प्रिलिम्स फैक्ट्स (16 Mar, 2023)



नदियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस 2023

पृथ्वी ग्रह पर नदी प्रणालियों के महत्त्व के संदर्भ में जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक वर्ष 14 मार्च को नदियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Action for Rivers- IDAR) मनाया जाता है।

  • इस वर्ष दिवस की 25वीं वर्षगाँठ मनाई गई। इस दिन को पहले बाँधों के खिलाफ और नदियों, जल एवं जीवन हेतु अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस के रूप में जाना जाता था।

प्रमुख बिंदु 

  • थीम: नदियों का अधिकार (Rights of Rivers) 
    • यह नदियों को राष्ट्रीय खजाने के रूप में नामित करने की मांग करता है। 
  • इतिहास: 
    • मार्च 1997 में कूर्टिबा, ब्राज़ील में आयोजित बाँध प्रभावित लोगों की पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक में बाँधों के खिलाफ और नदियों, जल एवं जीवन हेतु अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस की स्थापना की गई।
    • बैठक में 20 देशों के प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया था कि इस अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस को ब्राज़ील के बड़े बाँधों के खिलाफ कार्रवाई दिवस पर 14 मार्च को मनाया जाएगा। 
  • महत्त्व:
    • यह मानव जीवन को बनाए रखने हेतु नदियों महत्त्व दर्शाता है।  
      • नदियाँ और अन्य मीठे जल के जलाशय कृषि एवं पीने के लिये स्वच्छ जल के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम लोगों तथा उद्योगों दोनों द्वारा प्रदूषण और संदूषण के कारण ये अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं।  
    • इस दिवस का केंद्रीय बिंदु साफ जल तक असमान पहुँच और मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करना है जो कि मीठे जल के प्रदूषण में वृद्धि का  मूल कारण है।

संबद्ध भारतीय पहलें: 

  • नमामि गंगे कार्यक्रम: यह एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 'प्रमुख कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था ताकि प्रदूषण का प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण तथा कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
    • वर्ष 2008 में गंगा को भारत की 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किया गया था।
  • गंगा कार्ययोजना: यह पहली नदी कार्ययोजना थी जिसे वर्ष 1985 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था, इसका उद्देश्य घरेलू सीवेज के प्रबंधन तथा अवरोधन द्वारा जल की गुणवत्ता में सुधार करना था।
    • राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना गंगा कार्ययोजना का विस्तृत रूप है।
  • राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP):
    • NRCP एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को लागत-साझाकरण के आधार पर वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है ताकि गंगा बेसिन को छोड़कर पूरे देश में नदियों के चिह्नित हिस्सों में प्रदूषण को कम किया जा सके।
  • राष्ट्रीय नदी कायाकल्प तंत्र:
    • राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने जल शक्ति मंत्रालय को प्रदूषण रोकने और देश भर में सभी प्रदूषित नदी खंडों के कायाकल्प के लिये कार्यक्रमों की प्रभावी निगरानी हेतु एक उपयुक्त राष्ट्रीय नदी कायाकल्प तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. नमामी गंगे और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.) कार्यक्रमों पर और इससे पूर्व की योजनाओं से मिश्रित परिणामों के कारणों पर चर्चा कीजिये। गंगा नदी के परिरक्षण में कौन-सी प्रमात्रा छलांगें, क्रमिक योगदानों की अपेक्षा ज़्यादा सहायक हो सकती हैं? (2015)

स्रोत: इंटरनेशनल रिवर्स


SVB वित्तीय समूह की विफलता

हाल ही में यू.एस. बैंकिंग नियामकों ने सिलिकॉन वैली बैंक (SVP) वित्तीय समूह को बंद कर दिया, जिससे स्टार्टअप समुदाय को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

  • सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता यूएस फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों को बढ़ाने के फैसले के कारण हुई, इस विफलता की वजह से निवेशक भयभीत हो गए परिणामस्वरूप अपनी तरलता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उन्होंने निवेश किये गए धन को निकाल लिया

SVB

SVB वित्तीय समूह के पतन का कारण:

  • विफलता की घटनाओं का क्रम:
    • फेडरल रिज़र्व द्वारा दरें बढ़ाना
    • कुछ SVB ग्राहकों को नकदी की कमी का सामना करना पड़ा
    • SVB द्वारा बाॅण्ड पोर्टफोलियो को घाटे में बेचना
    • SVB द्वारा स्टॉक बिक्री की घोषणा
    • स्टॉक मूल्य में गिरावट
    • SVB की रिसीवरशिप भूमिका
  • SVB की विफलता के कारण:  
    • SVB ने बिक्री हेतु उपलब्ध अपनी सभी प्रतिभूतियों को 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नुकसान पर बेचा, जो ज़्यादातर यूएस ट्रेज़री सिक्योरिटीज़ के रूप में थीं।
    • वर्ष 2020-2021 के तकनीकी वृद्धि के दौरान इसने भारी मात्रा में जमा राशि प्राप्त की और लंबी अवधि के ट्रेज़री बाॅण्ड में आय का निवेश किया जबकि ब्याज दरें कम थीं।
    • हालाँकि ब्याज दरों में वृद्धि के साथ इन कोषागारों का बाज़ार मूल्य SVB भुगतान की तुलना में काफी कम हो गया, जिससे जमाकर्त्ता धन की निकासी करने लगे।

SVB की विफलता का प्रभाव:  

  • बैंक रन:  
    • बैंक की नाकामी दूसरे बैंकों की चिंता बढ़ा रही है। बैंक रन की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ग्राहक या निवेशक घबरा जाते हैं एवं अपनी जमा राशि निकालना शुरू कर देते हैं। सबसे तात्कालिक चिंता सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता की वजह से अन्य बैंकों के ग्राहकों के भयभीत होने की आशंका है ।
  • भारतीय स्टार्टअप:  
    • SVB कई भारतीय स्टार्टअप्स के लिये महत्त्वपूर्ण ऋणदाताओं में से एक था और इसकी विफलता से खातों से धन की निकासी प्रक्रिया काफी प्रभावित होगी
    • विभिन्न कंपनियों को संयुक्त राज्य सामाजिक सुरक्षा संख्या अथवा आयकर पहचान संख्या की आवश्यकता के बिना ही अपने बैंक खाते खोलने की सुविधा प्रदान कर SVB ने भारत में स्टार्टअप्स के लिये नकदी जमा करने का एक आसान रास्ता प्रदान किया।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


भारत में वृद्ध जनों पर राष्ट्रीय नीति

हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये एकीकृत कार्यक्रम की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना लागू की है। 

भारत में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से संबंधित पहलें:  

  • वृद्ध जनों पर राष्ट्रीय नीति:
    • वृद्ध जनों पर राष्ट्रीय नीति की घोषणा वर्ष 1999 में वृद्ध जनों की भलाई सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने हेतु की गई थी।
    • इस नीति में वृद्ध जनों की वित्तीय और खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय और अन्य ज़रूरतों, विकास में समान हिस्सेदारी, दुर्व्यवहार और शोषण के खिलाफ सुरक्षा तथा उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राज्य के समर्थन की परिकल्पना की गई है। 
  • राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY):  
    • यह वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष द्वारा वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
    • यह योजना BPL श्रेणी से संबंधित वरिष्ठ नागरिकों या प्रतिमाह 15000 रुपए से कम आय वाले एवं कम दृष्टि, श्रवण अक्षमता, दाँतों की हानि तथा लोकोमोटर विकलांगता जैसी उम्र से संबंधित अक्षमताओं से पीड़ित लोगों को सहायता और सहायक जीवन उपकरण प्रदान करती है। 
  • एल्डरलाइन (Elderline):  
    • वरिष्ठ नागरिकों के लिये राष्ट्रीय हेल्पलाइन (14567)-एल्डरलाइन को वर्ष 2021 में वृद्ध जनों  की शिकायतों को दूर करने के लिये मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है।
      • इस संबंध में देश भर में हेल्पलाइन शुरू की गई है और वरिष्ठ नागरिकों को एक टोल-फ्री नंबर के माध्यम से सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। 
  • सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन (SAGE): 
    • यह वृद्ध जनों के कल्याण हेतु उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं को विकसित करने के लिये नवीन स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने हेतु वर्ष 2021 में शुरू की गई एक पहल है।
      • इस पहल के तहत नवोन्मेषी स्टार्टअप की पहचान की जाती है और यह सुनिश्चित करते हुए प्रति परियोजना 1 करोड़ रुपए तक की इक्विटी सहायता प्रदान की जाती है कि स्टार्टअप में कुल सरकारी इक्विटी 49% से अधिक न हो। 
  • अटल वयो अभ्युदय योजना: 
    • मंत्रालय ने अटल वयो अभ्युदय योजना के तहत अंतर-पीढ़ी बंधन को मज़बूत करने के लिये स्कूल/कॉलेज के छात्रों के साथ जागरूकता सृजन/ संवेदीकरण कार्यक्रमों को भी शामिल किया है।
      • इसका उद्देश्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया की बेहतर समझ के लिये व्यक्तियों, परिवारों और समूहों को सूचना तथा शैक्षिक सामग्री प्रदान करना है। 

 स्रोत: पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 मार्च, 2023

अनुसूचित जनजाति की सूची में समुदायों को शामिल करने की प्रक्रिया 

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने संसद में इस बात पर बल देकर कहा है कि अनुसूचित जनजातियों की सूची में समुदायों को शामिल करने के लिये लोकुर समिति द्वारा निर्धारित मानदंड उपयुक्त हैं और इसमें संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है। जनजातियों को ST की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकारों की सिफारिश से शुरू होती है, जिसे बाद में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा जाता है, जो समीक्षा करता है और अनुमोदन के लिये भारत के महापंजीयक को इसे प्रेषित करता है। इसके बाद संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में उपयुक्त संशोधन के लिये कैबिनेट को सूची भेजने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की मंज़ूरी लेनी होती है। लोकुर समिति द्वारा निर्धारित मानदंडों में निम्नलिखित शामिल हैं: आदिम लक्षण, विशिष्ट संस्कृति, भौगोलिक अलगाव, बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ जुड़ने में हिचक और पिछड़ापन। बीते समय में वर्ष 2014 में स्थापित एक सरकारी कार्य समिति ने सूची शामिल किये जाने के मानदंड और प्रक्रिया को काफी पुराने होने और सकारात्मक कार्रवाई के साथ असंगत होने की आलोचना करते हुए दावा किया कि इसी कारण समुदायों का बहिष्कार हुआ और उन्हें शामिल किये जाने में देरी हुई। करीब आठ वर्षों तक विचाराधीन रहने के कारण इसमें संशोधन किये जाने का प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया था।

मनरेगा बजट कटौती पर संसदीय स्थायी समिति ने उठाए सवाल

संसदीय स्थायी समिति ने वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGS) के बजट में 29,400 करोड़ रुपए की कटौती पर चिंता व्यक्त की है। समिति की रिपोर्ट में मनरेगा हेतु निधि में कमी के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया गया और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिये पुनर्विचार की सिफारिश की गई। राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली के संबंध में वास्तविक समय उपस्थिति कैप्चरिंग एप की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए समिति ने यह भी कहा कि लाभार्थियों को स्मार्ट फोन की कमी, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी एवं "इन" और "आउट" उपस्थिति दोनों हेतु मनरेगा कर्मचारियों की उपस्थिति के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। समिति ने सिफारिश की कि सरकार मनरेगा मज़दूरी दरों को एक उपयुक्त मूल्य निर्धारण सूचकांक से जोड़कर बढ़ाए एवं गारंटीकृत कार्य दिवसों को 100 दिनों से अधिक करे।

और पढ़ें… मनरेगा 

IMD ने UMANG मोबाइल एप पर 7 सेवाएँ शुरू कीं

हाल ही में IMD ने जनता के उपयोग के लिये 'UMANG' मोबाइल एप के साथ अपनी सात सेवाओं (वर्तमान मौसम, नाउकास्ट, शहर के मौसम का पूर्वानुमान, वर्षा की जानकारी, पर्यटन पूर्वानुमान, चेतावनी और चक्रवात) की शुरुआत की है। इससे पहले वर्ष 2020 में IMD ने मौसम की भविष्यवाणी के लिये मोबाइल एप 'मौसम', कृषि मौसम सलाह के प्रसार हेतु 'मेघदूत' और बिजली गिरने की चेतावनी के लिये 'दामिनी' एप विकसित किया था। IMD एकीकृत पूर्वानुमान रणनीति का अनुसरण करता है। लंबे समय के पूर्वानुमान (पूरे मौसम के लिये), चार सप्ताह की अवधि के साथ गुरुवार को विस्तारित रेंज का पूर्वानुमान, इसके बाद अगले दो दिनों के दृष्टिकोण के साथ अगले पाँच दिनों तक दैनिक व लघु से मध्यम श्रेणी तक का पूर्वानुमान तथा चेतावनियाँ जारी की जाती हैं, इसके बाद तीन घंटे तक खराब मौसम का बहुत कम अवधि का पूर्वानुमान जारी किया जाता है (नाउकास्ट: हर 3 घंटे में अपडेट किया जाता है)। हाल के वर्षों में की गई पहलों में नियमित आधार पर ई-मेल, व्हाट्सएप समूहों और सोशल मीडिया द्वारा उपयोगकर्त्ताओं को जानकारी का प्रसार और SMS के माध्यम से पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं को खराब मौसम के बारे में नाउकास्ट शामिल है। 

ओ-स्मार्ट (O-SMART) योजना 

सरकार ने 5 वर्ष की अवधि यानी 2021-22 से 2025-26 के दौरान 'महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान (O-SMART)' योजना के कार्यान्वयन के लिये 2177 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की। इसके अलावा योजना के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं: एर्गो फ्लोट्स, XBT/XCTD, वेव राइडर ब्वॉय, स्वचालित मौसम स्टेशन, ड्रिफ्टर्स, मूरेड ब्वॉय, टाइड गेज़, ध्वनिक डॉपलर धारा प्रोफाइलर सहित विभिन्न महासागर अवलोकन प्लेटफॉर्म तैनात किये गए। डेटा का उपयोग करके सूनामी की प्रारंभिक चेतावनी, तीव्र तूफान, संभावित मत्स्य ग्रहण क्षेत्र, महासागरीय स्थिति का पूर्वानुमान, हानिकारक शैवाल वृद्धि, प्रवाल भित्ति, बहु-जोखिम भेद्यता, तटीय भेद्यता सूचकांक, हाई वेव अलर्ट, तेल रिसाव, खोज एवं बचाव अभियान आदि का उपयोग कर उत्पन्न की गई। मॉडल इन हाउस परिचालित होते हैं और विभिन्न हितधारकों तथा अंतिम उपयोगकर्त्ताओं को प्रतिदिन के आधार पर डेटा प्रदान किये जाते हैं। प्रौद्योगिकी और नीतियों का प्रसार करने के लिये नियमित आधार पर तटीय सर्वेक्षण तथा गहरे समुद्र में परिभ्रमण व जन जागरूकता अभियान एवं संबंधित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।