प्रिलिम्स फैक्ट्स (04 Dec, 2020)



प्रिलिम्स फैक्ट्स: 04 दिसंबर, 2020

C32 LH2 टैंक

C32 LH2 Tank

हाल  ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited- HAL) ने अब तक के सबसे बड़े क्रायोजेनिक प्रणोदक टैंक C32 LH2 (Cryogenic Propellant Tank) को ISRO को सौंप दिया है।

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C32 LH2 के बारे में:

  • इस टैंक का निर्माण GSLV MK-III लॉन्चिंग वाहन की पेलोड क्षमता को 4 टन से बढ़ाकर 6 टन करने के लिये किया गया है।
  • लाभ:
    • अभी तक भारत भारी संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये फ्राँसीसी एरियन 5 रॉकेट पर निर्भर था। इस टैंक से भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी और वह अपने भारी उपग्रहों को स्वयं भेज पाएगा।
    • भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीनतम क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक ISRO का एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • प्रणोदक टैंक एक कुशल और लागत प्रभावी प्रक्षेपण यान के विकास की दिशा में सहायक होगा क्योंकि भारत अन्य देशों के उपग्रहों को लॉन्च करके आर्थिक लाभ उठा सकता है

क्रेयोजेनिक प्रणोदक:

  • क्रायोजेनिक प्रणोदक में तरलीकृत गैसें होती हैं, जिन्हें बहुत कम तापमान पर संग्रहीत किया जाता है।
  • इसमें तरल हाइड्रोजन (LH2) को ईंधन और तरल ऑक्सीजन (LO2 या LOX) को ऑक्सीकारक के रूप में रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • हाइड्रोजन और ऑक्सीजन क्रमशः -253 डिग्री सेल्सियस (-423 डिग्री फारेनहाइट) और -183 डिग्री सेल्सियस (-297 डिग्री फारेनहाइट) के तापमान पर तरल अवस्था में रहते हैं।

चक्रवात बुरेवी

Cyclone Burevi

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात बुरेवी (Burevi) के इस सप्ताह के अंत तक तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िले कन्याकुमारी के तट पर दस्तक देने की आशंका है।

Trach-of-Cyclone

प्रमुख बिंदु:

  • इस चक्रवात का प्रभाव हाल ही आए चक्रवात निवार के प्रभाव से कम रहेगा।
  • चक्रवात बुरेवी का नामकरण मालदीव द्वारा किया गया है।
    • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation- WMO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक क्षेत्र के देशों को चक्रवातों का नाम देने के लिये अधिकृत किया गया है।
    • उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर बने उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को कवर करता है।
    • इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 13 सदस्य देश हैं बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्याँमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन।
    • इन देशों द्वारा इस वर्ष के लिये चक्रवात के कुल 169 नाम सुझाए गए थे, जिसमें प्रत्येक देश द्वारा सुझाए गए 13 नाम शामिल थे।

भारत के शीर्ष 10 पुलिस स्टेशन

India’s Top 10 Police Stations for 2020

हाल ही में गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 के लिये भारत के शीर्ष 10 पुलिस स्टेशनों की सूची जारी की है।

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प्रमुख बिंदु:

  • इस पहल की घोषणा वर्ष 2015 में कच्छ, गुजरात में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने के थी।
  • उद्देश्य:  
    • यह रैंकिंग डेटा विश्लेषण, प्रत्यक्ष अवलोकन और सार्वजनिक प्रतिक्रिया के माध्यम से देश के 16,671 पुलिस स्टेशनों में से शीर्ष 10 पुलिस स्टेशनों को प्रदान की गई।
  • प्रदर्शन मानक:
    • संपत्ति से संबंधित अपराध, महिलाओं के खिलाफ अपराध और समाज के कमज़ोर वर्ग आदि।
    • इस वर्ष सरकार ने तीन नए मानकों को शामिल किया है-
      • लापता व्यक्ति, अज्ञात व्यक्ति और अज्ञात शव।
  • ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों में स्थित पुलिस स्टेशनों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
    • इससे यह प्रतीत होता है कि अपराध को रोकने, नियंत्रित करने और राष्ट्र की सेवा करने के लिये  संसाधनों की उपलब्धता तो महत्त्वपूर्ण है ही, परंतु इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण पुलिस कर्मियों का समर्पण और उनकी ईमानदारी है।
  • 2020 के लिये शीर्ष 3 पुलिस स्टेशन:
    • मणिपुर के थौबल ज़िले के नोंगपोक सीकमाई पुलिस स्टेशन ने इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
    • तमिलनाडु के सलेम शहर का AWPS-सुरमंगलम पुलिस स्टेशन दूसरे स्थान पर रहा।
    • अरुणाचल प्रदेश के चंगलांग ज़िले का खरसांग स्टेशन तीसरे स्थान पर रहा।
  • वार्षिक रैंकिंग के लाभ:
    • इससे पुलिस बल की कड़ी मेहनत को पहचानने, उन्हें प्रोत्साहित करने और उनमें प्रतिस्पर्द्धा की भावना विकसित करने में सहायता मिलेगी।
    • यह पुलिस स्टेशनों के स्तर पर भौतिक बुनियादी ढाँचे, संसाधनों और कमियों की स्थिति की एक तस्वीर भी प्रदान करता है। 
    • इस प्रकार की रैंकिंग प्रत्येक स्तर पर पुलिस स्टेशनों के सुधार के लिये एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 दिसंबर, 2020

