मानव विकास रिपोर्ट 2025 | 07 May 2025

प्रिलिम्स के लिये:

मानव विकास रिपोर्ट, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, बहुआयामी गरीबी

मेन्स के लिये:

मानव विकास सूचकांक और भारत के लिये इसके निहितार्थ, मानव विकास चुनौतियों से निपटने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका

स्रोत: डी.टी.ई

चर्चा में क्यों?

भारत को वर्ष 2025 की मानव विकास रिपोर्ट (HDR) में 193 देशों और क्षेत्रों में से 130वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। यह रिपोर्ट "ए मैटर ऑफ चॉइस: पीपल एंड पॉसिबिलिटीज इन द एज ऑफ एआई" शीर्षक से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी की गई है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि यद्यपि भारत ने निरंतर प्रगति की है, फिर भी असमानता उसके मानव विकास उपलब्धियों को कमज़ोर कर रही है।

मानव विकास रिपोर्ट 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

वैश्विक:

  • मानव विकास में रुकी प्रगति: वैश्विक मानव विकास सूचकांक में वर्ष 1990 के बाद से सबसे छोटी वृद्धि देखी गई (2020-2021 के संकट वर्षों को छोड़कर)।
    • यदि कोविड-पूर्व रुझान जारी रहते, तो अधिकांश देश वर्ष 2030 तक बहुत उच्च मानव विकास स्तर तक पहुँच सकते थे, लेकिन अब इसमें कई दशक की देरी होने की संभावना है।
  • शीर्ष और निम्न रैंक: आइसलैंड 0.972 के मानव विकास सूचकांक (HDI) के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि दक्षिण सूडान 0.388 के HDI के साथ अंतिम स्थान पर रहा।
  • बढ़ती असमानता: सबसे धनी और सबसे निर्धन देशों के बीच विषमता बढ़ती जा रही है, जहाँ उच्च HDI वाले देश निरंतर प्रगति कर रहे हैं, जबकि निम्न HDI वाले देश स्थिरता का सामना कर रहे हैं।
  • AI और कार्य का भविष्य: रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेज़ी से फैल रही है और विश्व स्तर पर 5 में से 1 व्यक्ति पहले से ही AI उपकरण का उपयोग कर रहा है।
    • जबकि 60% लोगों का मानना ​​है कि AI  रोज़गार के नए अवसर सृजित करेगा, आधे लोगों को भय है कि यह उनकी वर्तमान भूमिकाओं को समाप्त या परिवर्तित कर सकता है।
    • मानव विकास रिपोर्ट, 2025 इस बात पर ज़ोर देती है कि समावेशी और मानव-केंद्रित AI नीतियों की आवश्यकता है, ताकि AI असमानताओं को बढ़ाने या नौकरियों को विस्थापित करने के बजाय मानव विकास में सकारात्मक योगदान दे सके।

मानव विकास सूचकांक (HDI) रैंकिंग और मान (2023)

रैंक

देश

HDI मान

1

आइसलैंड

0.972

2

नॉर्वे

0.970

2

स्विट्ज़रलैंड

0.970

4

डेनमार्क

0.962

5

जर्मनी

0.959

5

स्वीडन

0.959

7

ऑस्ट्रेलिया

0.958

8

हॉन्गकॉन्ग, चीन (SAR)

0.955

8

नीदरलैंड

0.955

17

संयुक्त राज्य अमेरिका

0.938

130

भारत

0.685

HDI: मानव विकास सूचकांक

भारत:

