51वाँ G7 शिखर सम्मेलन
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने कनाडा के कननास्किस में 51वें G7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। हालाँकि भारत G7 समूह का सदस्य नहीं है, फिर भी उसे पिछले छह वर्षों से हर वर्ष इस वैश्विक शिखर सम्मेलन में एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है और अब तक कुल बारह बार आमंत्रित किया जा चुका है।
- यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष को पहली बार G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया गया।
G7 शिखर सम्मेलन के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- कननास्किस वाइल्डफायर चार्टर: यह विज्ञान-आधारित, स्थानीय कार्यों और प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से वनाग्नि के खतरों को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है, जो ग्लासगो लीडर्स डिक्लेरेशन (2021) के तहत वर्ष 2030 तक वनों की कटाई तथा भूमि क्षरण को रोकने एवं उलटने के लक्ष्य के साथ संरेखित है ।
- G-7 महत्त्वपूर्ण खनिज कार्य योजना: यह महत्वपूर्ण खनिज उत्पादन में विविधता लाने, निवेश और स्थानीय मूल्य सृजन तथा नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जो महत्त्वपूर्ण खनिज सुरक्षा के लिये 2023 पाँच सूत्री योजना (भारत द्वारा भी समर्थित) पर आधारित है।
- G7 देशों ने वर्ल्ड बैंक के नेतृत्व में चल रही "सुदृढ़ एवं समावेशी आपूर्ति शृंखला का उन्नयन (RISE)" साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार दमन (Transnational Repression - TNR) की निंदा: G7 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार दमन (TNR) की कड़ी निंदा की, जिसमें किसी देश या उसके प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सीमाओं के बाहर व्यक्तियों या समुदायों को डराना, परेशान करना, नुकसान पहुँचाना या बलपूर्वक दबाव डालना शामिल होता है।
- प्रवासी तस्करी को रोकें: G-7 ने प्रवासियों की तस्करी को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिये G-7 गठबंधन तथा इस मुद्दे को लक्षित करते हुए वर्ष 2024 G-7 कार्य योजना के माध्यम से प्रवासी तस्करी को रोकने हेतु प्रतिबद्धता जताई है।
G7 क्या है?
- परिचय: G7 (ग्रुप ऑफ सेवन) विश्व की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं फ्राँस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, अमेरिका और कनाडा का एक अनौपचारिक मंच है।
- यूरोपीय संघ (EU) एक गैर-सूचीकृत सदस्य के रूप में G7 की बैठकों में भाग लेता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक तथा संयुक्त राष्ट्र (UN) के अभिकर्त्ताओं को भी प्रायः इन बैठकों में आमंत्रित किया जाता है।
- उद्भव और विकास: G7 का गठन वर्ष 1975 में G6 के रूप में (संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस, पश्चिम जर्मनी, जापान और इटली) किया गया था। यह गठन वर्ष 1973 के तेल संकट और वित्तीय अस्थिरता की प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ था। वर्ष 1976 में कनाडा के शामिल होने के बाद यह G7 बन गया। वर्ष 2025 ने G7 की 50वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।
- वर्ष 1997 में रूस के शामिल होने से यह G8 बन गया, लेकिन वर्ष 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के कारण उसे समूह से बाहर कर दिया गया और यह पुनः G7 बन गया।
- G7 की प्रकृति:
- अनौपचारिक समूह: कोई औपचारिक संधि नहीं, कोई स्थायी सचिवालय या नौकरशाही नहीं।
- रोटेटिंग प्रेसीडेंसी: प्रत्येक सदस्य देश बारी-बारी से बैठकों की मेज़बानी करता है और चर्चा का नेतृत्व करता है।
- सर्वसम्मति से निर्णय: इस समूह के पास कोई बाध्यकारी कानून या विधायी अधिकार नहीं होता, लेकिन इसके सदस्य देशों की आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के कारण इसका वैश्विक स्तर पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव होता है।
- आर्थिक महत्त्व:
- G7 देशों में विश्व की 40% वैश्विक अर्थव्यवस्था और 10% जनसंख्या रहती है।
- ये देश वैश्विक विद्युत उत्पादन क्षमता का 36% हिस्सा रखते हैं।
- वैश्विक ऊर्जा मांग का 30% इन्हीं देशों से आता है।
- ऊर्जा संबंधी वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में इन देशों की हिस्सेदारी 25% है।
मुख्य उपलब्धियाँ:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. निम्नलिखित में से किस समूह के सभी चारों देश G20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका एवं तुर्की उत्तर: (a) |
11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025
स्रोत: पीआईबी
11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day- IYD) 21 जून को विश्व भर में 'योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' थीम के साथ मनाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है?
