भारत के विनिर्माण क्षेत्र का संकुचन: PMI | 02 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये:

क्रय प्रबंधक सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

मेन्स के लिये:

नीतिगत निर्णयन में क्रय प्रबंधक सूचकांक का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

आईएचएस मार्किट इंडिया (IHS Markit India) के सर्वेक्षण के अनुसार, विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (Purchasing Managers' Index- PMI) जून में घटकर 48.1 पर आ गया, यह मई में 50.8 था, जो संकुचन से विकास को अलग करते हुए 50 के स्तर से नीचे चला गया।

  • भारत की विनिर्माण गतिविधि जून में 11 महीनों में पहली बार संकुचित हुई क्योंकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और सख्त नियंत्रण उपायों ने मांग को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया तथा कारखाने के आदेशों, उत्पादन, निर्यात एवं खरीद की मात्रा में संकुचन को प्रभावित किया।

प्रमुख बिंदु:

  • PMI एक सर्वेक्षण-आधारित प्रणाली है जो उत्तरदाताओं को पिछले माह की तुलना में प्रमुख व्यावसायिक चर के संदर्भ में उनकी धारणा में बदलाव के बारे में बताती है।
  • PMI का उद्देश्य कंपनी के नीति निर्माताओं, विश्लेषकों और निवेशकों को वर्तमान एवं भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
  • विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों हेतु इसकी गणना अलग से की जाती है तथा फिर एक समग्र सूचकांक भी बनाया जाता है।
    • PMI में 0 से 100 तक की संख्याएँ अंकित होती हैं।
    • सूचकांक में 50 से अधिक अंक अर्थव्यवस्था के विस्तार को, जबकि इससे नीचे का स्कोर संकुचन की स्थिति को दर्शाता है।
    • 50 का स्कोर किसी बदलाव को नहीं दर्शाता है।
  • यदि पिछले माह का PMI चालू माह के PMI से अधिक है, तो यह अर्थव्यवस्था के संकुचन को दर्शाता है।
  • सामान्यत: इसे हर माह की शुरुआत में जारी किया जाता है, इसलिये इसे आर्थिक गतिविधि का एक अच्छा अग्रणी संकेतक माना जाता है।
  • IHS मार्किट द्वारा दुनिया भर में 40 से अधिक अर्थव्यवस्थाओं के लिये ‘क्रय प्रबंधक सूचकांक’ का संकलन किया जाता है।
    • IHS मार्किट विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख उद्योगों और बाज़ारों हेतु सूचना, विश्लेषण और समाधान प्रस्तुत करने वाली एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है।
  • चूँकि औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण और सकल घरेलू उत्पाद से संबंधित आँकड़े काफी देर से प्राप्त होते हैं, ऐसे में PMI प्रारंभिक स्तर पर सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।
  • यह औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) से अलग है, जो अर्थव्यवस्था में गतिविधि के स्तर को भी मापता है।
    • PMI की तुलना में IIP अधिक व्यापक औद्योगिक क्षेत्र को कवर करता है।
    • हालांँकि मानक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की तुलना में PMI अधिक गतिशील है।

स्रोत: द हिंदू