भारत-बहरीन का 5वाँ उच्च संयुक्त आयोग | 06 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
भारत और बहरीन ने नई दिल्ली में आयोजित 5वें उच्च संयुक्त आयोग (HJC) में पहलगाम हमले (2025) की निंदा करते हुए खुफिया जानकारी साझा करने, क्षमता निर्माण और साइबर सुरक्षा के माध्यम से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की।
भारत-बहरीन के 5वें उच्च संयुक्त आयोग (HJC) के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- आतंकवाद-निरोध और सुरक्षा: दोनों देशों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की। आतंकवादी नेटवर्कों के विरुद्ध मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
- दोनों ने रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की।
- व्यापारिक और आर्थिक संबंध: भारत-बहरीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वित्त वर्ष 2024-25) तक पहुँच गया और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत बहरीन के शीर्ष पाँच व्यापार भागीदारों में से एक है।
- दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश पर संयुक्त कार्य समूह की स्थापना तथा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के लिये वार्ता में हुई प्रगति पर ध्यान दिया।
- उन्होंने द्विपक्षीय निवेश संधि पर वार्ता में प्रगति दर्ज की एवं दोहरे कराधान को रोकने तथा निवेश को समर्थन देने के लिये दोहरे कराधान परिहार समझौते (DTAA) पर वार्ता शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की।
- गाजा शांति योजना: भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत गाजा शांति योजना के प्रति अपना समर्थन दोहराया, जो पश्चिम एशिया में स्थायी और सतत् समाधान का मार्ग है।
भारत-बहरीन संबंधों का क्या महत्त्व है?
- रणनीतिक स्थान: बहरीन फारस की खाड़ी में होर्मुज़ जलडमरूमध्य जैसी प्रमुख समुद्री मार्गों के पास स्थित है, जिनसे होकर भारत तक तेल और अन्य वस्तुओं का परिवहन होता है। यह स्थान भारत के लिये रणनीतिक महत्त्व रखता है।
- इसका भौगोलिक स्थान भारत को पश्चिम एशिया के साथ जुड़ाव मज़बूत करने और इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए रखने में मदद करता है।
- रक्षा एवं सुरक्षा: भारत संयुक्त समुद्री बलों और पैसेज अभ्यास (PASSEX) जैसे अभ्यासों के माध्यम से बहरीन के साथ साझेदारी करता है, जिससे प्रमुख समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने और क्षेत्रीय स्थिरता को समर्थन देने में मदद मिलती है।
- बहरीन का अमेरिकी 5वीं नौसेना बेड़े (NAVCENT/C5F) के साथ घनिष्ठ संबंध भारत को नौसैनिक समन्वय मज़बूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने में सहायता करते हैं।
- व्यापार और निवेश: द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2024-25 में 1.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- भारत बहरीन के शीर्ष पाँच व्यापारिक साझेदारों में से एक है और वर्ष 2019 से द्विपक्षीय निवेश में लगभग 40% की वृद्धि हुई है, साथ ही कई क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार हुआ है।
- बहुपक्षीय कूटनीति: बहरीन 2026-27 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अस्थायी सदस्यता प्राप्त करेगा, जिससे भारत इस क्षेत्र में एक संबद्ध साझेदार बन जाएगा।
- भारतीय समुदाय: लगभग 332,000 भारतीय बहरीन में रहते हैं (इसकी आबादी का लगभग एक चौथाई)।
- ये बहरीन की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं और दोनों देशों के बीच सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने में मदद करते हैं।
- ‘लिंक और एक्ट वेस्ट’ नीति: बहरीन भारत की लिंक और एक्ट वेस्ट नीति में एक महत्त्वपूर्ण साझेदार है, जो पश्चिम एशिया के साथ मज़बूत संबंध बनाने पर केंद्रित है।
- यह साझेदारी खाड़ी क्षेत्र में भारत की व्यापक राजनीतिक और आर्थिक पहुँच का समर्थन करती है।
बहरीन
- परिचय: बहरीन एक छोटा अरब राज्य है जो फारस की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी तट पर एक खाड़ी में स्थित है। यह एक द्वीप समूह है जिसमें बहरीन द्वीप और लगभग 30 छोटे द्वीप शामिल हैं, जिसमें बहरीन द्वीप (Bahrain Island) सबसे बड़ा है।
- यह सऊदी अरब के पूर्व में और कतर के पश्चिम में स्थित है। बहरीन इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के साथ समुद्री सीमा भी शेयर करता है और किंग फहद कॉज़वे के माध्यम से सऊदी अरब से जुड़ा हुआ है।
- बहरीन का अधिकांश भाग रेगिस्तान से बना है, जिसमें निचले, चट्टानी और रेतीले मैदान हैं। इसका सबसे ऊँचा स्थान जबल अद दुखम है।
- राजधानी: मनामा।
- सामरिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व: यह व्यापक रूप से प्राचीन दिलमुन सभ्यता का स्थल माना जाता है।
- इसकी रणनीतिक स्थिति ने इसे विदेशी नौसैनिक बेड़े के लिये भी आधार बना दिया है, जिसमें अमेरिका का NAVCENT/5वाँ बेड़ा भी शामिल है।
निष्कर्ष:
भारत–बहरीन संबंध विकसित हो रहे हैं, जो मज़बूत सुरक्षा और व्यापार सहयोग से चिह्नित हैं। बहरीन का गल्फ क्षेत्रीय स्थान (Gulf Location) और बड़ा भारतीय समुदाय इसे एक महत्त्वपूर्ण साझेदार बनाते हैं। ये संबंध भारत की व्यापक एक्ट वेस्ट आउटरीच को भी समर्थन देते हैं।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. विश्लेषण कीजिये कि भारत–बहरीन संबंध भारत की लिंक एंड एक्ट वेस्ट नीति को सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और प्रवासी कूटनीति में कैसे आगे बढ़ाते हैं। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. बहरीन भारत के लिये रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्यों है?
बहरीन फारस की खाड़ी में स्थित है तथा यह भारत को तेल और माल पहुँचाने वाले प्रमुख शिपिंग मार्गों पर स्थित है, जिससे इसका सामरिक महत्त्व बढ़ जाता है। इसकी अवस्थिति पश्चिम एशिया के साथ जुड़ने तथा इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में उपस्थिति बनाए रखने की भारत की क्षमता को मज़बूत करती है।
2. भारत-बहरीन व्यापार की मौजूदा स्थिति क्या है?
द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वित्त वर्ष 2024-25) है और भारत बहरीन के शीर्ष पाँच भागीदारों में से एक है; दोतरफा निवेश लगभग 1.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
3. बहरीन का मुख्य भौतिक भू-दृश्य क्या है?
बहरीन का अधिकांश भाग रेगिस्तान है, जिसमें निचले, चट्टानी और रेतीले मैदान हैं। बहरीन की कोई स्थलीय सीमा नहीं है और यह किंग फहद कॉजवे द्वारा सऊदी अरब से जुड़ा हुआ है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
मेन्स
प्रश्न. आतंकवाद की जटिलता और तीव्रता, इसके कारणों, संबंधों तथा अप्रिय गठजोड़ का विश्लेषण कीजिये। आतंकवाद के खतरे के उन्मूलन के लिये उठाए जाने वाले उपायों का भी सुझाव दीजिये। (2021)
