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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Oct 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

‘खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021’

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021 का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं रेशम विभाग द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 30 अक्तूबर, 2021 तक चलेगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंडित दीनदयाल खादी विपणन विकास सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोज़गार योजना एवं प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थियों को चेक, ऋण स्वीकृति प्रमाण-पत्र एवं राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किये। साथ ही, पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार भी वितरित किये।
  • इसके पूर्व उन्होंने सोलर चरखे, विद्युतचालित चाक, दोना-पत्तल निर्माण मशीनें एवं माटी कला बोर्ड के लाभार्थियों को टूलकिट वितरित किये।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक 307 खादी संस्थाओं के 33 करोड़ 37 लाख 62 हज़ार रुपए के दावों का भुगतान किया गया। इसमें खादी संस्थाओं में कार्यरत् 1 लाख 61 हज़ार 345 कामगारों को 9 करोड़ 52 लाख 92 हज़ार रुपए के प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया गया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 136 खादी संस्थाओं को 4 करोड़ 87 लाख 35 हज़ार रुपए के दावों का भुगतान किया गया। इसमें 25,474 कामगारों को 1 करोड़ 65 लाख 70 हज़ार रुपए प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया गया।
  • खादी और ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोज़गार प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत टूलकिट्स कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत खादी उत्पादन में वृद्धि एवं खादी कामगारों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से खादी संस्थाओं को नि:शुल्क सोलर चरखे का वितरण किया गया है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 3 वर्षों में 3,803 लाभार्थियों को नि:शुल्क टूलकिट्स तथा सोलर चरखे, विद्युतचालित कुम्हारी चाक, दोना-पत्तल मशीन एवं आधुनिक भट्ठी-पगमिल वितरित किये गए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,501 टूलकिट्स के वितरण का लक्ष्य है।
  • उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोज़गार प्रोत्साहन मशीन (पॉपकॉर्न मेकिंग मशीन) तथा दोना-पत्तल कार्य में लगे परंपरागत एवं अन्य संबंधित कारीगरों को नि:शुल्क दोना-पत्तल मेकिंग मशीनों का वितरण कराया गया है।
  • उत्तर प्रदेश के कुल 57 जनपदों में 3 अलग प्रकार के रेशम का उत्पादन होता है। मैदानी क्षेत्र के 44 जनपदों में शहतूती रेशम, विंध्याचल व बुंदेलखंड के 13 जनपदों में टसर रेशम तथा यमुना के तटीय 8 जनपदों में एरी रेशम का उत्पादन होता है। प्रदेश की रेशम की खपत 3 हज़ार मीट्रिक टन है, जबकि रेशम का उत्पादन 300 मीट्रिक टन है।
  • रेशम उत्पादन हेतु वृक्षारोपण, कोया उत्पादन व धागाकरण हेतु केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 90 प्रतिशत उत्पादन का अनुदान व नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता दी जाती है।
  • राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में मिर्ज़ापुर स्थित ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय प्रशिक्षण संस्थान’ का निर्माण पूर्ण कराकर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसी तरह वर्ष 2019 में जनपद पीलीभीत और बहराइच में एक-एक रीलिंग मशीन की स्थापना कराकर प्रदेश में ही धागाकरण कराया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 13 और रीलिंग मशीनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा दस्तक अभियान

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद बस्ती में प्रदेश में संचालित होने वाले तीसरे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा दस्तक अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से शुरू किये गए इस अभियान को पहले चरण में गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के 7 जनपदों में शुरू किया गया था, दूसरे चरण में 38 जिलों में तथा तीसरे चरण में पूरे प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जा रहा है।
  • इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा यह अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संचारी रोगों से बचाव के उपायों के साथ-साथ ज़िला अस्पताल तथा ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी/पीएचसी पर इलाज की सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं।
  • अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 19 अक्तूबर से 17 नवंबर, 2021 तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 19 अक्तूबर से 1 नवंबर, 2021 तक दस्तक अभियान पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

विद्युत दरों पर सब्सिडी

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • घरेलू उपभोक्ताओं के लिये लागू योजना में 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रुपए का देयक दिये जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बी.पी.एल. घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र 25 रुपए प्रति माह के मान से 4 माह में 100 रुपए लिये जाने का प्रावधान इस वर्ष भी रखा गया है। 
  • इसके साथ ही गृह ज्योति योजना में 4981.69 करोड़ रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
  • कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी विद्युत दरों में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। 10 हॉर्सपॉवर तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप उपभोक्ता को 750 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को 9876 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस निर्णय से मध्य प्रदेश के लगभग 21 लाख 75 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 
  • 10 हॉर्सपॉवर से अधिक की क्षमता के मीटररहित स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता से 1500 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को देय होगी। इसके लिये 644 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 50 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 
  • मीटरयुक्त स्थाई और अस्थाई कृषि पंप संयोजनों पर ऊर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार एवं नियत प्रभार में छूट दी जाएगी। छूट राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में कंपनियों को किया जाएगा। इसके लिये 350 करोड़ रुपए की राशि देय होगी एवं इससे लगभग 2 लाख अस्थायी एवं 20 हज़ार मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
  • एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हॉर्सपॉवर तक के अनुसूचित जाति और जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की जाएगी। देयक की संपूर्ण राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी एवं इससे लगभग 9 लाख 25 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके लिये राज्य शासन द्वारा 4,733 करोड़ रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जाएगी।
  • उच्च दाब उदवहन/समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार तथा वार्षिक न्यूनतम प्रभार में छूट दी जाएगी। छूट राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी। इसके लिये 90 करोड़ रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में देय होगी। 
  • मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गए निर्णय से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विद्युत देयक में 15,722.87 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ योजना

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा गरीब जनजाति परिवारों की सुविधा के लिये प्रदेश के आदिवासी विकासखंडों की उचित मूल्य दुकानों के आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को उनके ही ग्राम से राशन सामग्री वितरण की योजना ‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ लागू करने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • यह योजना उप-चुनाव निर्वाचन आचार संहिता के ज़िलों को छोड़कर शेष ज़िलों के आदिवासी विकासखंडों में नवंबर, 2021 से लागू की जाएगी। योजना में 16 ज़िलों के 74 विकासखंड में 7,511 ग्राम के जनजातीय परिवार लाभान्वित होंगे। 
  • मुख्यालय स्थित गाँव को छोड़कर दुकान से संलग्न अन्य ग्रामों में वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा। 
  • ज़िला कलेक्टर द्वारा ग्राम में वितरण के लिये प्रत्येक माह के दिवस निर्धारित किये जाएंगे। एक वाहन द्वारा एक माह में औसतन 22 से 25 दिवस (अवकाश छोड़कर) 220 से 440 क्विंटल खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा। 
  • खाद्यान्न परिवहन में अनुमानित 472 वाहन उपयोग किये जाएंगे। एक मीट्रिक टन वाले वाहन पर 24 हज़ार रुपए प्रतिमाह और 2 मीट्रिक टन वाले वाहन पर 31 हज़ार रुपए प्रतिमाह की दर से सालाना व्यय 14 करोड़ 7 लाख रुपए अनुमानित है।
  • वाहन में खाद्यान्न लोड करते समय उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। वाहन में सामग्री तोलने के लिये इलेक्ट्रॉनिक तोल काँटा, माईक, स्पीकर, पी.ओ.एस. मशीन रखने, बैठने एवं खाद्यान्न सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएँ होंगी। वाहनों की व्यवस्था के लिये परिवहनकर्त्ताओं के साथ ज़िला स्तर पर अनुबंध किया जाएगा।
  • परिवहनकर्त्ता उसी क्षेत्र के ग्रामों के निवासी होंगे। उनकी उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच होगी तथा वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से होंगे। परिवहनकर्त्ताओं को प्रतिमाह निर्धारित व्यय का भुगतान किया जाएगा। 
  • परिवहनकर्त्ता को वाहन क्रय के लिये ऋण राशि पर मार्जिन मनी प्रदान की जाएगी। एक मीट्रिक टन क्षमता वाले वाहन के लिये 2 लाख रुपए और 2 मीट्रिक टन या अधिक क्षमता वाले वाहन के लिये 3 लाख रुपए की मार्जिन मनी का भुगतान किया जाएगा। मार्जिन मनी की एकमुश्त राशि 9 करोड़ 69 लाख रुपए का भुगतान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर उचित मूल्य की दुकान संचालित करने का प्रावधान होने से दुकान के मुख्यालय ग्राम को छोड़कर शेष आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को परिवहन के सुगम साधन न होने के कारण प्रतिमाह लगभग 5 किमी. दूरी तय कर 23 से 37 किग्रा. वजन की सामग्री सिर पर रखकर ले जानी पड़ती है। 
  • दिव्यांग, वृद्ध और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न होती है एवं गरीब परिवारों को मज़दूरी का नुकसान भी होता है। इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। 
  • योजना से हितग्राही की मज़दूरी एवं श्रम की बचत, पात्र परिवारों को निवास के ग्राम में राशन सामग्री का प्रदाय और समय पर राशन सामग्री का वितरण हो सकेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

खादी शो

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा हाट परिसर, भोपाल में चरखा खादी उत्सव में खादी वस्त्रों के डिज़ाइनर गारमेंट्स के प्रत्यक्ष प्रदर्शन ‘खादी शो’ का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • युवाओं के बीच खादी के कपड़ों के प्रति रुझान बढ़ाने तथा खादी के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ‘खादी शो’ का आयोजन किया गया। इसमें मॉडल्स ने कबीरा खादी ब्रांड के विभिन्न परिधानों को पेश किया। 
  • भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ पर राष्ट्रपिता गांधीजी की परिकल्पना के अनुरूप खादी वस्त्रों के दैनिक जीवन में उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये भी इस शो का आयोजन किया गया था। 
  • खादी परिधान प्रदर्शन में सभी उम्र वर्ग के गारमेंट्स एवं विभिन्न प्रकार की डिज़ाइनर ड्रेसों का प्रदर्शन किया गया। इन ड्रेसों को बोर्ड से संबद्ध डिज़ाइनरों द्वारा आकर्षक एवं वर्तमान प्रचलन के अनुरूप नवीनतम डिज़ाइन में तैयार किया गया। 
  • खादी कुर्ता, पायजामा, जाकेट, शर्ट, शेरवानी, कोट, लेडीज कुर्ता, ट्राउजर, प्लाजो, पैंट, जाकेट, साड़ियाँ और अनारकली कुर्ते इत्यादि विभिन्न मॉडलों द्वारा प्रदर्शित किये गए।
  • इन डिज़ाइनर खादी वस्त्रों में ट्रेडिशनल, ब्लॉक, बाग, दाबू, बुटीक एवं वर्तमान में प्रचलित डिजिटल प्रिंट, मध्य प्रदेश के फ्लावर एवं फॉरेस्ट पर आधारित प्रिंट के प्रिंटेड गारमेंट्स शामिल थे। 

हरियाणा Switch to English

‘आयुष्मान भारत’ योजना

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के नंबरदार एवं उसके परिवार को ‘आयुष्मान भारत’ योजना का लाभ दिये जाने की घोषणा की। इसके तहत 5 लाख रुपए तक प्रति वर्ष कैशलेस इलाज करवाया जा सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य के नंबरदारों व उनके परिवार के सदस्यों को नि:शुल्क आयुष्मान कार्ड बनाकर दिये जाएंगे, जो प्रदेश में कॉमन सर्विस सेंटर व इंपैनल्ड अस्पतालों में बनाए जाएंगे। 
  • प्रदेश में 612 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत इंपैनल्ड हैं, जिनमें 436 निजी व 176 पब्लिक अस्पताल शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीब 20 हज़ार नंबरदार हैं, जिनके परिवारों को केंद्र सरकार की उक्त योजना का लाभ मिलेगा।
  • अगर जल्दबाज़ी में नंबरदार के परिवार का कोई सदस्य अस्पताल में एडमिट होने के वक्त अपना आयुष्मान कार्ड साथ ले जाना भूल गया है, तो भी बॉयोमीट्रिक से उसकी एंट्री करके इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। 
  • इस योजना के तहत डिस्चार्ज होने के बाद मरीज़ के मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा कि उसका इलाज के दौरान कितना खर्च आया है, यही नहीं मरीज़ से उसके इलाज के बारे में फीडबैक भी लिया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

‘स्वस्थ हरियाणा’ ऐप

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लोगों को नागरिक अस्पतालों में लंबी लाइनों से निजात दिलाने के लिये ‘स्वस्थ हरियाणा’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस ऐप के माध्यम से कोई भी मरीज़ प्रदेश के किसी भी नागरिक अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिये रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
  • ‘स्वस्थ हरियाणा’ मोबाइल ऐप हरियाणा के स्वास्थ्य संस्थानों में स्टेट हेल्थ सिस्टम्स रिसोर्स सेंटर (HSHRC) द्वारा बनाया गया है।
  • इस मोबाइल ऐप द्वारा मरीज़ों का एडवांस रजिस्ट्रेशन, मरीज़ों का जनसांख्यिकीय विवरण से भरा जा सकेगा और मरीज़ अपना भूतपूर्व रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड देख पाएंगे।
  • साथ ही, मरीज़ अपनी इच्छानुसार किसी भी स्वास्थ्य संस्थान व ओपीडी का चयन कर सकेंगे तथा मरीज़ों को निकटतम ब्लड बैंक की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।

झारखंड Switch to English

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी आँकड़ों के अनुसार झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण, आवास प्लस) के क्रियान्वयन में आदिवासी ज़िला सिमडेगा 93.25 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ प्रथम स्थान पर है, वहीं 91.99 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ राँची ज़िला दूसरे स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • आँकड़ों के अनुसार राँची ज़िले को 2021-22 के लिये 17,958 घरों का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के विरुद्ध 16,520 हितग्राहियों को आवास योजना के लिये स्वीकृत किया गया है।
  • राँची में खलारी प्रखंड पहला ऐसा प्रखंड बन गया है, जिसने पाँच माह पहले लक्ष्य पूरा कर लिया है। खलारी प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 105 हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को दिया जाता है, जिसके पास खुद का पक्का घर नहीं है। उन्हें घर बनाने या कच्चे घर की मरम्मत के लिये आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 1.30 लाख रुपए और शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। 
  • पीएमएवाई (ग्रामीण) का उद्देश्य सभी बेघर गृहस्थों और कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। 
  • स्वच्छ खाना पकाने की जगह के साथ घर का न्यूनतम आकार 20 वर्गमीटर से बढ़ाकर 25 वर्गमीटर कर दिया गया है। इसी तरह मैदानी इलाकों में यूनिट सहायता 70,000 रुपए से 1.20 लाख रुपए और पहाड़ी राज्यों व दुर्गम इलाकों में 75,000 रुपए से 1.30 लाख रुपए तक बढ़ा दी गई है।
  • यूनिट सहायता की लागत को केंद्र और राज्य सरकार के बीच मैदानी क्षेत्रों में 60:40 के अनुपात में और पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में साझा किया जाना है।

झारखंड Switch to English

कोजागरा उत्सव

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मिथिला सांस्कृतिक परिषद (एमएसपी), बोकारो ने ‘माँ लक्ष्मी पूजा’ के उपलक्ष्य में बोकारो स्टील सिटी में स्थित मिथिला अकादमी पब्लिक स्कूल सभागार में ‘कोजागरा उत्सव’ का आयोजन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मैथिली भाषा में कलाकार अरुण पाठक, प्रीति राय, सुजाता झा, मधु झा, किरण झा, नीलू झा, किरण मिश्रा, प्रीति प्रिया, अलका झा द्वारा एकल गीत व समूह गीत प्रस्तुत किये गए। 
  • एमएसपी के महासचिव अविनाश कुमार झा ने कहा कि इस दिन समाज के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
  • यह त्योहार अश्विन पूर्णिमा के दिन हर घर में मनाया जाता है। खासकर समाज के नवविवाहित युवकों के घर में यह बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन प्रसाद के रूप में ‘पान’ और ‘माखन’ खाने की परंपरा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

बस्तर दशहरा

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को सबसे लंबे समय तक चलने वाले (75 दिवसीय) विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरे का समापन माता मावली की भावभीनी विदाई के साथ हो गया। परंपरा अनुसार बस्तर संभाग के 84 परगना और सीमावर्ती राज्यों से आए 450 से अधिक देवी-देवताओं को कुटुंब जात्रा के बाद ससम्मान विदाई दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बस्तर दशहरे की शुरुआत पाट जात्रा विधान के साथ 8 अगस्त, 2021 को हुई थी। 
  • माँ मावली की डोली व माँ दंतेश्वरी के छत्र की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। वहीं बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव ने परंपरा के अनुसार माता की डोली को स्वयं कंधे पर उठाया और नगर परिक्रमा करवाई।
  • दंतेश्वरी मंदिर से प्रगति पथ तक जगह-जगह विशाल जनसमुदाय ने माता मावली को भावभीनी विदाई दी। विदाई रस्म के दौरान पुलिस जवानों ने हर्ष फायरिंग भी की। 
  • उल्लेखनीय है कि बस्तर दशहरा शेष भारत के दशहरे से भिन्न है, क्योंकि शेष भारत में दशहरा रावण के वध के प्रति, जबकि बस्तर दशहरा दंतेश्वरी माता के प्रति समर्पित है। यह पर्व श्रावण अमावस्या से लेकर अश्विन शुक्ल त्रयोदशी तक चलता है।
  • बस्तर की यह रियासतकालीन परंपरा 620 वर्षों से भी अधिक पुरानी है। इसका प्रारंभ काकतीयवंशीय शासक पुरुषोत्तमदेव (1408 से 1439 ई.) ने किया था।

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