GRB 200826A: गामा-किरण विस्फोट | 28 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये

GRB 200826A: गामा-किरण विस्फोट, राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन 

मेन्स के लिये

GRB 200826A: गामा-किरण विस्फोट की खोज का महत्त्व

चर्चा में क्यों:

हाल ही में खगोलविदों के एक समूह ने उच्च-ऊर्जा विकिरण के एक बहुत ही कम अवधि के ऐसे शक्तिशाली विस्फोट का पता लगाया है जिसे गामा-किरण विस्फोट (Gamma-Ray Bursts- GRB) के रूप में भी जाना जाता है जो लगभग एक सेकंड तक हुआ था।

प्रमुख बिंदु

गामा-किरण विस्फोट:

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  • परिचय:
    • ये ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली घटनाएँ हैं, जिनका पता अरबों प्रकाश-वर्षों में लगाया जा सकता है।
    • एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जब प्रकाश की किरण एक पृथ्वी वर्ष या 9.5 ट्रिलियन किलोमीटर में यात्रा करती है।
    • खगोलविद् उन्हें दो सेकंड से अधिक या कम समय तक चलने के आधार पर लंबे या छोटे के रूप में वर्गीकृत करते हैं।
  • लंबे GRB:
    • वे बड़े सितारों की मृत्यु के समय लंबे समय तक हुए विस्फोट का निरीक्षण करते हैं।
    • जब सूर्य से बहुत अधिक विशाल तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका केंद्रीय भाग (कोर) अचानक ढह जाता है और एक कृष्ण विवर (ब्लैक होल) बन जाता है। 
      • ब्लैक होल्स अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्व बल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता।
    • जैसे ही पदार्थ ब्लैक होल की ओर घूमता है, उसमें से कुछ अंश दो शक्तिशाली धाराओं (जेट) के रूप में बाहर की ओर निकल जाते हैं और जो फिर विपरीत दिशाओं में लगभग प्रकाश की गति से बाहर की ओर भागते हैं।
    • खगोलविद् GRB का ही पता केवल तब लगा पाते हैं जब इनमें से एक प्रवाह लगभग सीधे पृथ्वी की ओर जाने का संकेत दे देता है।
    • तारे के भीतर से प्रस्फुटित प्रत्येक धारा (जेट) से गामा किरणों का एक स्पंदन उत्पन्न होता है, जो प्रकाश का ऐसा उच्चतम-ऊर्जा रूप है जो कई मिनटों तक चल सकता है। 
    • विस्फोट के बाद विखंडित तारा फिर तेज़ी से एक सुपरनोवा के रूप में फैलता है। 
      • सुपरनोवा एक विस्फोट करने वाले तारे को दिया गया नाम है जो अपने जीवन के अंत तक पहुँच गया है।
  • लघु GRB:
    • लघु GRB तब बनते हैं जब संघटित (कॉम्पैक्ट) वस्तुओं के जोड़े- जैसे न्यूट्रॉन तारे, जो तारों के टूटने के दौरान भी बनते हैं- अरबों वर्षों में अंदर की ओर सर्पिल रूप में घूर्णन करते रहते हैं और आपस में टकराते हैं
      • एक न्यूट्रॉन तारा उच्च द्रव्यमान वाले सितारों के संभावित विकासवादी अंत-बिंदुओं में से एक होता है।

GRB 200826A:

  • यह केवल 0.65 सेकंड तक चलने वाले उच्च-ऊर्जा उत्सर्जन का एक तीव्र विस्फोट था।
    • विस्तारित ब्रह्मांड के माध्यम से काफी लंबे समय तक यात्रा करने के बाद फर्मी के गामा-रे बर्स्ट मॉनीटर (Fermi’s Gamma-ray Burst Monitor) द्वारा पता लगाए जाने के समय तक यह संकेत (सिग्नल) लगभग एक-सेकंड लंबा हो गया था। 
    • यह हमारे ब्रह्मांड की वर्तमान आयु की लगभग आधी उम्र से पृथ्वी की ओर दौड़ रहा था।
  • एक विशाल तारे की मृत्यु के कारण हुआ यह सबसे छोटा गामा-रे विस्फोट था।

GRB 200826A का महत्त्व:

