LPG के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBTL) योजना | 07 Aug 2025

स्रोत: TH

चर्चा में क्यों? 

भारत की रसोई गैस के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBTL) योजना, जिसे प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (PAHAL) योजना के नाम से भी जाना जाता है, के माध्यम से 4.08 करोड़ से अधिक डुप्लीकेट, फर्जी या निष्क्रिय एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) कनेक्शनों को ब्लॉक, निलंबित या निष्क्रिय कर दिया गया है।

LPG के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBTL) क्या है?

  • DBTL: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में LPG सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में स्थानांतरित करने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और रिसाव को कम करने के लिये DBTL शुरू किया गया था।
    • DBTL के अंतर्गत, अब सभी LPG सिलेंडर गैर-सब्सिडी दरों पर बेचे जाते हैं तथा सब्सिडी राशि सिलेंडर की डिलीवरी के बाद लाभार्थियों को भेजी जाती है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • प्रत्यक्ष लाभ: सब्सिडी स्वचालित रूप से आधार ट्रांसफर कंप्लायंट (ATC) या बैंक ट्रांसफर कंप्लायंट (BTC) मोड के माध्यम से उपयोगकर्त्ता के खाते में जमा हो जाती है। इससे डायवर्जन और फर्जी कनेक्शन समाप्त हो जाते हैं और उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा होती है।
    • उपभोक्ता सशक्तीकरण: उपयोगकर्त्ता पात्रता के आधार पर सब्सिडी लेने/छोड़ने का विकल्प चुन सकते हैं।
    • कुशल वितरण: पारदर्शिता में सुधार और LPG आपूर्ति को सुव्यवस्थित करता है।
  • पात्रता: पंजीकृत LPG उपभोक्ता होना चाहिये तथा आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार आवेदक और उसके पति/पत्नी की संयुक्त कर योग्य आय पिछले वित्तीय वर्ष में 10,00,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिये।
  • उपलब्धियाँ: जुलाई 2024 तक, 30.19 करोड़ से अधिक LPG उपभोक्ता PAHAL योजना में पंजीकृत हो चुके हैं। वर्ष 2024–25 में 194 करोड़ गैस रिफिल वितरित की गईं, जिनमें केवल 0.08% शिकायतें दर्ज हुईं, जो योजना की दक्षता को दर्शाता है।
    • सक्रिय LPG उपभोक्ताओं में से 92.44% का आधार सिस्टम में दर्ज है। DBTL उपभोक्ताओं में से 86.78% आधार-ट्रांसफर कम्प्लायंट के अनुरूप हैं।
    • रिसर्च एंड डेवलपमेंट इनिशिएटिव (RDI) द्वारा की गई एक तृतीय-पक्ष मूल्यांकन में पाया गया कि 90% से अधिक उपभोक्ता PAHAL की सब्सिडी प्रणाली से संतुष्ट हैं। रिपोर्ट में बेहतर लक्षित लाभ, सशक्त शिकायत निवारण प्रणाली और व्यापक सुरक्षा जागरूकता की सिफारिश की गई है।

भारत की कल्याणकारी योजनाओं की वितरण प्रणाली प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के माध्यम से कैसे बेहतर हुई है?

  • DBT और रिसाव पर नियंत्रण: भारत की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली ने ₹3.48 लाख करोड़ की बचत की है, जो लाभ वितरण में रिसाव पर नियंत्रण के माध्यम से संभव हुआ। इसके परिणामस्वरूप, वर्ष 2009 से 2024 के बीच सब्सिडी व्यय कुल सरकारी खर्च के 16% से घटकर 9% रह गया है।
  • लाभार्थी कवरेज: DBT के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या 16 गुना बढ़ी है, वर्ष 2014 में 11 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024 में 176 करोड़ हो गई। यह वृद्धि JAM ट्रिनिटी (जन धन, आधार, मोबाइल) जैसी डिजिटल अवसंरचना की मदद से संभव हुई है।

    • DBT में नकद हस्तांतरण (जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), पेंशन और छात्रवृत्तियाँ) के साथ-साथ वस्तु आधारित सहायता (जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न और उर्वरक सब्सिडी) दोनों शामिल हैं।
    • लाभार्थी कवरेज और DBT बचत के बीच 0.71 का मज़बूत सकारात्मक सहसंबंध पाया गया है, जो दर्शाता है कि जैसे-जैसे कवरेज में वृद्धि हुई, बचत भी बढ़ी।
      • सब्सिडी व्यय और कल्याण दक्षता के बीच नकारात्मक सहसंबंध (-0.74) यह दर्शाता है कि DBT ने रिसाव और अपव्यय को घटाकर दक्षता बढ़ाई है।

  • वेलफेयर एफिशिएंसी इंडेक्स (WEI): ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन का WEI प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) की सफलता को मापता है, जिसमें DBT बचत (50% भार), सब्सिडी में कमी (30% भार), और लाभार्थी वृद्धि (20% भार) शामिल है। यह वर्ष 2014 में 0.32 से बढ़कर 2023 में 0.91 हो गया, जो बेहतर दक्षता और समावेशन को दर्शाता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली ने भारत की कल्याणकारी वितरण प्रणाली को किस प्रकार नया रूप दिया है?

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न

मेन्स

प्रश्न. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के माध्यम से सरकारी प्रदेय व्यवस्था में सुधार एक प्रगतिशील कदम है, किंतु इसकी अपनी सीमाएँ भी हैं। टिप्पणी कीजिये। (2022)