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

भारत में प्रत्येक वर्ष 02 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाना और औद्योगिक अथवा मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देना है। यह दिवस उन लोगों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गँवा दी थी। दरअसल 2 दिसंबर, 1984 की रात को अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (मौजूदा नाम-डाउ केमिकल्स) के प्लांट से मिथाइल आइसोसाइनाइट (Methyl Isocyanate) गैस का रिसाव हुआ था, जिसने भोपाल शहर को एक विशाल गैस चैंबर में परिवर्तित कर दिया था। कम-से-कम 30 टन मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस के रिसाव के कारण तकरीबन 15,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी और लाखों लोग इस भयावह त्रासदी से प्रभावित हुए थे। यही कारण है कि भोपाल गैस त्रासदी को विश्व में सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदाओं में से एक माना जाता है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण प्रत्येक वर्ष विश्व स्तर पर लगभग 7 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से तकरीबन 4 मिलियन लोगों की मौत घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होती है। मौजूदा समय में प्रदूषण स्तर इतना अधिक हो गया है कि विश्व के 10 में से 9 लोगों को स्वच्छ वायु नहीं मिल पाती है। 

भारत और अमेरिका बीच बौद्धिक संपदा सहयोग पर समझौता

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने संयुक्त राज्य अमेरिका के पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय (USPTO) के साथ बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते से बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच उद्योगों, विश्‍वविद्यालयों, अनुसंधान तथा संस्‍थाओं के स्‍तर पर अनुभवों और बेहतरीन तौर-तरीकों तथा ज्ञान को साझा करने में मदद मिलेगी। इस समझौते के माध्यम से कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, IPR के संरक्षण, पेटेंट और औद्योगिक डिज़ाइनों के पंजीकरण एवं परीक्षण हेतु सर्वोत्तम प्रथाओं और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा। यह समझौता वैश्विक नवाचार में एक प्रमुख देश बनने की दिशा में भारत की यात्रा के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा और राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति- 2016 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगा। 

नौसेना दिवस

प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन वर्ष 1971 में कराची हार्बर में पाकिस्तान के नौसेना मुख्यालय पर भारतीय नौसेना को आपरेशन ट्राइडेंट (Operation Trident) में मिली शानदार कामयाबी की याद में किया जाता है। 4 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत कराची बंदरगाह पर एक ही रात में पाकिस्तान के तीन जलपोतों को नष्ट कर दिया था। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘भारतीय नौसेना- मुकाबले के लिये तैयार,  विश्वसनीय और सामंजस्यपूर्ण’। भारतीय नौसेना का इतिहास वर्ष 1612 में तब शुरू हुआ,जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाज़ों की सुरक्षा के लिये ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन (East India Company's Marine) के रूप में नौसैनिक टुकड़ी का गठन किया था। बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन का नाम बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया। वर्ष 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन कर दिया गया। भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में नौसेना का पुनः गठन किया गया और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।

विश्व दिव्यांग दिवस

विश्व भर में दिव्यांगजनों के समक्ष मौजूद चुनौतियों और समस्याओं को रेखांकित करने और उन्हें स्वीकृति प्रदान करने के लिये प्रत्येक वर्ष 03 दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों और विकलांग व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों के बारे में आम लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया था। उसके बाद 1983-92 के दशक को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक’ घोषित किया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1992 से प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को ‘विश्व विकलांगता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। मौजूदा समय में दिव्यांगता को अक्षमता के नज़रिये नहीं देखा जाता है और इसका सफल उदाहरण यह है कि आधुनिक युग के सबसे सफल वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग भी दिव्यांग थे। वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 21 मिलियन (2.1 प्रतिशत जनसंख्या) से अधिक लोग किसी-न-किसी प्रकार की दिव्यांगता से पीड़ित हैं। देश में कुल दिव्यंगों में 12.6 मिलियन पुरुष और 9.3 मिलियन महिलाएँ हैं।