बांध सुरक्षा विधेयक | 18 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (Union Cabinet Committee on Economic Affairs-CCEA) द्वारा मंज़ूरी दिये जाने के बाद केंद्र सरकार अब बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 को संसद में पेश करने की तैयार कर रही है।

मुख्य बिंदु :

  • इस विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के 5,600 बांधों को सुरक्षित बनाए रखा जाए।
  • वर्ष 2010 से इस विधेयक के विभिन्न संस्करण संसद में पेश किये गए थे, परंतु राज्यों के भारी विरोध के कारण कोई भी सफलतापूर्वक पास नहीं हो पाया।
  • कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्यों ने इस विधेयक का यह कहते हुए विरोध किया था कि यह विधेयक राज्यों की, उनके बांधों को सुरक्षित रखने की, संप्रभुता पर अतिक्रमण करता है।
  • CCEA ने बहुउद्देशीय परियोजना (जोकि भारत की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है) के लिये भी 1,600 करोड़ रुपए के पूर्व-निवेश व्यय को भी मंज़ूरी दी है।

बांध सुरक्षा विधेयक

(Dam Safety Bill)

  • बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 के प्रावधानों से केंद्र और राज्यों में बांध सुरक्षा की संस्थागत व्यवस्थाओं को शक्तियाँ प्राप्त होंगी और इससे पूरे देश में मानकीकरण एवं बांध सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • विधेयक में बांध सुरक्षा संबंधी सभी विषयों को शामिल किया गया है। इसमें बांध का नियमित निरीक्षण, आपात कार्य-योजना, विस्‍तृत सुरक्षा के लिये पर्याप्‍त मरम्‍मत और रख-रखाव कोष, इंस्‍ट्रूमेंटेशन तथा सुरक्षा मैनुअल शामिल हैं।
  • इसमें बांध सुरक्षा का दायित्‍व बांध के स्‍वामी पर है और विफलता के लिये दंड का प्रावधान भी है।

स्रोत: द हिंदू