अंबेडकर सर्किट | 26 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

अंबेडकर सर्किट, पंचतीर्थ, महाड सत्याग्रह, पूना पैक्ट, स्वदेश दर्शन योजना।

मेन्स के लिये:

डॉ. बीआर अंबेडकर का योगदान।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने अंबेडकर सर्किट नामक एक विशेष पर्यटक सर्किट की घोषणा की जिसमें डॉ. भीम राव अंबेडकर से संबंधित पाँच प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है।

अंबेडकर सर्किट:

  • परिचय:
    • सरकार ने पहली बार वर्ष 2016 में अंबेडकर सर्किट या पंचतीर्थ का प्रस्ताव रखा था, लेकिन हाल ही में इस योजना की अवधारणा प्रस्तुत की गई है।
    • सरकार द्वारा घोषित पर्यटन सर्किट के पाँच शहर हैं:
      • जन्मभूमि- मध्य प्रदेश के महू में अंबेडकर का जन्मस्थान।
      • शिक्षा भूमि- लंदन में वह स्थान जहाँ वह अपने अध्ययन काल में रहते थे।
      • दीक्षा भूमि- नागपुर में वह स्थान जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म ग्रहण किया।
      • महापरिनिर्वाण भूमि- दिल्ली में उनके निधन का स्थान।
      • चैत्य भूमि- मुंबई में उनके अंतिम संस्कार का स्थान।
  • महत्त्व:
    • पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करना:
      • इसका उद्देश्य दलित समुदाय के अलावा पर्यटकों को आकर्षित करना है, जो ज़्यादातर इन स्थानों पर तीर्थ यात्रा के लिये आते हैं।
      • यात्रा में भोजन, परिवहन और स्थल पर प्रवेश शामिल होगा।
    • क्षेत्र का विकास:
      • विशेष सर्किट के निर्माण से सरकार को बुनियादी ढाँचे, सड़क और रेल संपर्क एवं आगंतुक सुविधाओं सहित विषय से संबंधित सभी स्थलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है।

अंबेडकर सर्किट से संबंधित मुद्दे:

  • सरकार के स्थानीय और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना:
    • विभिन्न दलित विद्वानों और अंबेडकरवादियों ने तर्क दिया कि इसमें शामिल पाँच स्थल अंबेडकर की वास्तविक विरासत के साथ न्याय नहीं करते हैं ये केवल सरकार के "स्थानीय और राष्ट्रवादी" छवि का तुष्टिकरण करते हैं।
  • अन्य महत्त्वपूर्ण स्थलों को मान्यता:
    • आलोचकों का दावा है कि कई अन्य स्थल हैं जिन्हें अभी तक मान्यता प्राप्त नहीं हुई जैसे:
      • महाराष्ट्र का रायगढ़ ज़िला, जहाँ डॉ. अंबेडकर ने महाड सत्याग्रह का नेतृत्व किया था,
      • पुणे, जहाँ उन्होंने यरवदा जेल में महात्मा गांधी के साथ दलित वर्गों के लिये एक अलग निर्वाचक मंडल के विषय पर पहली बार बातचीत की थी।
        • इसी का परिणाम दलित वर्गों की ओर से डॉ अंबेडकर द्वारा और उच्च जाति के हिंदुओं की ओर से मदन मोहन मालवीय द्वारा हस्ताक्षरित पूना पैक्ट था।
      • श्रीलंका, जहाँ उन्होंने एक बौद्ध सम्मेलन में भाग लिया, के बारे में कहा जाता है कि इसने उन्हें बौद्ध धर्म अपनाने के लिये प्रभावित किया
      • कोल्हापुर, जहाँ मार्च 1920 में एक और महान समाज सुधारक छत्रपति शाहूजी महाराज ने डॉ अंबेडकर को भारत में उत्पीड़ित वर्गों के सच्चे नेता के रूप में घोषित किया।

अन्य पर्यटन सर्किट:

