उत्तर प्रदेश पी.सी.एस.

यू.पी.पी.सी.एस (प्रवर) - प्रकृति एवं प्रक्रिया | 13 Apr 2019 | विविध

यू.पी.पी.सी.एस. (प्रवर) परीक्षा को ‘सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (सामान्य चयन/ विशेष चयन)’ के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में यह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यू.पी.पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय परीक्षा है। इस परीक्षा की प्रकृति एवं प्रक्रिया सम्बंधी विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है।

परीक्षा की प्रकृति:

आयोग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगी परीक्षा में सामान्यत: क्रमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं-

परीक्षा की प्रक्रिया: 

प्रारम्भिक परीक्षा की प्रक्रिया:

मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया:

  • प्रारम्भिक परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिये मुख्य परीक्षा का आयोजन इलाहाबाद एवं लखनऊ में आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न केन्द्रों पर किया जाता है। 
  • मुख्य परीक्षा विषय के अनुसार एक से अधिक दिनों तक आयोजित की जाती है।
  • यू.पी.पी.सी.एस. (प्रवर) मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र दो भागों (अनिवार्य एवं वैकल्पिक) में विभाजित हैं।
  • अनिवार्य विषयों में- सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र तथा सामान्य हिंदी एवं निबंध के प्रश्नपत्र लिखित (वर्णनात्मक) प्रकृति के होते हैं। 
  • वैकल्पिक विषय में- अभ्यर्थी द्वारा विज्ञप्ति के दौरान उसमें दिये गए विषयों में से चयनित एक वैकल्पिक विषय के दो प्रश्नपत्र (प्रथम प्रश्नपत्र एवं द्वितीय प्रश्नपत्र) शामिल हैं, जिसकी प्रकृति लिखित (वर्णनात्मक) होती है। 
  • वर्ष 2015 से इस मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति के साथ-साथ उत्तर-पुस्तिका में भी बदलाव किया गया है।  
  • अब जहाँ प्रत्येक प्रश्न विभिन्न खंड में विभाजित रहते हैं वहीं इन सभी प्रश्नों के उत्तर को आयोग द्वारा दिये गए उत्तर-पुस्तिका में निर्धारित स्थान पर निर्धारित शब्दों में अधिकतम तीन घंटे की समय सीमा में लिखना होता है (वैकल्पिक विषय के सभी प्रश्नपत्रों में 2 खंड होंगे। प्रत्येक खंड में चार-चार प्रश्न होंगे। अभ्यर्थी को कुल पांच प्रश्नों के उत्तर लिखने होंगे। प्रत्येक खंड से दो-दो प्रश्न हल करना आवश्यक हैं । )
  • यू.पी.पी.सी.एस. (प्रवर) मुख्य परीक्षा कुल 1500 अंकों की होती है। 
  • सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्नपत्रों के लिए अधिकतम 800अंक (प्रत्येक प्रश्नपत्र के लिए 200 )निर्धारित है। इन प्रत्येक प्रश्नपत्रों को हल करने की अवधि 3 घंटे की होंगी। 
  • अनिवार्य सामान्य हिंदी के लिये 150 अंक एवं निबंध के लिये 150 अंक निर्धारित होते हैं।
  • एक वैकल्पिक विषय के दोनों प्रश्नपत्रों (कुल 2 प्रश्नपत्र) की परीक्षा आयोग द्वारा निर्धारित तिथि को दो विभिन्न पालियों (क्रमशः 9.30 से 12.30 P.M.एवं 2.00 से 5.00 P.M.) में संपन्न होती है। 
  • वैकल्पिक विषय के दोनों प्रश्नपत्रों (कुल 2 प्रश्नपत्र) के लिये 200-200 अंक निर्धारित हैं। अर्थात एक वैकल्पिक विषय के कुल 2 प्रश्नपत्रों के लिये 400 अंक निर्धारित किया गया है।  
  • निबंध हिंदी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिखा जा सकता है।    

साक्षात्कार की प्रक्रिया: 

  • मुख्य परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को सामान्यत: एक माह पश्चात् आयोग के समक्ष साक्षात्कार के लिये उपस्थित होना होता है। 
  • साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है जिसमें आयोग के सदस्यों द्वारा आयोग में निर्धारित स्थान पर मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका उत्तर अभ्यर्थी को मौखिक रूप से देना होता है। यह प्रक्रिया अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार एक से अधिक दिनों तक चलती है।    
  • यू.पी.पी.सी.एस. (प्रवर) में साक्षात्कार के लिये कुल 100 अंक निर्धारित हैं। 
  • मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है।   
  • सम्पूर्ण साक्षात्कार समाप्त होने के सामान्यत: एक सप्ताह पश्चात अन्तिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाती है।

⇒ साक्षात्कार में अच्छे अंक प्राप्त करने संबंधी रणनीति के लिये इस Link पर क्लिक करें

नोट: 

  • नियुक्ति हेतु चयनित अभ्यर्थियों को नियमों में अपेक्षित स्वास्थ्य परीक्षणों पर भी खरा उतरना ज़रुरी होता है।  
  • कुछ दशाओं में आयोग द्वारा सीधी भर्ती की प्रक्रिया भी अपनाई जाती है।