एंथ्रोपाॅज़ काल | 27 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये

एंथ्रोपाॅज़, ग्रेट पॉज

मेन्स के लिये

COVID-19 से प्रेरित लॉकडाउन अवधि का पर्यावरणीय प्रभाव आकलन

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में यू.के में शोधकर्त्ताओं ने COVID-19 से प्रेरित लॉकडाउन अवधि का उल्लेख करने के लिये एक शब्द 'एंथ्रोपाॅज़' (Anthropause) गढ़ा है और वे अन्य प्रजातियों पर इस अवधि के प्रभाव का अध्ययन करेंगे। 

प्रमुख बिंदु: 

  • 'एंथ्रोपाॅज़' (Anthropause) दो शब्दों [एंथ्रोपो (Anthropo) अर्थात् मनुष्य से संबंधित और पाॅज़ (Pause) अर्थात् ठहराव] से मिलकर बना है।
  • यह COVID-19 से प्रेरित लॉकडाउन अवधि के लिये अधिक सटीक शब्द है जिसे 'ग्रेट पॉज़' (Great Pause) के रूप में भी संदर्भित किया जा रहा है। 
  • यह विशेष रूप से आधुनिक मानव गतिविधियों के लिये वैश्विक ठहराव (विशेष रूप से यात्रा) को संदर्भित करता है।

वैश्विक स्तर पर इस अवधि का विभिन्न प्रजातियों पर प्रभाव:

  • COVID-19 के मद्देनज़र विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में लॉकडाउन के परिणामस्वरूप प्रकृति विशेष रूप से शहरी वातावरण (Urban Environments) में बदलाव देखा गया। 
    • लॉकडाउन के कारण वन्यजीवों का असामान्य व्यवहार एवं अप्रत्याशित वन्यजीवों को कई बार देखा गया है उदाहरण के तौर पर चिली के डाउनटाउन सैंटियागो (Santiago) में प्यूमा (Pumas) को, इटली में ट्राइस्टे (Trieste) बंदरगाह के पास शांत जल में डॉल्फिन को, तेल अवीव (इज़राइल) के शहरी पार्कों में दिन के उजाले में सियार को देखा गया।   
    • मानवीय नज़रों से दूर तथा पोत यातायात और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में कमी के बाद वन्यजीव दुनिया के महासागरों में अधिक स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं।
  • वहीँ दूसरी ओर विभिन्न शहरी आवास वाले जीव-जंतुओं जैसे चूहे और बंदरों के लिये लॉकडाउन अवधि अधिक कठिन एवं चुनौतीपूर्ण हो गया है जो मनुष्यों द्वारा प्रदान किये गए भोजन पर निर्भर हैं।

अध्ययन का महत्त्व:

  • 21वीं सदी में इस लॉकडाउन अवधि का अध्ययन मानव-वन्यजीव संबंधों के लिये एक मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा क्योंकि मानव आबादी का विस्तार अभूतपूर्व दर से हो रहा है जो प्राकृतिक वातावरण में नकारात्मक बदलाव के लिये ज़िम्मेदार है।
  • मानव एवं वन्यजीवों के व्यवहार से संबंधित यह अंतर्संबंध एक बहुमूल्य जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकता है। जो निम्नलिखित तरीकों से उपयोगी हो सकता है:-

आगे की राह:

  • इस प्रकार COVID-19 महामारी बड़ी मात्रा में डेटा क्लस्टर का निर्माण करके वन्यजीवों की प्रतिक्रियाओं से संबंधित एक वैश्विक परिदृश्य निर्मित करने का अवसर देती है।
  • इस तरह की सहयोगी परियोजनाएँ उपर्युक्त उल्लिखित स्थानिक एवं कालिक दृष्टिकोणों को एकीकृत करेंगी जो ‘कार्य-कारण संबंधों’ को उजागर करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस