सार्वजनिक सेवा वितरण में AI | 06 Aug 2025

स्रोत: IE

चर्चा में क्यों? 

भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संचालित आँगनवाड़ी केंद्र महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले के वडधामना गाँव में शुरू किया गया है।

  • यह पायलट प्रोजेक्ट ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को कम और प्रारंभिक बाल शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के दृष्टिकोण से एक महत्त्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। यह सार्वजनिक सेवा वितरण में उल्लेखनीय प्रगति का प्रतीक है।

सार्वजनिक सेवा वितरण में AI किस प्रकार सहायता कर सकता है?

  • प्रारंभिक बाल देखभाल: महाराष्ट्र के AI-सक्षम आँगनवाड़ी केंद्र को पोषण ट्रैकर से जोड़कर बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की रियल टाइम निगरानी की जा रही है।
    • आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता भोजन की तस्वीरें अपलोड करती हैं, जिससे त्वरित पोषण विश्लेषण संभव होता है तथा कुपोषण के जोखिम पर पूर्वानुमान आधारित अलर्ट प्राप्त होते हैं।
    • AI का यह एकीकरण एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) के तहत लक्षित पूरक पोषण सामग्री की डिलीवरी को सक्षम बनाता है।
    • अब बच्चे स्मार्ट बोर्ड पर ड्राइंग, इंटरैक्टिव कहानियों और वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी नई तकनीकों के माध्यम से सीखते हैं।
  • स्मार्ट और समावेशी शासन: AI सरकार को एक जैसे समाधान की पारंपरिक नीति से आगे बढ़कर वैयक्तिकृत और रीयल-टाइम सेवा वितरण की दिशा में मदद कर रहा है।
    • BharatGen एक सरकारी वित्तपोषित मल्टीमोडल AI मॉडल है, जिसका उद्देश्य भाषा, वाणी और कंप्यूटर विजन के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण को बेहतर बनाना है, ताकि यह भारत की विविध जनसंख्या की ज़रूरतों को पूरा कर सके।
    • महाकुंभ 2025 में AI उपकरणों का उपयोग रेलवे यात्रियों की भीड़ प्रबंधन और बहुभाषी चैटबॉट्स को संचालित करने के लिये किया गया, जिससे प्रौद्योगिकी-आधारित जन कार्यक्रम प्रबंधन में एक वैश्विक मानक स्थापित हुआ।
  • कुशल और लक्षित कल्याण वितरण: AI मॉडलों को उच्च-गुणवत्ता वाले गुमनाम डेटा सेट्स (IndiaAI Dataset Platform के माध्यम से) पर प्रशिक्षित किया गया है, जो रीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में पैटर्न का विश्लेषण कर सकते हैं।
    • यह नीति निर्माताओं को कमियों की पहचान करने, ज़रूरतों का पूर्वानुमान लगाने तथा लक्षित लाभों के वितरण में सहायता करता है।
  • सुलभता: डिजिटल इंडिया भाषिणी और सर्वम-1 जैसे उपकरण भाषाई बाधाओं को दूर करते हैं, जिससे सेवाएँ कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो पाती हैं तथा दिव्यांगजन व्यक्तियों  के लिये समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
  • कानून प्रवर्तन: AI पूर्वानुमान आधारित पुलिसिंग, रीयल-टाइम निगरानी और साइबर खतरों की पहचान को संभव बनाता है।
    • दिल्ली पुलिस AI-आधारित फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) का उपयोग अपराधों को सुलझाने और लापता व्यक्तियों को खोजने के लिये करती है।
    • AI मामलों के अनुसंधान को तेज़ करता है, निर्णयों के मसौदे में सहायता करता है तथा बैकलॉग को कम करने में मदद करता है, जिससे न्याय वितरण और कानूनी दक्षता  में सुधार होता है।
  • कृषि का अनुकूलन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स, जिसे माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट ट्रस्ट, बारामती ने विकसित किया है, डेटा-आधारित जानकारी के माध्यम से कृषि को बदल रहा है।
    • यह परियोजना AI उपकरणों का उपयोग कर खेत की परिस्थितियों का विश्लेषण करती है, सिंचाई को अनुकूलित करती है तथा रीयल-टाइम, स्थानीय कृषि सिफारिशें  प्रदान करती है।
      • इस परियोजना से फसल उत्पादन में 40% की वृद्धि हुई है, पानी और उर्वरक का उपयोग कम हुआ है तथा कटाई के बाद होने वाली बर्बादी न्यूनतम हुई है।
