डेली अपडेट्स

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश | 29 Jul 2022 | भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रिलिम्स के लिये:

FDI, FPI, सरकारी पहल

मेन्स के लिये:

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये FDI का महत्त्व, FDI के विभिन्न मार्ग और घटक, सरकार की पहल

चर्चा में क्यों?

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश सिंगापुर और अमेरिका ने किया। इसके बाद मॉरीशस, नीदरलैंड एवं स्विट्रज़लैंड का स्थान है।

शीर्ष प्राप्तकर्त्ता:

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश:

FDI को बढ़ावा देने हेतु सरकार की पहल:

भारत विकास को बनाए रखना:

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू)

प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2021)

  1. विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय
  2. कुछ शर्तों के साथ विदेशी संस्थागत निवेश
  3. वैश्विक डिपॉज़िटरी रसीदें
  4. अनिवासी बाहरी जमा

उपर्युक्त में से किसको प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में शामिल किया जा सकता है?

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 4
(d) केवल 1 और 4

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • विदेशी निवेश का अर्थ है भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी भारतीय कंपनी के पूंजीगत साधनों में प्रत्यावर्तनीय आधार पर या किसी LLP की पूंजी में किया गया कोई निवेश।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा पूंजीगत साधनों के माध्यम से किया गया निवेश है- (a) किसी गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में अथवा (b) एक सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के पुर्णतः 10% या अधिक पोस्ट पेड-अप इक्विटी पूंजी में।
    • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा पूंजीगत साधनों में किया गया कोई भी निवेश है, जहाँ ऐसा निवेश- (a) सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के पूर्ण रूप से इश्यू के बाद चुकता इक्विटी पूंजी के 10% से कम है या (b) किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के पूंजीगत लिखतों की प्रत्येक शृंखला के चुकता मूल्य के 10% से कम।
  • विदेशी निवेश को FDI के रूप में तभी मान्यता दी जाती है जब निवेश इक्विटी शेयरों, पूरी तरह और अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय वरीयता शेयरों, परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेश किया जाता है। FDI नीति वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय प्रतिभूति जारी करने की अनुमति नहीं देती है।
  • विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाण्ड (FCCBs) भारतीय कंपनी में निवेश किये गए विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाण्ड हैं। चूँकि ये बाण्ड समयावधि में इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय हैं, जैसा कि उपकरण में प्रदान किया गया है, इसलिये वे FDI नीति के अंतर्गत आते हैं और एफसीसीबी जारी करने के माध्यम से भारतीय कंपनी द्वारा प्राप्त आवक प्रेषण को FDI के रूप में माना जाता है तथा FDI के तौर पर गिनती की जाती है। अत: 1 सही है।
  • विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सामान्य रूप से FDI नहीं है क्योंकि एफआईआई कुल चुकता पूंजी के अधिकतम 10 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं, हालांकि अगर एफआईआई परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेश करते हैं तो इसे कुछ सीमाओं के अधीन FDI के रूप में गिना जाता है। अत: कथन 2 सही है।
  • भारतीय कंपनियाँ विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाण्ड और साधारण शेयर (डिपॉज़िटरी रसीद तंत्र के माध्यम से) योजना, 1993 जारी करने के अनुसार अमेरिकी डिपॉज़िटरी रसीद (ADR)/ग्लोबल डिपॉज़िटरी रसीद (जीडीआर) जारी करके विदेशों में विदेशी मुद्रा संसाधन जुटा सकती हैं, इसके लिये भारत सरकार द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। इसलिये बाण्ड FDI नहीं हो सकते हैं लेकिन परिवर्तनीय बाण्ड /डिबेंचर को इक्विटी में परिवर्तित किया जा सकता है और FDI के तहत शामिल किया जा सकता है। अत: 3 कथन सही है।
    • DRs मूल रूप से एक भारतीय कंपनी की ओर से एक डिपॉज़िटरी बैंक द्वारा भारत के बाहर जारी किये गए इक्विटी शेयरों के रूप में विदेशी निवेश है जिसे FDI नीति के तहत कवर किया गया है।
  • अनिवासी द्वारा जमा को FDI के रूप में नहीं माना जाता है क्योंकि बैंक इन जमाओं को ऋण के लिये दे सकते हैं। NRI पोर्टफोलियो निवेश मार्ग के तहत मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। निवेश प्रत्यावर्तनीय या गैर-प्रत्यावर्तनीय हो सकती है, लेकिन निवेश की अधिकतम सीमा संबंधित कंपनी की चुकता पूंजी का 10% होनी चाहिये। अत: कथन 4 सही नहीं है।
  • अतः विकल्प A सही है।

स्रोत:पी.आई.बी.