  • भारत की मानव विकास सूचकांक (HDI) रैंकिंग: भारत वर्ष 2022 में 133वें स्थान पर था और वर्ष 2023 में सुधार करते हुए 130वें स्थान पर पहुँच गया, जहाँ उसका HDI मान 0.676 से बढ़कर 0.685 हो गया।
    • देश अभी भी "मध्यम मानव विकास" की श्रेणी में है, यद्यपि वह "उच्च मानव विकास" (HDI ≥ 0.700) की सीमा के निकट पहुँच रहा है।
  • क्षेत्रीय तुलना: भारत के पड़ोसी देशों में चीन (78वाँ), श्रीलंका (89वाँ) और भूटान (125वाँ) भारत से ऊपर स्थान पर हैं, जबकि बांग्लादेश (130वाँ) भारत के बराबर है। नेपाल (145वाँ), म्यांमार (150वाँ) और पाकिस्तान (168वाँ) भारत से नीचे स्थान पर हैं।
  • मुख्य क्षेत्रों में प्रगति:
    • जीवन प्रत्याशा: भारत में जीवन प्रत्याशा वर्ष 1990 में 58.6 वर्ष से बढ़कर वर्ष 2023 में 72 वर्ष हो गई, जो अब तक की सर्वोच्च है और महामारी के बाद की मज़बूत पुनर्प्राप्ति को दर्शाती है।
    • शिक्षा: भारत में स्कूली शिक्षा के औसत वर्षों में वृद्धि हुई है, अब बच्चों से स्कूल में 13 वर्ष तक पढ़ने की उम्मीद होती वर्ष है, जो 1990 में 8.2 वर्ष थी।
    • राष्ट्रीय आय: भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय वर्ष 2021 क्रय शक्ति समता (PPP) पर आधारित वर्ष 1990 में 2,167 अमेरिकी डॉलर से चार गुना बढ़कर वर्ष 2023 में 9,046 अमेरिकी डॉलर हो गई।
      • इसके अतिरिक्त, वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ भारतीय बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर निकले, जिससे मानव विकास सूचकांक (HDI) में सुधार हुआ।
    • AI कौशल वृद्धि: भारत उच्चतम स्वयं-रिपोर्टेड AI कौशल पैठ के साथ एक वैश्विक AI नेतृत्वकर्त्ता के रूप में उभर रहा है।
      • भारतीय AI शोधकर्त्ताओं में से 20% अब देश में ही हैं, जो वर्ष 2019 में लगभग शून्य से उल्लेखनीय वृद्धि है।
  • भारत के मानव विकास सूचकांक को प्रभावित करने वाली चुनौतियाँ:
    • असमानता से एचडीआई में गिरावट: असमानता ने भारत के मानव विकास सूचकांक (HDI) को 30.7% तक घटा दिया है, जो क्षेत्र में सबसे अधिक नुकसानों में से एक है।
    • लैंगिक असमानताएँ: महिला श्रम बल भागीदारी (41.7%) और राजनीतिक प्रतिनिधित्व अभी भी पीछे हैं।
      • 106वें संविधान संशोधन जैसे कदम, जो महिलाओं के लिये विधायिका में एक-तिहाई सीटें आरक्षित करते हैं, परिवर्तनकारी बदलाव की दिशा में आशाजनक संकेत देते हैं।

भारत के HDI मान और संकेतकों में वर्ष 2022 और वर्ष 2023 के बीच परिवर्तन 

प्रमुख आँकड़े (मानव विकास सूचकांक)

2022

2023

रैंक

133

130

HDI मूल्य

0.676

0.685

जीवन प्रत्याशा (वर्षों में)

71.70

72.00

अपेक्षित स्कूली शिक्षा के वर्ष

12.96

12.95

औसत स्कूली शिक्षा के वर्ष

6.57

6.88

प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय ($2021 PPP में)

8475.68

9046.76

कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव विकास में किस प्रकार योगदान कर सकती है?

  • उत्पादकता और आर्थिक विकास में वृद्धि: AI से उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें वैश्विक उत्तरदाताओं के 70% लोग इसके प्रभाव को लेकर आशावादी हैं। नियमित कार्यों को स्वचालित करके, AI विभिन्न क्षेत्रों जैसे निर्माण, सेवाएँ और कृषि में नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है।
    • गूगल की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI वर्ष 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 33.8 लाख करोड़ रुपए का योगदान कर सकता है, जो वर्ष 2028 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के डिजिटल अर्थव्यवस्था लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और GDP में 20% का योगदान करेगा।
  • स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार: रेडियोलॉजी में, AI सटीकता में सुधार करता है, ऐसी असामान्यताएँ पता लगाता है जिनसे मानव आँखें चूक सकती हैं, जबकि ऑन्कोलॉजी में यह रोगी डेटा के आधार पर व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ बनाने में मदद करता है।
    • AI क्लिनिकल कार्यप्रवाहों को सरल बनाता है, संसाधन आवंटन को अनुकूलित करता है और दूरस्थ निगरानी तथा टेलीमेडिसिन का समर्थन करता है, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में।
    • इसके अतिरिक्त, AI चिकित्सा शिक्षा में वर्चुअल रियलिटी (VR) और अनुकूलनशील शिक्षा के माध्यम से क्रांति ला रहा है, जो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के कौशल को बढ़ाता है।
  • शिक्षा में परिवर्तन: AI अनुकूलनशील प्लेटफाॅर्मों के माध्यम से व्यक्तिगत शिक्षण सक्षम करता है, जिसमें विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में AI ट्यूटर्स और चैटबॉट्स से वास्तविक समय में सहायता मिलती है।
    • यह शिक्षकों को छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने और सीखने में कमी को अधिक प्रभावी ढंग से पहचानने में भी मदद करता है।
  • शासन को सशक्त बनाना: AI भारत में सार्वजनिक सेवा वितरण को सरल बना रहा है, दक्षता में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाने और कल्याण योजनाओं में धोखाधड़ी का पता लगाने में मदद कर रहा है।
    • MuleHunter.AI जैसे उपकरण, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक ने विकसित किया है, म्यूल बैंक खातों से जुड़ी डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने में मदद करते हैं।
    • सरकार की भाषिनी परियोजना बहुभाषी संचार को बढ़ावा देती है, जो भाषाई समूहों में नीति पहुँच में सहायक होती है।
  • असमानता को दूर करना और समावेशन को बढ़ावा देना: AI उपकरण सेवा वितरण में अंतर की पहचान कर सकते हैं और विशेष रूप से वंचित समुदायों के लिये इन अंतरालों को पाटने में मदद कर सकते हैं। मानव-केंद्रित डिज़ाइन के मार्गदर्शन में, AI अवसरों तक समान पहुँच सुनिश्चित कर सकता है।

भारत अपनी मानव विकास संबंधी चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकता है?

