विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) संशोधन नियम, 2025
उपभोक्ता मामले विभाग ने विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) संशोधन नियम, 2025 अधिसूचित किये हैं।
- इस संशोधन में चिकित्सा उपकरणों वाले पैकेजों के लिये विशेष प्रावधान शामिल किये गए हैं, जिससे विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 को चिकित्सा युक्ति नियम, 2017 के अनुरूप बनाया गया है। इसका उद्देश्य स्पष्टता, उपभोक्ता संरक्षण और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में नियामक समरसता सुनिश्चित करना है।
- संशोधन की प्रमुख विशेषताएँ: जिन पैकेजों में चिकित्सा उपकरण शामिल हैं, उनके लिये लेबल के फॉन्ट आकार और आयाम से संबंधित प्रावधानों में चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 को प्राथमिकता दी जाएगी।
- विधिक माप विज्ञान नियमों के तहत प्रिंसिपल डिसप्ले पैनल पर घोषणाएँ करना चिकित्सा उपकरणों के लिये अनिवार्य नहीं होगा।
- इसके बजाय, ऐसी घोषणाएँ चिकित्सा उपकरण नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार की जा सकती हैं।
 
- महत्त्व: यह संशोधन चिकित्सा उपकरणों के लिये स्पष्ट और एकसमान लेबलिंग सुनिश्चित करता है, जिससे उपभोक्ता संरक्षण मज़बूत होता है तथा भ्रम की स्थिति समाप्त होती है। यह नियामक अतिव्यापी को दूर करता है, जिससे उद्योगों के लिये अनुपालन सुगम होता है और कारोबार करने में सुगमता को बढ़ावा मिलता है।
- नियामकों के लिये, यह संशोधन स्पष्ट अधिकार क्षेत्र और राज्यों में एकसमान प्रवर्तन सुनिश्चित करता है।
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इंडी और पुलियानकुडी नींबू
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने GI-टैग प्राप्त इंडी नींबू (कर्नाटक) और पुलियानकुड़ी नींबू (तमिलनाडु) की पहली बार वायु मार्ग से यूनाइटेड किंगडम के लिये खेप भेजने में सुविधा प्रदान की है।
- यह खेप APEDA के उस प्रयास में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से भारत के GI-टैग प्राप्त कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई जा रही है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनके बाज़ार से संबंध और अधिक मज़बूत होंगे।
इंडी नींबू (विजयपुरा)
- परिचय: इंडी नींबू (Indi Lime) असम नींबू के बाद GI मान्यता प्राप्त करने वाली दूसरी नींबू किस्म है। इसे वर्ष 2023 में GI टैग प्रदान किया गया था।
- उत्पादन केंद्र: यह मुख्यतः कर्नाटक के विजयपुरा ज़िले में उगाया जाता है और अपनी उच्च गुणवत्ता, तेज़ सुगंध, अधिक रस उत्पादन तथा पाक और औषधीय उपयोगिता के लिये प्रसिद्ध है, जो इस क्षेत्र की कृषि विरासत को दर्शाता है।
- विजयपुरा ज़िला कर्नाटक के कुल नींबू उत्पादन में लगभग 58% का योगदान देता है। कर्नाटक स्वयं नींबू उत्पादन में भारतीय राज्यों में चौथे स्थान पर है।
 
पुलियानकुडी नींबू
- परिचय: पुलियानकुडी नींबू, विशेष रूप से कडयम किस्म, अपने पतले छिलके, तेज़ अम्लता, उच्च विटामिन C सामग्री और लगभग 55% रस की विशेषता के लिये जाना जाता है।
- GI टैग: पुलियानकुडी नींबू को अप्रैल 2025 में इसकी विशिष्ट पोषण संरचना और क्षेत्रीय विशेषताओं की मान्यता स्वरूप GI टैग प्राप्त हुआ।
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भारत-नेपाल ने ऐतिहासिक विद्युत समझौते पर किये हस्ताक्षर
भारत और नेपाल ने नई 400 किलोवोल्ट (kV) सीमा-पार ट्रांसमिशन लाइनों के विकास के लिये दो प्रमुख ऊर्जा सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ये समझौते भारत की पावरग्रिड (POWERGRID) और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के बीच हुए हैं। इनमें दो प्रमुख 400 kV ट्रांसमिशन प्रणालियों का विकास शामिल है:
- इनारुवा (नेपाल) – न्यू पूर्णिया (बिहार, भारत) ट्रांसमिशन लाइन।
- लमकी, डोडोधारा (नेपाल) – बरेली (उत्तर प्रदेश, भारत) ट्रांसमिशन लाइन।
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य विद्युत व्यापार क्षमता को बढ़ाना और क्षेत्रीय ग्रिड संपर्क को मज़बूत करना है, ताकि स्वच्छ एवं विश्वसनीय ऊर्जा विनिमय को प्रोत्साहित किया जा सके।
 