- परिचय: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को स्वास्थ्य, कल्याण और शांति के लिये योग के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, योग को भारत की प्राचीन परंपरा के उपहार के रूप में प्रचारित करना तथा इसके अभ्यास के माध्यम से वैश्विक समरसता एवं शांति को प्रोत्साहित करना है।
- उद्गम और संयुक्त राष्ट्र की घोषणा: इसका प्रस्ताव भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र (2014) में रखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) घोषित किया गया।
- पहला योग दिवस वर्ष 2015 में मनाया गया था, जिसकी थीम थी: "Yoga for Harmony and Peace" (सामंजस्य और शांति के लिये योग)।
- 21 जून का महत्त्व: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है क्योंकि यह ग्रीष्म अयनांत (Summer Solstice) के साथ संयोग रखता है — यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। यह दिन अधिकतम प्रकाश लाता है और योग परंपराओं में इसे आध्यात्मिक जागरण के संक्रमण काल के रूप में माना जाता है।
- वैश्विक मान्यता: यूनेस्को ने वर्ष 2016 में योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने योग को मानसिक और शारीरिक कल्याण और गैर-संक्रामक रोगों (NCDs) से निपटने के एक प्रभावी साधन के रूप में मान्यता दी है तथा इसे अपने वैश्विक कार्य योजना (2018–30) में शामिल किया है।
- वर्ष 2015 में भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने योग को एक 'प्राथमिकता' खेल अनुशासन के रूप में वर्गीकृत किया।
योग क्या है?
- योग शब्द संस्कृत के "युज" (एकजुट होना) से लिया गया है, जो मन और शरीर के सामंजस्य का प्रतीक है।
- इसका प्रमाण मुहरों (पशुपति मुहर पर योग मुद्रा) और जीवाश्मों के माध्यम से सिंधु घाटी सभ्यता में तथा उल्लेख वेदों में भी मिलता है साथ ही इसे पतंजलि के योगसूत्र (दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व) में व्यवस्थित रूप से संकलित किया गया था।
- योग भारतीय दर्शन के षड्दर्शन परंपरा (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, मीमांसा, वेदांत के साथ) में से एक है।
- आधुनिक प्रासंगिकता: योग समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह शारीरिक लचीलापन, मानसिक स्पष्टता तथा तनाव से राहत प्रदान करता है। कोविड-19 के दौरान मानसिक-सामाजिक पुनर्वास के एक साधन के रूप में इसका उपयोग किया गया। यह आज वैश्विक स्तर पर हठ योग, अष्टांग योग, और अयंगार योग जैसे रूपों में अत्यंत लोकप्रिय है।
- योग से संबंधित भारत की पहल: M-योग ऐप, योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम, फिट इंडिया मूवमेंट अभिन्न अंग।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक भारतीय षड्दर्शन का भाग नहीं है? (2014) (a) मीमांसा और वेदान्त उत्तर: (c) प्रश्न: भारत में दार्शनिक विचार के इतिहास के संबंध में सांख्य सम्प्रदाय से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (B) |
मैग्ना कार्टा: ब्लूप्रिंट ऑफ डेमोक्रेसी
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
मैग्ना कार्टा (1215) आज भी संवैधानिक शासन की एक मूल आधारशिला बनी हुई है। इसके हस्ताक्षर के 810 वर्ष बाद भी इसका महत्त्व बना हुआ है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इसकी पुनः खोज ने मानवाधिकारों और कानून के शासन पर इसके स्थायी प्रभाव को लेकर पूरे विश्व में नई चर्चाओं का विषय बन गया है।
मैग्ना कार्टा
- परिचय: मैग्ना कार्टा (लैटिन: महान अधिकार-पत्र), जिस पर 15 जून, 1215 को लंदन के निकट रन्नीमीड मैदान में इंग्लैंड के राजा जॉन ने हस्ताक्षर किये थे, ने यह सिद्धांत स्थापित किया कि राजा कानून से ऊपर नहीं है और उसकी मनमानी शक्तियों को सीमित किया गया।
- उत्पत्ति: यह तब शुरू हुआ जब बैरन (सामंतों) ने राजा जॉन के मनमाने शासन के विरूद्ध विद्रोह कर दिया और उसके अत्यधिक करों व सैन्य असफलताओं (जैसे 1204 में नॉरमैंडी की हार और 1214 में बौविंस का युद्ध) के उत्तर में औपचारिक अधिकारों की मांग की।
- बैरन (सामंतों) को राजाओं से भूमि अनुदान मिलता था, जिसके बदले में उन्हें वफादारी दिखानी होती थी और युद्ध के समय राजा के लिये सैनिक (नाइट्स) उपलब्ध कराने होते थे।
- कानून की सर्वोच्चता: हालाँकि मैग्ना कार्टा की सीमाएँ थीं (यह मुख्यतः अभिजात वर्ग के पुरुषों को सुरक्षा देता था, न कि किसानों या महिलाओं को), फिर भी इसने "कानून के शासन" (Rule of Law) का सिद्धांत स्थापित किया, यहाँ तक कि राजा भी कानून के अधीन था।
- प्रावधान: इस दस्तावेज़ में 63 खंड निर्धारित किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- खंड 39: मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, कारावास या निर्वासन से सुरक्षा प्रदान करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि केवल समान दर्जे के व्यक्तियों के वैध निर्णय या देश के कानून के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।
- खंड 40: यह आश्वासन देता है कि न्याय को बेचा नहीं जाएगा, अस्वीकार नहीं किया जाएगा और विलंबित नहीं किया जाएगा।
- विरासत: इसने बंदी प्रत्यक्षीकरण जैसे सिद्धांतों और मनमानी हिरासत के विरुद्ध कानूनी संरक्षणों को प्रेरित किया।
- इसने अमेरिकी क्रांति के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान और बिल ऑफ राइट्स को प्रभावित किया।
- यह अब भी सत्तात्मकता के विरुद्ध प्रतिरोध और कानून के तहत व्यक्तिगत अधिकारों के दावे का प्रतीक बना हुआ है।
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