टू द पॉइंट

राजा राम मोहन राय | 10 Oct 2020 | एथिक्स

राजा राम मोहन राय आधुनिक भारत के पुनर्जागरण के पिता और एक अथक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में प्रबोधन और उदार सुधारवादी आधुनिकीकरण के युग का उद्घाटन किया।

जीवन 

विचारधारा

योगदान

धार्मिक सुधार:

समाज सुधार:

ब्रह्म समाज

शैक्षिक सुधार:

आर्थिक और राजनीतिक सुधार:

नागरिक स्वतंत्रता: रॉय ब्रिटिश प्रणाली की संवैधानिक सरकार द्वारा लोगों को दी गई नागरिक स्वतंत्रता से अत्यंत प्रभावित थे और उसकी प्रशंसा करते थे। वह सरकार की उस प्रणाली का लाभ भारतीय लोगों तक पहुँचाना चाहते थे।

प्रेस की स्वतंत्रता: 

कराधान सुधार: 

प्रशासनिक सुधार: उन्होंने उच्च सेवाओं के भारतीयकरण तथा कार्यपालिका और न्यायपालिका को अलग करने की मांग की। उन्होंने भारतीय और यूरोपीय लोगों के बीच समानता की भी मांग की।

राजा राम मोहन राय के साहित्यिक कार्य

निष्कर्ष

राजा राम मोहन राय अपने समय के उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने आधुनिक युग के महत्त्व को महसूस किया। वह जानते थे कि मानव सभ्यता का आदर्श स्वतंत्रता से अलगाव में नहीं है, बल्कि राष्ट्रों के आपसी सहयोग के साथ-साथ व्यक्तियों की अंतर-निर्भरता और भाईचारे में है।