अबूझमाड़ क्षेत्र | छत्तीसगढ़ | 21 Jun 2025
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2026 तक माओवादी प्रभाव समाप्त करने के प्रयासों के बीच, छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के विकास को लेकर सतत् विकास, जनजातीय अधिकार तथा माओवादी प्रभाव को लेकर चिंताएँ उत्पन्न हो रही हैं।
मुख्य बिंदु
विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG)
- PVTG के बारे में:
- ये समुदाय भारत की जनजातियों में सबसे अधिक असुरक्षित माने जाते हैं। इसका मुख्य कारण है कि, अधिक विकसित और मुखर जनजातीय समूह जनजातीय विकास निधि का एक बड़ा भाग अर्जित कर लेते हैं, जिसके कारण PVTG को विशेष ध्यान तथा लक्षित सहायता की आवश्यकता होती है।
- वर्ष 1973 में ढेबर आयोग ने आदिम जनजातीय समूहों (Primitive Tribal Groups- PTG) को सबसे कम विकसित जनजातियों के रूप में चिह्नित किया। वर्ष 2006 में भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया।
- भारत सरकार ने वर्ष 1975 में ऐसे 52 समूहों की पहचान की जबकि वर्ष 1993 में 23 समूहों को इस श्रेणी में और जोड़ा गया, जिससे कुल 705 अनुसूचित जनजातियों में से PVTG की संख्या 75 हो गई।
- PVTGs आमतौर पर छोटे, समरूप, भौगोलिक रूप से अलग-थलग, सरल प्रौद्योगिकी, अलिखित भाषा और धीमी सामाजिक-आर्थिक प्रगति वाले होते हैं।
- देश में PVTGs की संख्या सबसे अधिक ओडिशा में है।
- सरकारी सहायता:
- जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा PVTG के विकास हेतु एक केंद्रीय प्रायोजित योजना चलाई है, जिसमें 18 राज्यों तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के लिये 100% केंद्रीय वित्तपोषण प्रदान किया जाता है।
- इस योजना का उद्देश्य है- PVTG का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास करना, साथ ही उनकी विशिष्ट संस्कृति व परंपराओं का संरक्षण सुनिश्चित करना।
- यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य तथा आजीविका से संबंधित परियोजनाओं को समर्थन देती है, जो उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप होती हैं।