वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 | 15 Oct 2022

प्रिलिम्स के लिये:

वैश्विक भुखमरी सूचकांक, चाइल्ड वेस्टिंग, स्टंटिंग, मृत्यु दर और कुपोषण, भूख के उन्मूलन के लिये भारत की पहल, NFHS - 5.

मेन्स के लिये:

वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का प्रदर्शन, भारत में भूख और कुपोषण की स्थिति, भूख और गरीबी का संबंध, भूख उन्मूलन के लिये भारत की पहल और उसकी प्रगति।

चर्चा में क्यों?

वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 में भारत ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है। यह 121 देशों में से 107वें स्थान पर है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक:

  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने एवं ट्रैक करने का एक साधन है।
  • गणना: इसकी गणना चार संकेतकों के आधार पर की जाती है:
    • अल्पपोषण
    • चाइल्ड वेस्टिंग
    • चाइल्ड स्टंटिंग
    • बाल मृत्यु दर
  • GHI 100-बिंदु पैमाने पर भूख की गंभीरता का निर्धारण करता है जहाँ 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर है (शून्य भूख) और 100 को सबसे खराब माना जाता है।
  • वार्षिक रिपोर्ट: कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित।
  • GHI एक वार्षिक रिपोर्ट है और GHI स्कोर का प्रत्येक सेट 5 वर्ष की अवधि के डेटा का उपयोग करता है। वर्ष 2022 GHI स्कोर की गणना वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के डेटा का उपयोग करके की जाती है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 में देशों का प्रदर्शन:

  • वैश्विक विकास: विश्व स्तर पर हाल के वर्षों में भुखमरी के खिलाफ प्रगति काफी हद तक स्थिर हो गई है; वर्ष 2022 में 18.2 का वैश्विक स्कोर वर्ष 2014 में 19.1 की तुलना में थोड़ा बेहतर हुआ है। हालाँकि, 2022 का GHI स्कोर अभी भी "मध्यम" है।
    • इस प्रगति में ठहराव के प्रमुख कारण देशों के मध्य संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, कोविड -19 महामारी के आर्थिक नतीजों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे अतिव्यापी संकट हैं, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कीमतों में वृद्धि हुई है तथा यह आशंका व्यक्त की गई है कि “वर्ष 2023 एवं उसके बाद भी भुखमरी और बढ़ेगी"।
    • सूचकांक के अनुसार, 44 ऐसे देश हैं, जिनमें वर्तमान में ‘गंभीर’ या ‘खतरनाक’ भुखमरी का स्तर है और न तो वैश्विक स्तर पर तथा न ही लगभग 46 देशों में जहाँ वर्ष 2030 तक GHI द्वारा भुखमरी की आशंका व्यक्त की गई है, बिना किसी बड़े बदलाव के इसका समाधान निकाला जा सकता है।
  • शीर्ष और सबसे खराब प्रदर्शनकर्त्ता:
    • GHI 2022 में बेलारूस, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, चिली, चीन तथा क्रोएशिया शीर्ष पाँच देश हैं।
    • चाड, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मेडागास्कर, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और यमन सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश हैं।
  • भारत और पड़ोसी देश: दक्षिण एशियाई देशों में भारत (107), श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84) तथा पाकिस्तान (99) भी अच्छी स्थिति में नहीं है।
    • भारत का स्कोर 29.1 है, जो इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है।
    • अफगानिस्तान (109) दक्षिण एशिया का एकमात्र देश है, जिसका प्रदर्शन सूचकांक में भारत से भी खराब है।
    • 5 से कम अंक के साथ चीन 16 अन्य देशों के साथ सूचकांक में शीर्ष देशों में शामिल है।
  • चार संकेतकों में भारत का प्रदर्शन:
    • चाइल्ड वेस्टिंग: 3% के साथ भारत में चाइल्ड वेस्टिंग दर (लंबाई के अनुपात में कम वजन) वर्ष 2014 (15.1%) और यहाँ तक कि वर्ष 2000 (17.15%) की अपेक्षा दर्ज स्तरों से भी खराब है।
      • यह विश्व के किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है तथा भारत की विशाल जनसंख्या के कारण इसका औसत और बढ़ जाता है।
    • अल्पपोषण: देश में अल्पपोषण की व्यापकता भी वर्ष 2018-2020 के 14.6% से बढ़कर वर्ष 2019-2021 में 16.3% हो गई है।
      • इसका तात्पर्य यह है कि भारत में 224.3 मिलियन लोग (वैश्विक स्तर पर 828 मिलियन में से) कुपोषित माने जाते हैं।
      • संकेतक आहार ऊर्जा सेवन की चिरकालिक कमी का सामना करने वाली आबादी के अनुपात को मापता है।
    • चाइल्ड स्टंटिंग और मृत्यु दर: भारत के चाइल्ड स्टंटिंग और बाल मृत्यु दर में सुधार हुआ है।
      • वर्ष 2014 से वर्ष 2022 के बीच बाल स्टंटिंग (उम्र के अनुसार कम ऊँचाई) 38.7% से घटकर 35.5% हो गई है।
      • इसी तुलनात्मक अवधि में बाल मृत्यु दर (पाँच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर) 4.6% से घटकर 3.3% हो गई है।