  • सरकार ने वर्ष 2014-15 में स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 पर्यटन सर्किटों की पहचान की थी।
  • रामायण और बौद्ध सर्किट के अलावा अन्य में तटीय सर्किट, डेजर्ट सर्किट, इको सर्किट, हेरिटेज, नॉर्थ ईस्ट, हिमालयन, सूफी, कृष्णा, ग्रामीण, आदिवासी और तीर्थंकर सर्किट शामिल हैं।
  • ट्रेन सहयोग के मामले में रामायण, बौद्ध और पूर्वोत्तर सर्किट पहले से ही सक्रिय हैं, जबकि चौथा अंबेडकर सर्किट होगा।

डॉ. भीमराव अंबेडकर:

  • परिचय:
    • बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म वर्ष 1891 में महू, मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में हुआ था।
    • उन्हें ‘भारतीय संविधान का जनक’ माना जाता है और वह भारत के पहले कानून मंत्री थे।
      • वह संविधान निर्माण की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
    • डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, लेखक, बहुभाषाविद, मुखर वक्ता, विद्वान और धर्मों के विचारक थे।
    • उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों (Round Table Conferences) में भाग लिया।
    • वर्ष 1932 में डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गांधी के साथ पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किये, जिससे उन्होंने दलित वर्गों (सांप्रदायिक पंचाट) हेतु पृथक निर्वाचन मंडल की मांग के विचार को छोड़ दिया।
      • हालाँकि प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गों के लिये सुरक्षित सीटों की संख्या 71 से बढ़ाकर 147 कर दी गई तथा केंद्रीय विधानमंडल (Central Legislature) में दलित वर्गों की सुरक्षित सीटों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
    • हिल्टन यंग कमीशन (Hilton Young Commission) के समक्ष प्रस्तुत उनके विचारों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) की नींव रखने का कार्य किया।
      • उन्होंने वर्ष 1951 में हिंदू कोड बिल पर मतभेदों के कारण कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
      • उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया। चैत्य भूमि मुंबई में स्थित भीमराव अंबेडकर का स्मारक है।
    • वर्ष 1936 में वे विधायक (MLA) के रूप में बॉम्बे विधानसभा (Bombay Legislative Assembly) के लिये चुने गए।
    • वर्ष 1942 में उन्हें एक कार्यकारी सदस्य के रूप में वायसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्त किया गया था।
    • वर्ष 1947 में डॉ. अंबेडकर ने स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनने हेतु प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निमंत्रण को स्वीकार किया।
    • हिंदू कोड बिल (Hindu Code Bill) पर मतभेद को लेकर उन्होने वर्ष 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
    • उन्होंने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया तथा  6 दिसंबर, 1956 (महापरिनिर्वाण दिवस) को उनका निधन हो गया।

महत्त्वपूर्ण कार्य:

  • पत्रिकाएँ:
    • मूकनायक (1920)
    • बहिष्कृत भारत'  (1927)
    • समता (1929)
    • जनता (1930)
  • पुस्तकें:
    • जाति प्रथा का विनाश
    • बुद्ध या कार्ल मार्क्स
    • अछूत: वे कौन थे और अछूत कैसे बन गए
    • बुद्ध और उनके धम्म
    • हिंदू महिलाओं का उदय और पतन
  • संगठन:
    • बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923)
    • स्वतंत्र लेबर पार्टी (1936)
    • अनुसूचित जाति फेडरेशन (1942)

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निम्नलिखित में से किन दलों की स्थापना डॉ. बी आर अंबेडकर ने की थी? (2012)

  1. द पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया
  2. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ
  3. स्वतंत्र लेबर पार्टी

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: B

  • द पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया का गठन वर्ष 1947 में पुणे के केशवराव जेधे, शंकरराव मोरे और अन्य लोगों द्वारा किया गया था। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ की स्थापना वर्ष 1942 में बी आर अंबेडकर ने की थी और इस पार्टी ने वर्ष 1946 के आम चुनावों में भाग लिया था। अतः 2 सही है।
  • स्वतंत्र लेबर पार्टी (आईएलपी) का गठन भी वर्ष 1936 में बीआर अंबेडकर द्वारा किया गया था, जिसने बॉम्बे के प्रांतीय चुनावों में भाग लिया था। अतः 3 सही है।

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू