राजस्थान वरिष्ठ नागरिक अनुकूल राज्य बनेगा | राजस्थान | 01 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस (1 अक्तूबर) पर अपने संबोधन में राजस्थान को “वरिष्ठ नागरिक-अनुकूल राज्य” बनाने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य बिंदु
राजस्थान सरकार की पहल:
- योगदान का सम्मान:
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हैं। 1 अक्तूबर को वरिष्ठ नागरिक के कल्याण में योगदान देने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को ज़िला स्तर पर सम्मानित किया गया।
- राजस्थान में वर्तमान में 63 वृद्धाश्रम संचालित हैं, जो निराश्रित नागरिकों को भोजन, स्वास्थ्य सेवा और आश्रय प्रदान करते हैं।
- श्रवण कुमार कल्याण आश्रम जैसी सुविधाएँ वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सहायता, वयस्क शिक्षा, धार्मिक गतिविधियाँ और मनोरंजन उपलब्ध कराती हैं।
- समावेशी कल्याण परियोजनाएँ:
- सभी नई कल्याण और अवसंरचना (infrastructure) परियोजनाओं में वरिष्ठ नागरिकों के लिये विशेष प्रावधान शामिल किये जाएंगे।
- आवास योजनाएँ:
- नई आवासीय परियोजनाओं में रैंप, सहायक सीढ़ियाँ, पार्क और चिकित्सा सुविधाएँ शामिल होंगी ताकि वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम, 2007:
- इस अधिनियम (Act) को सख्ती से लागू किया जा रहा है और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिये उपखंड तथा ज़िला स्तर पर न्यायाधिकरण (tribunals) स्थापित किये गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस (International Day of Older Persons):
- यह दिवस वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किये गए योगदान को मान्यता देने और समावेशी तथा वरिष्ठ नागरिक-अनुकूल समाज की आवश्यकता को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्तूबर, 1990 को नामित किया था। यह वृद्धावस्था पर वियना अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना (1982) और वृद्ध व्यक्तियों के लिये संयुक्त राष्ट्र सिद्धांतों पर आधारित है।
- विषय:
- वर्ष 2025 का विषय, "स्थानीय और वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ नागरिक: हमारी आकांक्षाएँ, हमारा कल्याण तथा हमारे अधिकार" है।
- यह विषय लचीले (resilient) और समानतापूर्ण (equitable) समाज के निर्माण में वरिष्ठ नागरिकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- प्रतिबद्धताएँ एवं वैश्विक ढाँचा:
- यह पहल संयुक्त राष्ट्र का स्वस्थ आयु दशक (2021-2030) अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण पर सतत् विकास लक्ष्य 3 के अनुरूप है।
- भारत ने राष्ट्रीय वृद्धजन नीति (National Policy on Older Persons — NPOP), 1999 तैयार की।
- भारत मैड्रिड अंतर्राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्य योजना ( 2002) का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- दिसंबर 2023 तक भारत में 15.3 करोड़ वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष और उससे ऊपर) थे।
- अनुमान है कि वर्ष 2050 तक यह संख्या बढ़कर 34.7 करोड़ हो जाएगी, जो कुल जनसंख्या का लगभग 20.8% होगी।
धोखाधड़ी के मामलों में जयपुर अग्रणी | राजस्थान | 01 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या, चोरी, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित प्रमुख अपराधों के मामलों में जयपुर देश में तीसरे स्थान पर है।
- हालाँकि, शहर की पुलिस के लिये सबसे बड़ी चिंता धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि है, जिसमें जयपुर देशभर में पहले स्थान पर है।
मुख्य बिंदु
जयपुर में अपराध की स्थिति (NCRB 2023)
- धोखाधड़ी:
- NCRB के अनुसार, वर्ष 2023 में जयपुर में धोखाधड़ी के 3,331 मामले दर्ज किये गए, जो देश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद बंगलूरू में 3,109, नई दिल्ली में 2,766 और मुंबई में 2,445 मामले दर्ज हुए।
- इनमें से बड़ी संख्या वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित है, जैसे कि नकली डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग।
- पुलिस का मानना है कि यह गंभीर चुनौती है क्योंकि इसमें बैंक और वित्तीय सेवा कंपनियों जैसे कई पक्षकार शामिल होते हैं।
- चोरी:
- चोरी के मामले में जयपुर तीसरे स्थान पर है, जिसमें 10,003 मामले दर्ज हुए। इसके बाद बंगलूरू 10,438 मामलों के साथ और नई दिल्ली 2,28,173 मामलों के साथ पहले तथा दूसरे स्थान पर हैं।
- अपहरण:
- अपहरण के मामलों में भी समान प्रवृत्ति देखी गई, जहाँ जयपुर में 939 मामले दर्ज हुए, जो बंगलूरू (1,203 मामले) और नई दिल्ली (5,867 मामले) के बाद तीसरे स्थान पर है।
- हत्या:
- हत्याओं के मामले में जयपुर 131 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि बंगलूरू में 215 और नई दिल्ली में वर्ष 2023 में 521 मामले दर्ज किये गए।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध:
- महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी जयपुर प्रमुखता से शामिल है, विशेषकर महिलाओं की गरिमा भंग करने से संबंधित मामलों में। वर्ष 2023 में जयपुर में 408 मामले दर्ज हुए, जबकि बंगलूरू में 736, मुंबई में 781 और नई दिल्ली में 800 मामले दर्ज हुए।
राजस्थान में कानून और व्यवस्था संबंधी पहल:
- 'राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम' के अंतर्गत निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना
- सरदार पटेल साइबर कंट्रोल सेंटर और वार रूम की स्थापना पर 350 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- विचाराधीन कैदियों की पेशी के लिये 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) नोड्स की स्थापना।
- सात केंद्रीय जेलों में अवैध मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिये T-HCBS सिस्टम की स्थापना।
- आठ नए साइबर पुलिस स्टेशनों की स्थापना का प्रावधान।