ओडिशा और आंध्र प्रदेश में PVTG को ST सूची में शामिल करने हेतु विधेयक | 12 Feb 2024

प्रिलिम्स के लिये:

संसद, अनुसूचित जनजाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG), पीएम-जनमन

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, आबादी के कमज़ोर वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में संसद ने दो विधेयक पारित किये जिनका उद्देश्य आंध्र प्रदेश और ओडिशा में अनुसूचित जनजाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची को संशोधित करना है। लोकसभा में ये विधेयक ध्वनि मत (Voice Vote) से पारित हो गए।

ध्वनि मत:

  • ध्वनि मत में सदन के अध्यक्ष/सभापति द्वारा सदन के समक्ष प्रश्न रखते हुए सदन के सदस्यों से ‘हाँ’ (Ayes) और ‘ना’ (Noes) के रूप में अपनी राय देने को कहा जाता है। ध्वनि के आधार पर बहुमत का निर्णय करते हुए अध्यक्ष/सभापति तय करते हैं कि प्रस्ताव पारित किया गया था या नहीं।

विधेयक क्या हैं और वे क्या प्रस्तावित करते हैं?

  • आंध्र प्रदेश: संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 आंध्र प्रदेश के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करना चाहता है।
    • आदेश में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजाति मानी जाने वाली जनजातियों को सूचीबद्ध किया गया है।
    • विधेयक आंध्र प्रदेश में ST की सूची में निम्नलिखित विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) को जोड़ता है: (i) बोंडो पोरजा, (ii) खोंड पोरजा, और (iii) कोंडा सावरस।
  • ओडिशा: संविधान (अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 ओडिशा में SC और ST की सूची को संशोधित करने के लिये संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 एवं संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करता है।
    • ओडिशा में अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किये गए PVTG:
      • पौडी भुइयाँ और पौड़ी भुइयाँ (भुइयाँ जनजाति के पर्यायवाची के रूप में शामिल)।
      • चुकटिया भुंजिया (भुंजिया जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त)।
      • बॉन्डो समुदाय (बॉन्डो पोराजा की उप-जनजाति)।
      • मनकिडिया समुदाय (मानकिर्डिया जनजाति का पर्यायवाची)।
    • ओडिशा की ST सूची दो नई प्रविष्टियों के साथ विस्तारित हुई जिसमें मुका डोरा (मूका डोरा, नुका डोरा और नूका डोरा भी) तथा कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल हैं।
    • यह विधेयक ओडिशा में तमाडिया और तमुडिया समुदायों को SC की सूची के स्थान पर ST की सूची में शामिल करता है।

नोटः

  • बिल में केवल ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में मौजूदा ST के पर्यायवाची शब्द, ध्वन्यात्मक विविधताएँ और उप-जनजातियाँ शामिल की गईं तथा भारत में PVTG की संख्या 75 पर अपरिवर्तित बनी हुई है।

इन विधेयकों का महत्त्व क्या है?

  • यह संशोधन विभिन्न क्षेत्रों में कुछ जनजातियों के साथ होने वाली व्यावहारिक विसंगतियों का समाधान करता है।
    • कोंडा रेड्डी और मुका डोरा जैसे समुदायों को आंध्र प्रदेश में ST के रूप में मान्यता दी गई थी लेकिन ओडिशा में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा।
    • ST सूची में इन समूहों को शामिल करने से लंबे समय से चली आ रही असमानताएँ दूर हो जाती हैं जिससे सरकारी प्रावधानों तथा सेवाओं तक समान पहुँच सुनिश्चित होती है।
  • ST के रूप में सूचीबद्ध PVTG को शिक्षा, रोज़गार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में आरक्षण कोटा तक पहुँच प्राप्त होती है।
  • ST का दर्जा शैक्षणिक संस्थानों में सकारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करता है, जिससे PVTG छात्रों को समान अवसर पर प्रतिस्पर्द्धा करने का अवसर मिलता है।

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह क्या है?

  • परिचय:
    • PVTG एक अनुसूचित जनजाति अथवा अनुसूचित जनजाति के उस वर्ग का उप-वर्गीकरण है जिसे नियमित अनुसूचित जनजाति की तुलना में अधिक असुरक्षित माना जाता है। भारत सरकार ने उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिये PVTG सूची बनाई।
      • भारत में 75 PVTG हैं जिसमें सबसे अधिक 13 ओडिशा में हैं तथा इसके बाद 12 आंध्र प्रदेश में हैं।
    • अनुच्छेद 342(1): किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में राष्ट्रपति (राज्य के मामले में राज्यपाल से परामर्श के बाद) उस राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में जनजातियों/आदिवासी समुदायों/जनजातियों/आदिवासी समुदायों के हिस्से या समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में निर्दिष्ट कर सकते हैं।
      • किसी भी जनजाति, आदिवासी समुदाय, या किसी जनजाति तथा आदिवासी समुदाय के हिस्से एवं समूह को कानून के माध्यम से संसद द्वारा अनुच्छेद 342(1) के तहत जारी अधिसूचना में निर्दिष्ट ST की सूची में शामिल किया जा सकता है या हटाया जा सकता है; हालाँकि जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, को छोड़कर उक्त खंड के तहत जारी अधिसूचना किसी भी बाद की अधिसूचना से भिन्न नहीं होगी।
  • पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

 प्रश्न. भारत में विशिष्टत: असुरक्षित जनजातीय समूहों पर्टिकुलरली वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप्स (PVTGs) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. PVTGs देश के 18 राज्यों तथा एक संघ राज्यक्षेत्र में निवास करते हैं।
2. स्थिर या कम होती जनसंख्या, PVTG स्थिति के निर्धारण के मानदंडों में से एक है।
3. देश में अब तक 95 PVTGs आधिकारिक रूप से अधिसूचित  हैं।
4. PVTGs की सूची में ईरूलार और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं।

उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2 और 4
(d) 1, 3 और 4

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. स्वतंत्रता के बाद अनुसूचित जनजातियों (एस.टी.) के प्रति भेदभाव को दूर करने के लिये राज्य द्वारा की गईं दो प्रमुख विधिक पहलें क्या हैं? (2017)

प्रश्न. क्या कारण है कि भारत में जनजातियों को 'अनुसूचित जनजातियाँ' कहा जाता है? भारत के संविधान में प्रतिष्ठापित उनके उत्थान के लिये प्रमुख प्रावधानों को सूचित कीजिये। (2016)