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संबंधित अन्य सूचकांक/रिपोर्ट:

भूख/कुपोषण उन्मूलन हेतु भारत की पहल:

  • ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा नागरिकों के सही तरीके से भोजन ग्रहण करने हेतु आयोजित एक आउटरीच गतिविधि।  
  • पोषण (POSHAN) अभियान: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया यह अभियान स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर बालिकाओं में) को कम करने का लक्ष्य रखता है।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित यह केंद्र प्रायोजित योजना एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है, जो 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी ज़िलों में लागू है।
  • फूड फोर्टिफिकेशन: फूड फोर्टिफिकेशन या फूड एनरिचमेंट का आशय चावल, दूध और नमक जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों में प्रमुख विटामिनों व खनिजों (जैसे आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन A तथा D) को संलग्न करने की प्रक्रिया है, ताकि पोषण सामग्री में सुधार लाया जा सके।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013: यह कानूनी रूप से ग्रामीण आबादी के 75% और शहरी आबादी के 50% को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System) के तहत रियायती खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
  • मिशन इंद्रधनुष: यह 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 12 वैक्सीन-निवारक रोगों (VPD) के विरुद्ध टीकाकरण के लिये लक्षित करता है।
  • एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना: वर्ष 1975 में शुरू की गई यह योजना 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये छह सेवाओं का पैकेज प्रदान करती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट की गणना के लिये IFPRI द्वारा उपयोग किये जाने वाले संकेतक निम्नलिखित में से कौन सा/से है/हैं? (2016)

  1. अल्पपोषण
  2. चाइल्ड स्टंटिंग
  3. बाल मृत्यु दर

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) 1, 2 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न: हाल ही में निम्नलिखित में से किन देशों में लाखों लोग या तो भयंकर अकाल एवं कुपोषण से प्रभावित हुए या उनकी युद्धसंजातीय संघर्ष के चलते उत्पन्न भुखमरी के कारण मृत्यु हुई?

(a) अंगोला और जाम्बिया
(b) मोरक्को और ट्यूनीशिया
(c) वेनेजुएला और कोलंबिया
(d) यमन और दक्षिण सूडान

उत्तर: d


प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के बारे में ज़ागरूकता पैदा करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के मामलों को कम करना।
  3. बाजरा, मोटे अनाज और बिना पॉलिश किये चावल की खपत को बढ़ावा देना।
  4. पोल्ट्री अंडे की खपत को बढ़ावा देना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

उत्तर: (a)


प्रश्न: भारत में गरीबी और भूख के बीच संबंधों में बढ़ता अंतर है। सरकार द्वारा सामाजिक व्यय में कमी के कारण गरीब अपने भोजन-बजट को घटाते हुए गैर-खाद्य आवश्यक वस्तुओं पर अधिक खर्च करने के लिये मज़बूर हो रहे हैं। स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2019)

प्रश्न: भारत में आज भी सुशासन के लिये भूख और गरीबी सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं. मूल्यांकन करें कि इन विशाल समस्याओं से निपटने में सरकारों ने कितनी प्रगति की है। सुधार के उपाय सुझाइये। (मुख्य परीक्षा, 2017))

स्रोत: द हिंदू