  • इसने गामा-किरणों के विस्फोट से संबंधित लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने में मदद की है। साथ ही यह अध्ययन संख्या घनत्व को बेहतर ढंग से सीमित करने हेतु ऐसी सभी ज्ञात घटनाओं का पुन: विश्लेषण करने के लिये प्रेरित करता है।

शोधकर्ता: 

  • इस समूह में आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्ज़र्वेशनल साइंसेज़ (ARIES), द इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे (IUCAA), नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स - टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, पुणे (NCRA) और आईआईटी मुंबई के भारतीय खगोलविद् शामिल थे। 

फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप:

  • परिचय:
    • पूर्व में इसे गामा-रे लार्ज एरिया स्पेस टेलीस्कोप (GLAST) कहा जाता है, यह एक अंतरिक्ष वेधशाला है जिसका उपयोग पृथ्वी की निचली कक्षा से गामा-किरणों संबंधी खगोलीय अवलोकन के लिये किया जाता है।
    • इसे जून 2008 में लॉन्च किया गया था। इसका नाम एक इटैलियन-अमेरिकी वैज्ञानिक एनरिको फर्मी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने उच्च-ऊर्जा भौतिकी में अग्रणी काम किया था।
  • सहयोग:
    • फर्मी एक खगोल भौतिकी और कण भौतिकी साझेदारी है, जिसे अमेरिकी ऊर्जा विभाग के सहयोग  तथा  फ्राँस, जर्मनी, इटली, जापान, स्वीडन और यू.एस. में शैक्षणिक संस्थानों व भागीदारों के महत्त्वपूर्ण योगदान के साथ विकसित किया गया है।
  • प्रमुख कार्य:
    • यह प्रत्येक तीन घंटे में संपूर्ण आकाश का मानचित्रण करता है। यह ब्रह्मांड की सबसे चरम घटनाओं के मामले में महत्त्वपूर्ण पहुँच प्रदान करता है, जैसे जीआरबी, ब्लैक-होल जेट और पल्सर।
      • पल्सर एक प्रकार के न्यूट्रॉन तारे होते हैं जो नियमित अंतराल पर रेडियो तत्त्वों का उत्सर्जन करते हैं।

गामा किरणें

  • ये ब्रह्मांड में अत्यधिक ऊर्जा वाली प्रकाश किरणें हैं। इनमें हमारी आँखों को दिखाई देने वाले प्रकाश की तुलना में एक अरब गुना अधिक ऊर्जा होती है।
  • ये ब्रह्मांड में सबसे गर्म और सबसे ऊर्जावान वस्तुओं द्वारा निर्मित हैं, जैसे- न्यूट्रॉन तारे और पल्सर, सुपरनोवा विस्फोट तथा ब्लैक होल के आसपास का क्षेत्र।
  • गामा किरणों में उच्च ऊर्जा होती है; इनमें किसी भी लेंस या दर्पण के माध्यम से सीधे गुजरने  की क्षमता होती है, जिससे उन्हें एक दृश्य-प्रकाश दूरबीन में केंद्रित करना बहुत मुश्किल होता है।

पृथ्वी पर गामा किरणें:

  • पृथ्वी पर, गामा किरणें परमाणु विस्फोट, बिजली तथा कम  रेडियोधर्मी क्षय की गतिविधि से उत्पन्न होती हैं।
  • गामा-किरण गामा किरणों का खगोलीय अवलोकन है जिसमें 100 केवी (किलो इलेक्ट्रॉन वोल्ट) से ऊपर फोटॉन ऊर्जा होती है।
  • गामा किरणें इतनी ऊर्जावान होती हैं कि वे पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक होती हैं।
  • पृथ्वी का वायुमंडल गामा किरणों को अवशोषित कर लेता है, जिससे वह इन गामा किरणों को पृथ्वी पर पहुँचने से पहले ही अवशोषित कर जीवन को प्रभावित करने से रोकता है।
    • इसलिये गामा-किरण स्रोतों का खगोलीय अवलोकन पृथ्वी के वायुमंडल के सुरक्षात्मक आवरण के ऊपर उच्च ऊँचाई पर उड़ने वाले गुब्बारों या उपग्रहों के साथ किया जाता है।

स्रोत: पी.आई.बी.