    • भारत में कृषि क्षेत्र में AI का बाज़ार वर्ष 2023 में 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2028 तक 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर पहुँचने का अनुमान है, जिससे कृषि में आर्थिक स्थिरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण निगरानी: AI मॉडल बाढ़ पूर्वानुमान, वायु गुणवत्ता ट्रैकिंग और जलवायु मॉडलिंग में सहयोग कर रहे हैं। 
    • गूगल डीपमाइंड के GenCast जैसे प्लेटफॉर्म नागरिकों को स्थानीय मौसम डेटा साझा करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे रियल-टाइम पूर्वानुमान और बेहतर हो रहे हैं।
    • मौसम ऐप उपयोगकर्त्ताओं को सरल और सुविधाजनक फॉर्मेट में मौसम संबंधी अपडेट एवं चेतावनियाँ उपलब्ध कराता है।
      • मिशन मौसम, जिसका उद्देश्य भारत को “वेदर-रेडी” और “क्लाइमेट-स्मार्ट” बनाना है, एआई और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा संचालित उपग्रह डेटा और नई बाढ़ निगरानी प्रणालियों का उपयोग करता है, ताकि आपदा की पूर्व तैयारी और बाढ़ पूर्वानुमान को बेहतर बनाया जा सके।
  • शिक्षा और वैयक्तिकीकृत अधिगम: AI-संचालित एजु-टेक (EdTech) छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूली अधिगम को संभव बनाता है। सरकार के ज्ञान साझा करने के डिजिटल प्लेटफॉर्म (DIKSHA) में AI के एकीकरण की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।
    • त्रिपुरा में, IAS अधिकारी चांदनी चंद्रन ने 70% स्कूल ड्रॉपआउट दर से निपटने के लिये एक AI-आधारित पहल शुरू की। इस पहल के तहत छात्रों के करियर से संबंधित सपनों  को AI द्वारा निर्मित चित्रों में बदलकर कक्षाओं में "आकांक्षा बोर्ड" पर प्रदर्शित किया गया।
      • इस पहल से छात्रों की प्रेरणा और भावनात्मक जुड़ाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और अब इसे अधिक स्कूलों में विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है।
  • शहरी शासन और स्मार्ट शहरों को सुदृढ़ बनाना: AI यातायात प्रवाह, कचरा प्रबंधन और सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को बेहतर बनाता है। बेंगलुरु का AI-संचालित एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (ATCS) चौराहों पर जाम को कम करने में प्रभावी साबित हो रहा है।
  • वित्तीय प्रशासन और कराधान में सुधार: AI धोखाधड़ी का पता लगाने, सब्सिडी लीकेज को रोकने और ऑडिटिंग को स्वचालित करने में मदद करता है।
    • RBI द्वारा विकसित MuleHunter.ai, वित्तीय धोखाधड़ी में प्रयुक्त म्यूल एकाउंट्स का पता लगाता है।
  • बेहतर स्वास्थ्य सेवा: स्वास्थ्य सेवा के लिये AI में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) रोग पूर्वानुमान जैसे समाधान विकसित कर रहे हैं, जिससे देश भर में ग्रामीण और शहरी आबादी के स्वास्थ्य को समग्र रूप से लाभ होगा।

AI

निष्कर्ष:

भारत की सार्वजनिक सेवा प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एकीकरण दक्षता, समावेशिता और पहुँच को बढ़ाता है, जिससे शासन में सुधार होता है। इंडियाAI मिशन जैसी पहलों के माध्यम से भारत एक अधिक पारदर्शी, नागरिक-केंद्रित प्रणाली की ओर बढ़ रहा है और AI-संचालित शासन में स्वयं को एक वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित कर रहा है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न. कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत में सार्वजनिक सेवा वितरण को किस प्रकार नया रूप दे रही है? उदाहरण सहित समझाइये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

मेन्स

प्रश्न. अभिशासन के एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में ई-शासन ने सरकारों में प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेयता का आगाज़ कर दिया है। कौन-सी अपर्याप्तताएँ इन विशेषताओं की अभिवृद्धि में बाधा बनती हैं? (2023)

प्रश्न. ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी की शक्ति के उपयोग के बारे में नहीं है, अपितु इससे अधिक सूचना के 'उपयोग मूल्य' के क्रांतिक महत्त्व के बारे में है। स्पष्ट कीजिये। (2018)