- महत्त्व: यह समझौता ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाता है, भारत–नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करता है और नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत क्षेत्रीय ऊर्जा एकीकरण को समर्थन देता है।
- यह नेपाल को अपने जलविद्युत क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है और भारत को अपनी बढ़ती ऊर्जा मांग को सतत् रूप से पूरा करने में सहायता करता है।
 
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भारत की आयनी एयरबेस से वापसी
- भारत ने ताजिकिस्तान के आयनी एयरबेस पर अपना संचालन आधिकारिक रूप से बंद कर दिया है, जो मध्य एशिया में एक रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण ठिकाना था।
- सोवियत काल के इस बेस को पुनर्सक्रिय करने के लिये आरंभ किया गया भारत-ताजिकिस्तान का सहयोग लगभग चार वर्ष चला, जो वर्ष 2022 में भारतीय सैन्य कर्मियों की तैनाती से संबंधित द्विपक्षीय समझौते की अवधि समाप्त होने पर औपचारिक रूप से समाप्त हो गया।
- अफगानिस्तान में भारत समर्थित उत्तरी गठबंधन के पतन और 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अयनी एयरबेस का रणनीतिक महत्त्व लगभग समाप्त हो गया, जिससे इसका संचालन जारी रखना अप्रासंगिक हो गया।
 
आयनी एयरबेस (Ayni Airbase)
- स्थान एवं रणनीतिक महत्त्व: आयनी एयरबेस ताज़िकिस्तान की राजधानी दुशांबे से लगभग 10 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
- भारत ने 1998 में ताजिकिस्तान के फरखोर में अपना पहला विदेशी सैन्य ठिकाना स्थापित किया था, जिसमें हेलीकॉप्टर, मरम्मत सुविधा और एक सैन्य अस्पताल शामिल था, जहाँ अफगान नॉर्दर्न एलायंस के घायल सैनिकों का इलाज किया जाता था।
- लगभग 2008 में फरखोर बेस को बंद करने के बाद भारत ने अयनी एयरबेस विकसित किया, जो भारत का दूसरा विदेशी सैन्य ठिकाना बना (पहला फरखोर: 1998–2008)।
- अफगानिस्तान के वाखान कॉरिडोर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण, यह भारत के लिये पाकिस्तान पर रणनीतिक बढ़त और मध्य एशिया तक सामरिक पहुँच का एक अहम केंद्र था।
 
- परिचालन उद्देश्य: अयनी एयरबेस का निर्माण तालिबान के विरुद्ध उत्तरी गठबंधन को रसद, हवाई सहायता और खुफिया समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था, जिसे भारत के फरखोर सैन्य अस्पताल की चिकित्सा सहायता से भी मज़बूती मिली।
- हालाँकि, इस एयरबेस का कभी भी प्रत्यक्ष युद्ध अभियानों में उपयोग नहीं हुआ और यहाँ स्थायी रूप से कोई लड़ाकू विमान तैनात नहीं था। भारत ने यहाँ Mi-17 हेलीकॉप्टर तैनात किये थे, जो ताजिक सेना को भी परिचालन सहयोग प्रदान करते थे।
 
- निकासी अभियान (2021): जब तालिबान ने वर्ष 2021 में अफगानिस्तान पर पुनः नियंत्रण स्थापित किया, तब भारत ने इसी आयनी एयरबेस का उपयोग अपने नागरिकों और अधिकारियों को सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान से निकालने के लिये किया।
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