ड्रग डिस्कवरी हैकेथोन 2020 | 03 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन 2020 के प्रमुख बिंदु

मेन्स के लिये:

ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन 2020 का महत्त्व एवं कार्यप्रणाली

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ (Ministry of Human Resource Development- MHRD) द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन 2020 (Drug Discovery Hackathon) की शुरुआत की गई है। 

प्रमुख बिंदु:

  • यह ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन MHRD, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education- AICTE) तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) की एक संयुक्त पहल है। 
  • यह हैकथॉन COVID-19 की दवा की खोज प्रक्रिया को प्रोत्‍साहित करने के लिये अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय पहल है।
  • इस पहल के माध्यम से विश्व स्तर पर जो भी कंपनी कोरोना वैक्सीन को निर्मित करेगी उसे पुरस्कृत किया जायेगा।
  • यह हैकथॉन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिये दुनिया भर के कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, फार्मेसी, चिकित्सा विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों, प्राध्‍यापकों, शोधकर्त्ताओं एवं छात्रों के लिये खुला रहेगा। 

हैकथॉन की कार्यप्रणाली:

  • हैकथॉन के माध्यम से MHRD तथा AICTE, सार्स–सीओवी-2 (SARS-CoV-2) की संभावित दवा के अणुओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि CSIR इन पहचाने गए अणुओं के प्रभाव, विषाक्तता, संवेदनशीलता एवं उनके संश्लेषण तथा प्रयोगशाला में परीक्षण का कार्य करेगा।
  • हैकथॉन के माध्यम से ‘इन-सिलिको ड्रग खोज’ (In-Silico Drug Discovery) द्वारा सार्स–सीओवी-2 (SARS-CoV-2) के लिये दवा का परीक्षण करने वालों की पहचान करना एवं रासायनिक संश्लेषण एवं जैविक परीक्षण करना भी इसमें शामिल है।
    • दवा की खोज में कम्प्यूटेशनल (सिलिको में) विधियों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। 
    • इस विधि में उपयुक्त दवा की पहचान करना सबसे पहला एवं महत्वपूर्ण कार्य है। 
  • यह हैकथॉन मुख्य रूप से दवा की खोज के कम्प्यूटेशनल पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसमे तीन ट्रैक्स शामिल है-
    • ट्रैक -1 ड्रग डिज़ाइन के लिये कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग या मौजूदा डेटाबेस से प्रमुख यौगिकों की पहचान करने से संबंधित होगा,जिसमें (SARS-CoV-2) को रोकने की क्षमता हो ।
    • ट्रैक -2 प्रतिभागियों को न्यूनतम विषाक्तता और अधिकतम विशिष्टता एवं चयनात्मकता के साथ दवा जैसे यौगिकों की भविष्यवाणी के लिये डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता/ मशीन लर्निंग का उपयोग करके नए टूल और एल्गोरिदम विकसित करने के लिये प्रोत्साहित करेगा। 
    • ट्रैक- 3 जिसे "मून शॉट" कहा जाता है। यह उन समस्याओं पर काम करने की अनुमति देता है जो 'आउट ऑफ द बॉक्स' की प्रवृत्ति के होंगे।
  • प्रत्येक चरण के अंत में सफल टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा। चरण 3 के अंत में पहचाने गए प्रथम 3 प्रमुख यौगिकों को CSIR एवं अन्य इच्छुक संगठनों में प्रायोगिक स्तर के लिये आगे ले जाया जाएगा।

महत्त्व:

  • यह हैकथॉन दवा की खोज प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये भारत को नए मॉडल स्थापित करने में मदद करेगा। 
  • इसके माध्यम से (SARS-CoV-2) की दवा को विकसित करने में तेज़ी आएगी। 

स्रोत: पीआईबी