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स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Oct 2021
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2021 को समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया, उन्होंने समाजवादी पार्टी के अपने इकलौते प्रतिद्वंद्वी नरेंद्र सिंह वर्मा को हराया।

प्रमुख बिंदु

  • उपसभापति के चुनाव के लिये मतदान सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद शुरू हुआ और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शाम 4 बजे परिणाम की घोषणा की।
  • विधानसभा की कुल 403 सदस्यों की तुलना में 368 विधायकों ने मतदान किया, जिनमें से चार मत अवैध घोषित किये गए। नितिन अग्रवाल को 304 वोट मिले, जबकि नरेंद्र सिंह वर्मा को सिर्फ 60 वोट मिले। 
  • कॉन्ग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया, जबकि दोनों दलों के बागी विधायकों ने भाजपा या समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान किया। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने चुनाव का विरोध किया और काला बिल्ला पहना।
  • सत्तारूढ़ भाजपा ने उपाध्यक्ष पद के लिये समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया था। संख्या बल न होने के बावजूद मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी इस पद के लिये अपने उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा का नामांकन दाखिल किया था।
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान (17वीं) विधानसभा में भाजपा की कुल 304 सीटें हैं। समाजवादी पार्टी के 49 विधायक, बहुजन समाज पार्टी के 16, अपना दल (सोनेलाल) के 9, भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के 7 तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 4 विधायक हैं। 3 निर्दलीय, 2 असंबद्ध सदस्य तथा 2 अन्य सदस्य हैं जबकि 7 सीटें खाली हैं। एंग्लो इंडियन समुदाय से एक मनोनीत सदस्य भी है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

यूपीटीटीआई के विशेषज्ञों ने पराबैंगनी किरणों से बेअसर कपड़ा बनाया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (UPTTI) के विशेषज्ञों ने एक ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जिस पर धूप एवं पराबैंगनी किरणों का कोई असर नहीं होता।

प्रमुख बिंदु

  • यह कपड़ा दक्षिण अफ्रीका में पैदा होने वाले पौधे से प्राप्त होने वाले बायो-पॉलीमर लिगनिन से तैयार नाइलॉन से बना है।
  • यह कपड़ा लोगों को तेज़ गर्मी से भी राहत देगा और शरीर के लिये भी आरामदायक होगा।
  • UPTTI ने इस रिसर्च को पोलैंड के जर्नल में प्रकाशित करवाया तथा इस तकनीक के पेटेंट के लिये भी आवेदन किया है।
  • उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका में बायो-पॉलीमर लिगनिन का उपयोग भवन और सड़क निर्माण में किया जाता है लेकिन UPTTI के विशेषज्ञों ने इसका उपयोग पहली बार टेक्सटाइल में किया है।
  • यह तकनीक कपड़ों में उपयोग हो रही डाई से 1/3 गुना सस्ती है। डाई मानव शरीर को भी हानि पहुँचा सकती है लेकिन इस तकनीक से बने कपड़े मानव उपयोग के लिये पूर्णत: सुरक्षित हैं।
  • इस तकनीक को प्रो. अरुण सिंह गंगवार ने प्रो. प्रशांत विश्नोई के सहयोग से विकसित किया है।
  • ज्ञातव्य है कि पराबैंगनी किरणों से सन बर्न, शरीर में दाने, स्किन कैंसर एवं अन्य अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इस तकनीक के विकास से ये समस्याएँ कम की जा सकती हैं।
  • प्रो. गंगवार के अनुसार, कपड़े की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करने की क्षमता अल्ट्रा वायलेट प्रोटेक्शन पैक्टर (UVPF) पर निर्भर रहती है। UVPF 15 से 24 के बीच अच्छा, 25 से 39 के बीच बहुत अच्छा एवं 40 से 45 के बीच श्रेष्ठ माना जाता है।

राजस्थान Switch to English

ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे-स्टेट फैक्ट शीट कार्यशाला

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2021 को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज द्वारा ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे के अनुसार प्रदेश के 13 से 15 आयु वर्ग के बच्चों में तंबाकू सेवन का प्रतिशत 4.1 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 8.5 प्रतिशत से बेहतर है।

