तक कोविड-19 टीकों की समान पहुँच उपलब्ध करना है। 
  • भारत ने विभिन्न देशों में कोविड वैक्सीन की आपूर्ति करने हेतु 'वैक्सीन मैत्री' (Vaccine Maitri) पहल भी शुरू की है।

विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह:

  • प्रतिवर्ष  अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ‘विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ मनाया जाता है।
  • इसका उद्देश्य सभी उम्र के लोगों को बीमारी से बचाने हेतु टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
    • टीकाकरण उस प्रक्रिया को वर्णित करता है, जिससे लोग सूक्ष्मजीवों (औपचारिक रूप से रोगजनकों) से होने वाले संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रहते हैं। ‘टीका’ शब्द टीकाकरण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को संदर्भित करता है।
    • टीकाकरण वैश्विक स्वास्थ्य और विकास की सफलता को प्रदर्शित करता है, जिससे प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जान बचती है।
  • वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम ‘वैक्सीन ब्रिंग अस क्लोज़र’ (Vaccines bring us closer) है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