iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म | बिहार | 24 May 2025
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार की मिशन कर्मयोगी पहल के अंतर्गत iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म ने 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं की उपलब्धि प्राप्त की है, जो भारतीय सिविल सेवाओं की क्षमता-विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति है।
- बिहार उन शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल है जिन्होंने इस प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक योगदान दिया है; अन्य राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश।
मुख्य बिंदु
- मिशन कर्मयोगी: इसका उद्देश्य एक पेशेवर, अच्छी तरह से प्रशिक्षित और भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवा का विकास करना है, जो भारत के विकासात्मक लक्ष्यों और राष्ट्रीय कार्यक्रमों का समर्थन करती है।
- यह मिशन नियम-आधारित से भूमिका-आधारित प्रशिक्षण की ओर बदलाव पर ज़ोर देता है, तथा योग्यता-संचालित दृष्टिकोण को अपनाता है जो दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान (ASK) में संतुलन स्थापित करता है।
- यह 70-20-10 शिक्षण मॉडल का अनुसरण करता है - 70% अनुभवात्मक शिक्षण, 20% साथियों के माध्यम से शिक्षण, और 10% औपचारिक प्रशिक्षण, जबकि शिक्षण परिणामों को करियर की प्रगति के साथ जोड़ता है और वस्तुनिष्ठ प्रदर्शन मूल्यांकन सुनिश्चित करता है।
- iGOT कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म: यह डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना है, जो सार्वजनिक क्षेत्र में निरंतर सीखने के लिये एक टिकाऊ, स्केलेबल और सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करती है।
- यह भारत के राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (मिशन कर्मयोगी) का एक प्रमुख घटक है।
- कर्मयोगी भारत द्वारा प्रबंधित यह प्लेटफॉर्म 16 भाषाओं में 2,400 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
- सभी पाठ्यक्रम स्वदेशी कर्मयोगी योग्यता मॉडल के अनुरूप तैयार किये गए हैं, जो भारतीय ज्ञान और मिशन कर्मयोगी के सिद्धांतों पर आधारित है।
सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के लिये संबंधित पहल
- सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिये राष्ट्रीय मानक (NSCSTI): इसे क्षमता निर्माण आयोग (CBC) द्वारा विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के लिये उनकी वर्तमान क्षमता के आधार पर रूपरेखा तैयार करना, प्रशिक्षण वितरण की क्षमता को बढ़ाना और सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के मानकों में सामंजस्य स्थापित करना है।
- CBC कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अधीन कार्य करता है।
- आरंभ AARAMBH): अखिल भारतीय सेवा, ग्रुप-ए केंद्रीय सेवा और विदेश सेवा के सभी परिवीक्षार्थियों को एक सामान्य फाउंडेशन कोर्स (CFC) के लिये एक साथ लाने की पहल, इसका उद्देश्य सिविल सेवकों को परिवर्तन का नेतृत्व करने और विभागों और क्षेत्रों में निर्बाध रूप से काम करने में सक्षम बनाना है।