  • लैंगिक समानता: लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के लिये भारत को विधायिकाओं में महिलाओं के लिये एक-तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने वाले 106वें संविधान संशोधन का प्रभावी क्रियान्वयन करना होगा और उनकी निर्णयात्मक भूमिकाओं को सशक्त बनाना होगा।
    • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया और डिजिटल फ्रीलांसिंग प्लेटफाॅर्म जैसी वित्तीय योजनाओं तक महिलाओं की पहुँच बढ़ाकर उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा सकता है। महिला कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने के लिये लचीले रोज़गार, कौशल विकास, क्रेच सुविधा और विज्ञान ज्योति जैसी पहलों के माध्यम से STEM में भागीदारी को बढ़ावा देना आवश्यक है।
    • कानूनी सुधारों में लैंगिक हिंसा, बाल विवाह और कार्यस्थल पर भेदभाव के विरुद्ध सख्त प्रवर्तन शामिल होना चाहिये।
    • निर्भया फंड और वन स्टॉप सेंटरों को सुदृढ़ करना भी हिंसा का सामना कर रही महिलाओं को समग्र समर्थन प्रदान करने के लिये आवश्यक है।
  • असमानता का समाधान: बढ़ती असमानता (जो भारत के वर्ष 2023 के गिनी गुणांक 0.410 में दर्शाई गई है) से निपटने के लिये, सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम और जन धन योजना जैसे समावेशी पहलों को सुदृढ़ करना चाहिये।
    • ये कार्यक्रम आय असमानता को दूर करने में सहायता करते हैं लेकिन दीर्घकालिक रणनीतियों में भूमि अधिकार, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा में सुधार भी शामिल होना चाहिये।
    • समावेशी विकास नीति उपायों के लिये सतत् विकास लक्ष्य 10 को बढ़ावा दें और समान विकास के लिये कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का लाभ उठाएँ।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: भारत को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है और पोषण तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये पोषण अभियान जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिये।
    • इसके अतिरिक्त, शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार, NEP 2020 के तहत पाठ्यक्रम सुधार और तकनीक-सक्षम शिक्षा उपकरण सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • डिजिटल और वित्तीय समावेशन के लिये AI का लाभ उठाना: सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये  कि AI का उपयोग समावेशी सेवाओं जैसे ई-स्वास्थ्य निगरानी, ई-लर्निंग एवं कृषि सलाहकार सेवाओं के लिये किया जाए और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से नैतिक शासन सुनिश्चित किया जाए।
    • रोज़गार सृजन का ध्यान विनिर्माण, हरित अर्थव्यवस्था और बुनियादी अवसरंचना पर होना चाहिये, साथ ही उभरते हुए क्षेत्रों के लिये कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।
    • जन धन, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) एवं डिजिटल साक्षरता अभियान जैसी पहलों के माध्यम से डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ाया जाना चाहिये।

निष्कर्ष

भारत की मानव विकास सूचकांक में निरंतर वृद्धि लोगों पर केंद्रित विकास में इसके दीर्घकालिक निवेश को दर्शाती है। हालाँकि, अपनी मानवीय क्षमता को सही मायने में साकार करने के लिये, भारत को असमानता का न केवल नैतिक अनिवार्यता के रूप में बल्कि सतत् प्रगति के लिये रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में भी सामना करना होगा।  मानव विकास सूचकांक, 2025 यह स्पष्ट करता है कि समावेश वैकल्पिक नहीं है - यह आवश्यक है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: वैश्विक मानव विकास संदर्भ में भारत की स्थिति का आकलन कीजिये। भारत के लिये अपनी मानव विकास सूचकांक रैंकिंग में सुधार करने में क्या चुनौतियाँ और अवसर हैं?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. UNDP के समर्थन से ‘ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास नेतृत्व’ द्वारा विकसित ‘बहुआयामी निर्धनता सूचकांक’ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित है/हैं? (2012)

  1. पारिवारिक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संपत्ति और सेवाओं से वंचन
  2. राष्ट्रीय स्तर पर क्रय शक्ति समता
  3. राष्ट्रीय स्तर पर बजट घाटे की मात्रा और GDP की विकास दर 

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स

प्रश्न: लगातार उच्च विकास के बावजूद मानव विकास सूचकांक में भारत अभी भी सबसे कम अंकों के साथ है। उन मुद्दों की पहचान कीजिये जो संतुलित और समावेशी विकास को सुनिश्चित करते हैं। (2016)