प्रमुख बिंदु

  • चिकित्सा मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे-स्टेट फैक्ट शीट रिलीज कार्यशाला के दौरान कहा कि राज्य सरकार की जन-घोषणा में की गई प्रतिबद्धता के अनुसार राज्य में तंबाकू नियंत्रण गतिविधियों की प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है कि स्टेट फैक्ट शीट में प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हैं।
  • डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं में नशे की लत रोकने के लिये राज्य में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के विक्रय, वितरण, भंडारण एवं विज्ञापन को 30 मई, 2019 से प्रतिबंधित किया है। इसके बाद भारत सरकार द्वारा भी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को प्रतिबंधित कर दिया गया। 
  • उन्होंने बताया कि राज्य में हुक्का बार संचालन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है। हुक्का बार संचालन प्रतिबंध के नियमों के उल्लंघन पर 1 से 3 लाख रुपए का जुर्माना तथा 6 महीने से 1 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया गया है।
  • चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘निरोगी राजस्थान’ अभियान के तहत भी प्रत्येक राजस्व गाँव में एक महिला एवं एक पुरुष स्वास्थ्य मित्र, जो किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते हों, का चयन किया था। कुल 94 हज़ार स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर ग्रामस्तर पर स्वास्थ्य गतिविधियों के प्रचार-प्रसार का कार्य प्रारंभ किया गया, जिसमें नशामुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण को भी प्रमुखता से शामिल किया गया।
  • कार्यशाला में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज, मुंबई के प्रोफेसर मुरलीधरण ने बताया कि सर्वे में प्रदेश की 34 स्कूलों के 2 हज़ार 735 बच्चों से विभिन्न सवाल पूछे गए थे। सर्वे के अनुसार 90 फीसद बच्चों ने माना कि तंबाकू सेवन की आदत सबसे पहले स्कूल से ही पड़ी। शहरों की बजाय गाँवों के बच्चों में तंबाकू सेवन की आदत ज़्यादा देखी गई। उन्होंने बताया कि इस आयु वर्ग की लड़कियों में तंबाकू सेवन का प्रतिशत नहीं के समान है।

मध्य प्रदेश Switch to English

हाइब्रिड स्विचगियर मॉड्यूल तकनीक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में पहली बार इंदौर में ट्रांसमिशन सिस्टम के विस्तार में हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग किया है। जबलपुर मुख्यालय स्थित शक्ति भवन में पदस्थ कार्यपालन अभियंता एमडी पालंदे एवं मनीष खरे ने मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के सिस्टम के अनुरूप इस मॉड्यूल प्रणाली को विकसित और क्रियान्वित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस तकनीक का उपयोग इंदौर ईस्ट स्थित 220 केवी सब स्टेशन बिचोली में ट्रांसमिशन कंपनी ने 50 एमवीए क्षमता का एक नये स्थापित ट्रांसफार्मर में किया है। 
  • इसमें ट्रांसफार्मर से सप्लाई लेने वाले सिस्टम को 33 केवी वोल्टेज लेवल पर अंडरग्राउंड इंसुलेटेड केबल का उपयोग कर जोड़ा गया। मध्य प्रदेश में पहली बार 33 केवी के मेन सिस्टम के लिये इस तरह की उच्च क्षमता की इंसुलेटेड केबल का उपयोग किया गया है।
  • इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित घनी आबादी के शहरों में पहले से स्थापित अति उच्च दाब सब स्टेशनों में जगह की कमी के कारण विस्तार में कुछ समस्याएँ आ रही थीं, इन्हें दूर करने तथा विद्युत की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिये मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल तकनीक के रूप में प्रदेश के ट्रांसमिशन सिस्टम में इस नए विकल्प को अपनाने का निर्णय लिया। 
  • प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने बताया कि विद्युत सब स्टेशनों में उपयोग की जाने वाली यह एक ऐसी मॉड्यूलर और कंपैक्ट डिजाइन सिस्टम है, जिसके एक मॉडल में कई अलग-अलग कार्य शामिल हैं। 
  • सब स्टेशनों के निर्माण और विस्तारीकरण के लिये यह मॉडल लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता पर आधारित है। हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किसी भी पारंपरिक सब स्टेशन में विस्तार या प्रतिस्थापन के लिये किया जा सकता है। 
  • इसमें एयर इंसुलेटेड स्विच गियर और अत्याधिक विद्युत प्रतिरोधक क्षमता वाली सल्फर हेक्साफ्लोराइड आधारित गैस स्विचगियर की तकनीक वाले उपकरणों को एक ही मॉडल में उपयोग में लाया जाता है। 
  • यह हाइब्रिड तकनीक सब स्टेशनों में उपयोग होने वाली जगह में 50% तक की कमी लाता है तथा नई स्थापना या विस्तारीकरण के लिये यह एक भरोसेमंद और लागत प्रभावी समाधान है।

मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार 2018

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2021 को केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न श्रेणी के राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में मध्य प्रदेश की महिला शिल्पकार रशीदा-बी अब्दुल कादर खत्री का राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार वर्ष 2018 के लिये चयन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • शिल्पकार रशीदा-बी खत्री को यह पुरस्कार चादर पर ‘बाघ प्रिंट’ की बारीक कारीगरी के लिये प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बाघ प्रिंटिंग में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर आकर्षक लुक प्रदान किया है।
  • ज्ञातव्य है कि रशीदा-बी खत्री को मध्य प्रदेश के धार ज़िले के ग्राम बाग में की जाने वाली बाघ प्रिंट ठप्पा छपाई कला में महारत हासिल है। वे एकमात्र महिला शिल्पकार हैं, जिन्हें इससे पूर्व भी वर्ष 2012 एवं 2014 में दो राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • रशीदा-बी खत्री बाघ प्रिंट के लिये दुनिया भर में जाने-माने वाले मशहूर मास्टर शिल्पकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय यूनेस्को पुरस्कार विजेता स्व. अब्दुल कादर खत्री की पत्नी हैं। वर्ष 2019 में इनके पति के निधन के बाद इन्होंने अपने पुत्र आरीफ मोहम्मद, हामीद एवं मो. अली के साथ मिलकर बाघ प्रिंट शिल्प को बढ़ावा देने का जिम्मा उठाया।

