बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) पहल | 29 Sep 2021

प्रिलिम्स के लिये:

बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) पहल

मेन्स के लिये:

बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) पहल का महत्त्व और चुनौतियाँ 

चर्चा में क्यों?

बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) पहल हेतु संभावित परियोजनाओं की तलाश में अमेरिकी अधिकारी लैटिन अमेरिका का दौरा करेंगे। B3W जून 2021 में सबसे सफल लोकतंत्र वाले देशों के G-7 समूह द्वारा घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचा निवेश पहल है।

प्रमुख बिंदु 

  • B3W और इसके मार्गदर्शक सिद्धांत:
    • लक्ष्य: बिल्ड बैक बेटर प्लान विकासशील और निम्न-आय वाले देशों के लिये G-7 देशों द्वारा प्रस्तावित एक कोविड-19 राहत, भविष्य का आर्थिक और बुनियादी ढाँचा पैकेज़ है।
    • B3W के घटक: B3W के माध्यम से G7 और अन्य समान विचारधारा वाले भागीदार फोकस के चार क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की पूंजी जुटाने में समन्वय स्थापित करेंगे:
      • जलवायु
      • स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सुरक्षा
      • डिजिटल टेक्नोलाॅजी
      • लैंगिक समानता 
    • मूल्य-संचालित विकास: वित्तीय, पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से पारदर्शी तथा  टिकाऊ तरीके से किये गए बुनियादी ढाँचे के विकास से प्राप्तकर्त्ता देशों और समुदायों के लिये बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
    • सुशासन और मज़बूत मानक: पर्यावरण और जलवायु, श्रम एवं सामाजिक सुरक्षा उपायों, पारदर्शिता, वित्तपोषण, निर्माण, भ्रष्टाचार विरोधी तथा अन्य क्षेत्रों से संबंधित ब्लू डॉट नेटवर्क द्वारा प्रचारित मानकों का अनुपालन कर निवेश को बढ़ावा देने के लिये B3W महत्त्वपूर्ण है।
    • जलवायु अनुकूल: यह पहल पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के अनुरूप तरीके से स्थापित किया जाएगा।
    • मज़बूत रणनीतिक साझेदारी: B3W विकास के आक्रामक मॉडल का मुकाबला करने और वैश्विक विकास का एक व्यापक समावेशी मॉडल स्थापित करने की परिकल्पना करेगा।
  • BRI और संबद्ध मुद्दे:
    • वर्ष 2013 से 2020 के मध्य तक चीन का कुल निवेश लगभग 750 बिलियन डॉलर था।
  • हालाँकि निम्नलिखित कारणों से BRI परियोजना की भारी आलोचना हुई है:
    • पश्चिमी आलोचकों द्वारा इस पहल को नव उपनिवेशवाद या 21वीं सदी की मार्शल योजना के रूप में देखा जा रहा है।
    • BRI को चीन की ऋण जाल नीति के एक भाग के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसमें चीन जान-बूझकर कर्ज़दार देश से आर्थिक या राजनीतिक रियायतें प्राप्त करने के इरादे से दूसरे देश को अत्यधिक ऋण देता है।
    • इसके अलावा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), श्रीलंका में कोलंबो पोर्ट सिटी परियोजना का निर्माण जैसी परियोजनाएँ न केवल वाणिज्यिक प्रकृति की हैं बल्कि रणनीतिक प्रभाव भी उत्पन्न करती हैं।
    • BRI परियोजना 2013 में शुरू की गई थी, इसका व्यापक उद्देश्य माल के सीमा पार परिवहन, ऊर्जा तक पहुँच, चीनी उद्योगों में मौजूदा अतिरिक्त क्षमता का उपयोग करना है।

आगे की राह

  • संगठित वित्तीयन: अवसंरचना विधेयकों पर पाँच वर्षों में 1.2 ट्रिलियन डॉलर और सुलह विधेयक पर दस वर्षों में 3.5 ट्रिलियन डॉलर खर्च होने का अनुमान है।
    • ये दोनों विधेयक अमेरिकी राष्ट्रपति के आर्थिक एजेंडे की नींव तैयार करते हैं और उनकी बिल्ड बैक बेटर योजना का हिस्सा हैं।
    • हालाँकि इन विधेयकों पर अमेरिकी सीनेट में भारी बहस जारी रही है और इनके पारित होने की संभावना कम है।
    • इस प्रकार B3W की सफलता के लिये एक स्थायी वित्तपोषण मॉडल विकसित करने की आवश्यकता है।
  • पूंजीवाद की पुनः तलाश: कोविड-19 ने समकालीन पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं की संवेदनशीलता और सामाजिक रूप से नकारात्मक परिणामों को उजागर किया है।
    • इस प्रकार B3W ब्लूप्रिंट द्वारा हाइलाइट किये गए वैश्विक विकास की ओर ले जाने के लिये इसे पूंजीवाद के वर्तमान मॉडल के फाइन-ट्यूनिंग की आवश्यकता होगी।
  • लोकतंत्रों के मध्य आम सहमति बनाना: जीवंत लोकतंत्र वाले इन देशों द्वारा तैयार की गई किसी भी योजना में आमतौर पर समय लग सकता है और योजनाओं को कई राजनयिक और नौकरशाही प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है।
    • इस प्रकार G-7 देशों के लिये मुख्य चुनौती वैश्विक आम सहमति बनाना और समयबद्ध तरीके से परियोजनाओं लागू करना है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस