प्रिलिम्स फैक्ट्स (10 Jan, 2022)



पहला बहु-आयामी साहसिक खेल अभियान: निमास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रक्षा मंत्री ने फ्राँस में राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान (NIMAS) द्वारा आयोजित भारत के पहले बहुआयामी साहसिक खेल अभियान को हरी झंडी दिखाई है|

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • अभियान की शुरुआत नवंबर 2021 में की गई थी और टीम का नेतृत्त्व निमास के निदेशक ने किया था जिसमें 12 लोग आठ सेना के जवान और अरुणाचल प्रदेश के चार युवा शामिल थे।
    • अभियान दल ने आल्प्स पर्वत शृंखलाओं में 250 किलोमीटर से अधिक शीतकालीन ट्रेकिंग की, जिसमें फ्रेंच, स्विस और इतालवी आल्प्स को कवर करने वाला टूर डी मोंट ब्लांक ट्रेक शामिल था।
  • राष्‍ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्‍थान:
    • यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग ज़िले में स्थित एक उन्नत खेल प्रशिक्षण संस्थान है।
    • यह रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण और अधीक्षण में कार्य करता है।
    • यह संस्थान जमीन, हवा और पानी में प्रशिक्षण प्रदान करता है जो न केवल राज्य में बल्कि भारत में भी अपनी तरह का पहला संस्थान है, यह नागरिकों की विभिन्न प्रकार की चुनौतियों के समाधान करने के साथ-साथ साहसिक खेलों में करियर बनाने का अवसर देता है।

आल्प्स: 

Alps

  • आल्प्स एक असंतत पर्वत शृंखला (Discontinuous Mountain Chain) का छोटा खंड है जो उत्तरी अफ्रीका के एटलस पर्वत से दक्षिणी यूरोप और एशिया में हिमालय से आगे  तक फैला है।
  • अल्पाइन क्षेत्र में आठ यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया, फ्रांँस, जर्मनी, इटली, लिकटेंस्टीन, मोनाको, स्लोवेनिया और स्विट्ज़रलैंड शामिल हैं।
    • आल्प्स एक इंटरज़ोनल पर्वत प्रणाली (ओरोबायोम) या मध्य और भूमध्यसागरीय यूरोप के बीच एक "संक्रमण क्षेत्र" (Transition Area) है।
  • मोंट ब्लांक सबसे ऊँची चोटी है। 
  • यद्यपि वे पैलियोजीन और नियोजीन काल (यानी लगभग 65 मिलियन से 2.6 मिलियन वर्ष पूर्व) के दौरान निर्मित अन्य पर्वत प्रणालियोंकी तुलना में उच्च तथा व्यापक नहीं हैं, जैसे कि हिमालय (एशिया की महान पर्वत प्रणाली) और एंडीज़ एवं रॉकी पर्वत (क्रमशः दक्षिण अमेरिका व उत्तरी अमेरिका में) किंतु वे प्रमुख भौगोलिक घटनाओं हेतु उत्तरदायी हैं।
  • अल्पाइन शिखर एक यूरोपीय क्षेत्र को दूसरे से अलग करते हैं और यूरोप की कई प्रमुख नदियों का स्रोत हैं।
  • आल्प्स से उद्गमित नदियों का जल अंततः उत्तर, भूमध्यसागर, एड्रियाटिक और काला सागर तक पहुँचता है।

सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन

हाल ही में कज़ाखस्तान के राष्ट्रपति ने सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) से देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को प्रबंधित करने में मदद का आह्वान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • परिचय:
    • यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन (छह देशों का) है जो 2002 में लागू हुआ था।
    • 1991 में एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के बाद से मध्य एशियाई देश पर शासन करने वाले शासकों के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले विरोधों पर अंकुश लगाने के लिये इसने कज़ाखस्तान को प्रभावित करना शुरू कर दिया।
  • इतिहास:
    • वर्ष 1992 में सोवियत संघ के बाद के छह राज्यों ने स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल से संबंधित - रूस, आर्मेनिया, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने सामूहिक सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किये थे।
    • इसे "ताशकंद पैक्ट" या "ताशकंद संधि" के रूप में भी जाना जाता है।
    • सोवियत संघ के बाद के तीन अन्य राज्यों- अज़रबैजान, बेलारूस और जॉर्जिया ने अगले वर्ष हस्ताक्षर किये पर संधि 1994 में प्रभावी हुई।
    • पाँच साल बाद, नौ में से अज़रबैजान, जॉर्जिया और उज़्बेकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने इस संधि को पांँच और वर्षों के लिये नवीनीकृत करने पर सहमति व्यक्त की तथा वर्ष 2002 में उन छह राज्यों ने सीएसटीओ (CSTO) को एक सैन्य गठबंधन के रूप में बनाने पर सहमति व्यक्त की।
  • मुख्यालय:
    • इसका मुख्यालय रूस की राजधानी मास्को में स्थित है।
  • सदस्य:
    • वर्तमान में आर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, रूसी संघ और ताजिकिस्तान इसके सदस्य हैं।
  • उद्देश्य:
    • साइबर सुरक्षा और स्थिरता सहित शांति, अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना, स्वतंत्रता की सुरक्षा, सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस


घड़ियाल

असम सरकार ने घड़ियाल के संरक्षण के लिये ओरंग राष्ट्रीय उद्यान (Orang National Park)  को उसके मौजूदा आकार से तीन गुना अधिक विस्तृत करने हेतु एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है।

Gharials

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • घड़ियाल जिसे गेवियल भी कहते हैं, यह एक प्रकार का एशियाई मगरमच्छ है जो अपने लंबे, पतले थूथन के कारण अन्य से अलग होता हैं 
      • मगरमच्छ सरीसृपों का एक समूह है जिसमें मगरमच्छ, घड़ियाल, कैमन आदि शामिल हैं।
    • भारत में मगरमच्छों की तीन प्रजातियाँ हैं:
      • घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस): IUCN रेड लिस्ट- गंभीर रूप से संकटग्रस्त
      • मगर (Crocodylus Palustris): IUCN- सुभेद्य।
      • खारे पानी का मगरमच्छ (Crocodylus Porosus): IUCN- कम चिंतनीय।
        • तीनों को CITES के परिशिष्ट I और वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध किया गया है।
        • अपवाद: ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी की खारे पानी की मगरमच्छ आबादी को CITES के परिशिष्ट II में शामिल किया गया है।
  • घड़ियाल का निवास स्थान:
    • प्राकृतिक आवास: भारत के उत्तरी भाग का ताज़ा पानी।
    • प्राथमिक आवास: चंबल नदी (यमुना की एक सहायक नदी)।
    • माध्यमिक आवास: घाघरा, गंडक नदी, गिरवा नदी (उत्तर प्रदेश), रामगंगा नदी (उत्तराखंड) और सोन नदी (बिहार)।
  • महत्त्व: घड़ियाल की आबादी नदी के स्वच्छ पानी का एक अच्छा संकेतक है।
  • संरक्षण के प्रयास
    • लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कुकरैल घड़ियाल पुनर्वास केंद्र व प्रजनन केंद्र, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (घड़ियाल इको पार्क, मध्य प्रदेश)।
  • जोखिम:
    • नदी प्रदूषण में वृद्धि, बाँध निर्माण, बड़े पैमाने पर मछली पकड़ना और बाढ़।
    • अवैध बालू खनन व अवैध शिकार।

ओरांग राष्ट्रीय उद्यान:

  • ओरांग राष्ट्रीय उद्यान को राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह असम के दर्रांग और सोनितपुर ज़िलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर 78.81 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है।
  • इसे 1985 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था, लेकिन 1999 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। इसे 2016 में देश का 49वाँ टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
  • इसे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (IUCN साइट) का छोटा रूप भी माना जाता है क्योंकि दोनों पार्कों में एक समान परिदृश्य है जिसमें दलदल, जलधाराएँ और घास के मैदान हैं।
  • यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर गैंडों का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है। अरुणाचल प्रदेश में कामलांग टाइगर रिज़र्व को 50वाँ नवीनतम टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है।

असम में अन्य संरक्षित क्षेत्र:

National-Parks

स्रोत: द हिंदू  


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 जनवरी, 2022

फातिमा शेख की जन्म वर्षगाँठ

गूगल ने 9 जनवरी, 2022 को शिक्षक और समाज सुधारक फातिमा शेख को उनकी 191वीं जयंती पर होमपेज पर डूडल बनाकर सम्मानित किया। फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी को वर्ष 1831 में पुणे में हुआ था। वह शिक्षक और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले व उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले की सहयोगी थी, जिन्होंने जाति, सती प्रथा, महिला सशक्तीकरण, विधवा पुनर्विवाह, अंतर्जातीय विवाह और शिक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये फातिमा शेख के साथ लगातार काम किया। तत्कालीन समाज में फातिमा शेख को एक नारीवादी प्रतीक माना जाता था और स्वतंत्र भारत में उन्हें देश में बदलाव लाने के लिये सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव से लड़ना पड़ा। उन्होंने वर्ष 1848 में फुले के साथ स्वदेशी पुस्तकालय की सह-स्थापना की जो लड़कियों के लिये भारत के पहले स्कूलों में से एक था। उन्होंने निम्न जाति में पैदा हुए लोगों को अवसर प्रदान करने के लिये फुले के साथ काम करते हुए जो प्रयास किये, उन्हें सत्यशोधक समाज आंदोलन के रूप में मान्यता मिली। वर्ष 2014 में शेख की उपलब्धियों को सरकार द्वारा उर्दू पाठ्यपुस्तकों में एक प्रोफ़ाइल के रूप में उनके समय के ऐसे अन्य अनुकरणीय और दृढ़ शिक्षकों के साथ चित्रित किया गया था।

निर्भया कढ़ी अभियान

ओडिशा के गंजम ज़िले ने खुद को बाल विवाह मुक्त ज़िला घोषित किया है। ज़िला प्रशासन ने दो वर्ष 2020 और 2021 में 450 बाल विवाह और वीडियो-रिकॉर्ड 48,383 विवाहों को रोकने में सक्षमता दिखाई। इसके लिये गंजम ज़िले में में निर्भया कढ़ी कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। किशोरियों को स्कूल छोड़ने से रोकने और उनकी काउंसलिंग करने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि अगर 12 से 18 वर्ष की लड़की पाँच दिनों तक स्कूल से अनुपस्थित रहती है तो प्रशासन को इसकी सूचना दें। पिछले दो वर्षों में इस कार्यक्रम के तहत लगभग एक लाख किशोरियों ने परामर्श लिया है। प्रशासन ने किसी भी बाल विवाह की सूचना देने वालों के लिये 5,000 रुपए की घोषणा भी की थी। यह राशि अब बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है। 

वीर गाथा प्रोजेक्ट

भारत सरकार ने आज़ादी का अमृत महोत्सव शुरू किया जिसके तहत भारत की आजादी के 75वें वर्ष पर पहली बार कई कार्यक्रम पेश किये गए। वीर गाथा परियोजना एक ऐसी परियोजना है जिसे देश के स्कूली बच्चों को युद्ध नायकों और बहादुर दिलों की कहानियों से प्रेरित करने के लिये शुरू किया गया था। परियोजना के विजेताओं के रूप में कुल 25 छात्रों का चयन किया गया है। वीर गाथा परियोजना के तहत छात्रों को वीरता पुरस्कार विजेताओं के आधार पर गतिविधियों को करने के लिये प्रेरित किया गया। ऐसा करने के लिये शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पूरे देश में 21 अक्तूबर से 21 नवंबर, 2021 तक वीर गाथा परियोजना का आयोजन किया। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई वीर गाथा परियोजना में देश भर के 4,788 स्कूलों के 8,03,900 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इन छात्रों ने बहादुरों के सम्मान में अपने निबंध, कविताएँ, चित्र और मल्टीमीडिया प्रस्तुति साझा कीं। एक राष्ट्रीय समिति द्वारा कई दौर के मूल्यांकन के बाद सुपर-25 कहे जाने वाले कुल 25 छात्रों का चयन कर और उन्हें विजेता घोषित किया गया। वीर गाथा परियोजना में जीतने वाले छात्रों को 25 जनवरी, 2022 को नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा और वे रक्षा मंत्रालय के विशेष अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी बनेंगे।

पहला स्‍टार्टअप इंडिया नवाचार सप्‍ताह

उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्‍यापार विभाग 10 जनवरी से 16 जनवरी तक पहले स्टार्ट अप इंडिया नवाचार सप्ताह का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस वर्चुअल कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। स्‍वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में अमृत महोत्‍सव के तहत इसका आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान देश में उद्यमिता विकास और विस्तार के विभिन्‍न पहलुओं को दर्शाया जाएगा। स्‍टार्टअप क्षेत्र में वर्ष 2021 को यूनिकॉर्न वर्ष के रूप में चिह्नित किया गया था। इस दौरान 40 नए स्‍टार्टअप जुड़े हैं। भारत, विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप अनुकूल तंत्र के साथ वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।