हैदराबाद: चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र | 18 Jan 2023

प्रिलिम्स के लिये:

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF), चौथी औद्योगिक क्रांति, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ज़ेनोबॉट्स(Xenobots), पेसमेकर, माइक्रोप्लास्टिक्स, एनर्जी ट्रांज़िशन इंडेक्स, ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस रिपोर्ट, ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट।

मेन्स के लिये:

चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) के अनुप्रयोग, 4IR(Fourth Industrial Revolution) से जुड़ी चुनौतियाँ।

चर्चा में क्यों?   

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हैदराबाद, तेलंगाना को चौथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र (C4IR) की स्थापना के लिये चुना है। 

  • C4IR (Center for the Fourth Industrial Revolution) तेलंगाना एक स्वायत्त, गैर-लाभकारी संगठन होगा जो स्वास्थ्य देखभाल और जीवन विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करेगा। 

चौथी औद्योगिक क्रांति:

  • परिचय:  
    • यह डिजिटल, भौतिक और जैविक दुनिया के बीच की सीमाओं को धुंधला करने के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग की विशेषता है, यह डेटा द्वारा संचालित होता है।
      • प्रमुख प्रौद्योगिकियों में क्लाउड कंप्यूटिंग, बिग डेटा, स्वायत्त रोबोट, साइबर सुरक्षा, सिमुलेशन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) शामिल हैं। 
      • 4IR शब्द वर्ष 2016 में WEF के कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब द्वारा गढ़ा गया था।  
  • इसके प्रमुख उदाहरण:
    • पेसमेकर (Pacemaker): पेसमेकर चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) का एक निकट-परिपूर्ण उदाहरण है।
      • पेसमेकर के चार वायरलेस सेंसर तापमान, ऑक्सीजन के स्तर और हृदय की विद्युत गतिविधि जैसी नब्ज़ की निगरानी करते हैं।
      • वह उपकरण जो नब्ज़ का विश्लेषण करता है और तय करता है कि हृदय को कब और किस गति से गति प्रदान करनी है। डॉक्टर टैबलेट या स्मार्टफोन पर जानकारी को वायरलेस तरीके से एक्सेस कर सकते हैं।
    • ज़ेनोबॉट्स: पहले जीवित रोबोट को ज़ेनोबॉट्स (Xenobots) नाम दिया गया है। इसे अफ्रीकी पंजे वाले मेंढक (जेनोपसलाविस) की स्टेम कोशिका से बनाया गया है तथा इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके प्रोग्राम किया जा सकता है।
      • अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा अक्तूबर 2021 में इसकी प्रजनन क्षमता को साबित किया गया है।
      • जब शोधकर्त्ताओं ने ज़ेनोबॉट्स को पेट्री डिश में रखा तो वे अपने मुँह के अंदर सैकड़ों छोटे स्टेम सेल इकट्ठा करने और कुछ दिनों बाद नए ज़ेनोबॉट्स को निर्मित करने में सक्षम थे।
        • एक बार अच्छे से विकसित हो जाने के बाद ज़ेनोबॉट्स माइक्रोप्लास्टिक्स को साफ करने और मानव शरीर के अंदर मृत कोशिकाओं एवं ऊतकों को बदलने या पुनर्निर्माण करने जैसे कार्यों के लिये फायदेमंद हो सकते हैं।
    • स्मार्ट रेलवे कोच: नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) ने स्मार्ट रेलवे कोच तैयार किये, जो कि यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करने हेतु सेंसर युक्त बैटरी से लैस हैं।
      • ये सेंसर शौचालयों में गंध के स्तर की निगरानी, दरवाज़े के सुरक्षित रूप से बंद होने की जाँच, आग के प्रकोप से बचने में मदद और चेहरे की पहचान करने वाले सीसीटीवी कैमरों का उपयोग कर अनधिकृत यात्रा को रोकने में मदद करते हैं।
  • 4IR से जुड़ी चुनौतियाँ:  
    • नौकरी का विस्थापन: चूँकि स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता अधिक प्रचलित हो रही है,  चिंता का विषय यह है कि कई नौकरियाँ मशीनों द्वारा प्रतिस्थापित हो जाएंगी जिससे बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी छूट जाएगी और बेरोज़गारी बढ़ेगी।
    • गोपनीयता संबंधी चिंता: औद्योगिक क्रांति 4.0 में उपकरणों और विभिन्न प्रणालियों की बढ़ती कनेक्टिविटी से साइबर हमलों का खतरा बढ़ सकता है, जिसका व्यवसायों और व्यक्तियों दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है।
    • नैतिक चिंताएँ: जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्वचालन अधिक उन्नत होते जा रहे हैं, जवाबदेही, पूर्वाग्रह और पारदर्शिता जैसे नैतिक मुद्दों के बारे में भी चिंताएँ बढ़ रही हैं।
    • डिजिटल बुनियादी ढाँचे की कमी: सभी देशों में उद्योग 4.0 के लिये डिजिटल बुनियादी ढाँचे उपलब्ध नहीं हैं, जिससे डिजिटल डिवाइड और असमान आर्थिक विकास होता है। 

अन्य औद्योगिक क्रांतियाँ:

  • पहली औद्योगिक क्रांति (1800 के दशक में): इसमें उत्पादन को मशीनीकृत करने के लिये जल और भाप की शक्ति का उपयोग किया गया था। उदाहरण: भाप का इंजन।
  • दूसरी औद्योगिक क्रांति (1900 की शुरुआत में): इसने बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु विद्युत का उपयोग किया। उदाहरण: बिजली।
  • तीसरी औद्योगिक क्रांति (1900 के अंत में): इसने उत्पादन को स्वचालित करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। उदाहरण: कंप्यूटर और इंटरनेट।

स्रोत: डाउन टू अर्थ