कच्चे तेल की कीमतें और भारत का आयात बिल | 28 Apr 2020

प्रीलिम्स के लिये

इंडियन क्रूड आयल बास्केट

मेन्स के लिये

तेल की कीमतों का भारत के आयात बिल पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

भारत ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के मद्देनज़र मार्च के मध्य से अपने रणनीतिक तेल भंडार में वृद्धि की है और मई के अंत तक इसे बढ़ाने की उम्मीद है, किंतु इसके बावजूद वित्तीय वर्ष 2020 में देश का तेल आयात बिल 100 बिलियन डॉलर के आसपास रह सकता है, जो कि वित्तीय वर्ष 2019 के तेल आयात बिल (111.9 बिलियन डॉलर) से बहुत कम है।

प्रमुख बिंदु

  • वित्तीय वर्ष 2020 के लिये अनुमानित 111.3 बिलियन डॉलर (233 मिलियन टन) के मुकाबले भारत ने अब तक कच्चे तेल का मात्र 95.5 बिलियन डॉलर (207 मिलियन टन) का आयात किया है।
  • हालाँकि सरकार द्वारा मार्च माह के आयात के संदर्भ में अभी तक आधिकारिक आँकड़े जारी नहीं किये गए हैं, किंतु वैश्विक तेल बाज़ार अनुसंधान संस्थाओं के अनुसार, भारत द्वारा मार्च माह में 20.3 मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया गया, जो कि अक्तूबर 2019 के बाद से एक महीने में आयात की गई तेल की सबसे अधिक मात्रा है।
  • मार्च माह के साथ-साथ अप्रैल में भी तेल की खरीद काफी तेज़ी से की जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक प्रतिमाह तेल की औसत खरीद 18.8 मीट्रिक टन रही है।

प्रभाव

  • वैश्विक तेल बाज़ार अनुसंधान संस्थाओं के अनुसार, भारत तेल की कम कीमतों का लाभ उठाने वाले कुछ प्रमुख देशों में से एक है।
  • यदि इंडियन क्रूड आयल बास्केट (Indian Crude Oil Basket) की कीमत मौजूदा वित्तीय वर्ष में 25 डॉलर प्रति बैरल से कम रहती है तो वित्तीय वर्ष 2021 में भारत के कच्चे तेल का आयात बिल 57 प्रतिशत घटकर 43 बिलियन डॉलर पहुँच सकता है, जिससे भारत के चालू खाते (Current Account) को काफी लाभ प्राप्त होगा।
    • इंडियन क्रूड आयल बास्केट की कीमत जनवरी माह में औसतन 64 डॉलर प्रति बैरल थी, जो कि 20 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गई है। 
  • यद्यपि वर्तमान में कोरोनावायरस (COVID-19) के प्रकोप को रोकने के लिये लागू किये गए लॉकडाउन के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की मांग काफी कम हो गई है, किंतु भारतीय रिफाइनर्स ने वैश्विक बाज़ार से कच्चे तेल का काफी अधिक आयात किया है, जिससे भारत के तेल भंडार पूरी तरह से भर गए हैं।
  • ध्यातव्य है कि भारत अपने आवश्यक कच्चे तेल का लगभग 82 प्रतिशत आयात करता है और भारत द्वारा आयात किये जाने वाले सभी सामानों में कच्चे तेल की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत है। 

इंडियन क्रूड आयल बास्केट

  • इंडियन क्रूड आयल बास्केट या इंडियन बास्केट का अभिप्राय सोर क्रूड आयल (Sour Crude Oil) और स्वीट क्रूड आयल (Sweet Crude Oil) अर्थात् ब्रेंट क्रूड आयल (Brent Crude Oil) के भारित औसत से होता है।
  • सल्फर की उच्च मात्रा वाले कच्चे तेल को सोर क्रूड आयल (Sour Crude Oil) कहा जाता है, जबकि सल्फर की कम मात्रा वाले कच्चे तेल को स्वीट क्रूड आयल (Sweet Crude Oil) अर्थात् ब्रेंट क्रूड आयल (Brent Crude Oil) कहा जाता है। 
  • भारतीय क्रूड बास्केट का उपयोग भारत में कच्चे तेल के आयात की कीमत के संकेतक के रूप में किया जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस