22वाँ आसियान-भारत शिखर सम्मेलन | 29 Oct 2025

स्रोत: IE

प्रिलिम्स के लिये: हिंद-प्रशांत क्षेत्र, आसियान, एक्ट ईस्ट नीति, मुक्त व्यापार समझौता, रणनीतिक साझेदारी से व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक।

मेन्स के लिये: भारत और आसियान के बीच सहयोग के क्षेत्र, भारत के लिये हिंद-प्रशांत क्षेत्र का महत्त्व, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सक्रिय भागीदारी में बाधा डालने वाले प्रमुख मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भारत ने वर्ष 2026 को आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष घोषित किया और व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) के तहत आसियान-भारत कार्य योजना (2026-2030) को अपनाने के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया।

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण (ASEAN Outlook on the Indo-Pacific – AOIP): भारत ने आसियान की केंद्रीयता, एकता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण (AOIP) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
    • भारत ने तिमोर लेस्ते (पूर्वी तिमोर) का स्वागत किया, जो आसियान का 11वाँ सदस्य बना है तथा पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में उसकी भागीदारी का स्वागत किया गया।
  • आसियान-भारत कार्य योजना (2026–2030): वर्ष 2022 में घोषित व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) को लागू करने हेतु आसियान-भारत कार्य योजना (2026–2030) को अनुमोदित किया गया।
  • वर्ष 2025 को आसियान–भारत पर्यटन वर्ष (ASEAN–India Year of Tourism) के रूप में घोषित किया गया।
    • वर्ष 2026 को “आसियान–भारत समुद्री सहयोग वर्ष (ASEAN–India Year of Maritime Cooperation)” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि ब्लू इकॉनमी में सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
  • क्षमता निर्माण में सहयोग: नालंदा विश्वविद्यालय में दक्षिण-पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र (Centre for Southeast Asian Studies) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिल सके।
    • भारत और आसियान ने शिक्षा, ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T), फिनटेक के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर, उभरती तकनीकें, रेयर अर्थ्स और महत्त्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग गहराने पर बल दिया।
  • सांस्कृतिक और समुद्री विरासत: भारत गुजरात के लोथल में ईस्ट एशिया समिट समुद्री विरासत महोत्सव की मेजबानी करेगा,
    • साथ ही समुद्री सुरक्षा सहयोग पर एक सम्मेलन आयोजित करेगा,
      जिसका उद्देश्य सुरक्षित और सतत् समुद्री शासन को प्रोत्साहित करना है।

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान)

  • आसियान (ASEAN) की स्थापना वर्ष 1967 में थाईलैंड के बैंकॉक में हुई थी, जब इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड — इन पाँच संस्थापक देशों ने आसियान घोषणा पत्र (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर किये।
  • ब्रुनेई दारुस्सलाम ने वर्ष 1984 में आसियान की सदस्यता ग्रहण की, इसके बाद वियतनाम वर्ष 1995 में, लाओस और म्याँमार वर्ष 1997 में तथा कंबोडिया वर्ष 1999 में सदस्य बने। अक्तूबर 2025 में तिमोर लेस्ते (पूर्वी तिमोर) के शामिल होने के साथ ही आसियान के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।

तिमोर-लेस्ते आसियान का 11वाँ सदस्य बना

  • तिमोर-लेस्ते आधिकारिक तौर पर आसियान का 11वाँ सदस्य बन गया है, वर्ष 1999 के बाद से समूह का यह पहला विस्तार है।
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित, तिमोर द्वीप समुद्री दक्षिण-पूर्व एशिया का हिस्सा है जो लेसर सुंडा द्वीप समूह में सबसे बड़ा और पूर्वी द्वीप है।
  • इस पहाड़ी द्वीप के उत्तर में ओम्बाई जलडमरूमध्य, वेटार जलडमरूमध्य और ग्रेटर बांदा सागर स्थित हैं, दक्षिण में तिमोर सागर इस द्वीप को ऑस्ट्रेलिया से अलग करता है, जबकि पश्चिम में इंडोनेशिया का पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत स्थित है।
  • इसकी अर्थव्यवस्था तिमोर सागर में तेल और गैस भंडारों पर बहुत अधिक निर्भर करती है।

भारत-आसियान संबंधों का रणनीतिक महत्त्व क्या है?

  • आर्थिक और व्यापारिक संबंध: 3.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के GDP और 650 मिलियन (65 करोड़) जनसंख्या के साथ आसियान (ASEAN) भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
    • वर्ष 2023–24 में द्विपक्षीय व्यापार 122.67 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो मज़बूत आर्थिक परस्पर निर्भरता को दर्शाता है।
    • आसियान–भारत वस्तु व्यापार समझौता (ASEAN-India Trade in Goods Agreement – AITGA) एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसे वर्ष 2009 में व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने के लिये हस्ताक्षरित किया गया था।
  • रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग: आसियान क्षेत्रीय तनावों के बीच एक रणनीतिक संतुलन प्रदान करता है, जिससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक दृष्टि को बल मिलता है, साथ ही आसियान की केंद्रीयता (ASEAN Centrality) को भी समर्थन मिलता है।
    • भारत, ईस्ट एशिया समिट, आसियान क्षेत्रीय मंच (ASEAN Regional Forum), आसियान समुद्री मंच तथा आसियान–भारत समुद्री अभ्यास जैसे संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
    • सहयोग के क्षेत्र समुद्री डकैती-रोधी उपायों, आपदा प्रबंधन और नियम-आधारित क्षेत्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने तक विस्तृत हैं, जो भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के अनुरूप है।
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग: फिलिपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल समझौता तथा नियमित समुद्री अभ्यास बढ़ते विश्वास और सहयोग के प्रतीक हैं।
  • संपर्क और प्रौद्योगिकी एकीकरण: भारत–म्याँमार–थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसे प्रमुख परियोजनाएँ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करती हैं।
    • 5G, फिनटेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग से डिजिटल और तकनीकी साझेदारी और मज़बूत होती है।
  • सांस्कृतिक और जन-से-जन संबंध: पर्यटन, शैक्षणिक सहयोग तथा प्रवासी भारतीय समुदाय के नेटवर्क के माध्यम से भारत और आसियान देशों के बीच सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की निकटता निरंतर बढ़ रही है।

निष्कर्ष:

22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत रणनीतिक, आर्थिक और समुद्री संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की पुष्टि की। वर्ष 2026 को समुद्री सहयोग वर्ष घोषित करने और कार्य योजना (2026-2030) को अपनाने के साथ, भारत और आसियान ने कनेक्टिविटी, सुरक्षा, डिजिटल नवाचार और सतत् विकास में सहयोग के लिये एक स्पष्ट रोडमैप की रूपरेखा तैयार की है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न

प्रश्न: भारत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सामरिक और आर्थिक नेतृत्व को बढ़ाने के लिये आसियान के साथ अपनी साझेदारी का लाभ किस प्रकार उठा सकता है। चर्चा कीजिये।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: 2025 में आयोजित 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन का मुख्य फोकस क्या था?

शिखर सम्मेलन में बेहतर कनेक्टिविटी, समुद्री सहयोग, सतत् विकास और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं शिक्षा में गहन सहयोग के माध्यम से आसियान-भारत संबंधों को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

प्रश्न: आसियान का 11वाँ सदस्य कौन सा देश है?

तिमोर-लेस्ते वर्ष 2025 में आसियान का 11वाँ सदस्य बन गया, जो वर्ष 1999 के बाद से इस समूह का पहला विस्तार है।

प्रश्न: भारत नए क्षेत्रों में आसियान के साथ अपने जुड़ाव को किस प्रकार बढ़ा रहा है?

भारत डिजिटल भुगतान, अर्द्धचालक, नवीकरणीय ऊर्जा, महत्त्वपूर्ण खनिजों और नीली अर्थव्यवस्था पहलों में सहयोग का विस्तार करने और साथ ही अनुकूल क्षेत्रीय आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत की "पूर्व की ओर देखो नीति" के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2011)

  1. भारत पूर्वी एशियाई मामलों में खुद को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना चाहता है। ‘
  2. भारत शीत युद्ध की समाप्ति से उत्पन्न शून्यता को दूर करना चाहता है। 
  3. भारत दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में अपने पड़ोसियों के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को बहाल करना चाहता है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 3

(c) केवल 3 

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: D

मेन्स:

प्रश्न. नई त्रि-राष्ट्र साझेदारी AUKUS का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना है। क्या यह क्षेत्र में मौज़ूदा साझेदारियों को खत्म करने जा रहा है? वर्तमान परिदृश्य में AUKUS की शक्ति और प्रभाव पर चर्चा कीजिये। (2021)