हरियाणा Switch to English

कोविड-19 सीरो सर्वेक्षण

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सितंबर, 2021 में आयोजित कोविड-19 सीरो सर्वेक्षण के तीसरे राउंड की रिपोर्ट जारी की, जिसमें राज्य के लोगों में सीरो-पॉजिटिविटी दर 76.3 प्रतिशत (शहरी 78.1 प्रतिशत और ग्रामीण 75.1 प्रतिशत) पाई गई, जबकि पहले सीरो राउंड में 8 प्रतिशत तथा दूसरे सीरो राउंड में 14.8 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर पाई गई थी।

प्रमुख बिंदु

  • ज़िला कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक 85 प्रतिशत सीरो-पॉजिटिविटी देखी गई और सबसे कम फरीदाबाद में 64.2 प्रतिशत देखी गई, लेकिन फरीदाबाद में 14 प्रतिशत सैंपल का निष्कर्ष किन्हीं कारणों से नहीं निकल पाया, इसलिये फरीदाबाद ज़िला का दोबारा सीरो सर्वे करवाया जाएगा। 
  • इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने सीरो सर्वे के तीसरे राउंड की रिपोर्ट की पुस्तक का भी विमोचन किया।
  • सीरो सर्वे में पुरुषों में 75.3 प्रतिशत, महिलाओं में 77.1 प्रतिशत, 6 से 9 वर्ष के बच्चों में 69.8 प्रतिशत, 10 से 17 वर्ष के बच्चों 73.2 प्रतिशत की पॉजिटिविटी पाई गई है, जबकि टीकाकरण के पश्चात् लोगों में 81.6 प्रतिशत, नॉन-वैक्सीनेटेड लोगों में 75.5 प्रतिशत की पॉजिटिविटी पाई गई।
  • यह सीरो सर्वेक्षण कोविड-19 टीकाकरण के परिणामस्वरूप या प्राकृतिक संक्रमण द्वारा सार्स एंड कोव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति का आकलन करने के लिये किया गया था। इस सर्वे में प्राकृतिक एवं टीकाकरण से उत्पन्न हुई एंटीबॉडी का पता लगाने का सर्वेक्षण किया गया और टीकाकरण के बाद बनने वाली एंटीबॉडी का स्पाइक प्रोटीन का टेस्ट भी हुआ है।  
  • यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक चिकित्सा विभाग, पीजीआईएमएस, रोहतक के सहयोग से हरियाणा के सभी ज़िलों में किया गया। सीरो सर्वेक्षण के इस दौर में सैंपल का साइज 36,520 तक बढ़ाया गया, जबकि पहले दौर में 18,700 और दूसरे दौर में 15,840 का सैंपल साइज था।
  • उल्लेखनीय है कि इस सर्वे में स्वास्थ्य विभाग के लगभग 2200 अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया गया और एक स्तरीकृत बहुस्तरीय यादृच्छिक नमूनाकरण तकनीक (स्ट्रटीफाइड मल्टीस्टेज रैंडम सैंपलिंग टैक्नीक) का उपयोग किया गया तथा हरियाणा के सभी ज़िलों से 36,520 नमूने एकत्र करने के लिये कुल 913 क्लस्टरों की पहचान की गई। 
  • इस सर्वे को करने से पहले राज्य की आईडीएसपी सेल द्वारा 2200 लोगों को कई दौर का प्रशिक्षण दिया गया। फील्ड गतिविधि के लिये जीओ-कॉर्डिनेट्स (भू-निर्देशांक) के साथ ‘सेरो सर्वे मोबाइल एप्लिकेशन’ पर डिजिटल रूप से फील्ड गतिविधि को कैप्चर किया गया। राज्य आईडीएसपी सेल द्वारा पोर्टल पर पूरी गतिविधि की लाईव निगरानी की जा रही थी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

आईएएनएस-सी वोटर गवर्नेंस इंडेक्स

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2021 को जारी आईएएनएस-सी वोटर गवर्नेंस इंडेक्स के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री हैं। बघेल को सभी मुख्यमंत्रियों के बीच सर्वोच्च लोकप्रियता रेटिंग प्राप्त हुई है।

प्रमुख बिंदु

  • आईएएनएस ने अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रदेश में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के कारण यह लोकप्रियता मिली है।
  • आईएएनएस के अनुसार भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं, जिनमें निजी स्कूलों में पढ़ने वाले उन बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना शामिल है, जिन्होंने कोविड-19 के लिये माता-पिता/अभिभावकों को खो दिया है। ‘महतारी दुलार योजना’ के तहत ऐसे बच्चों की पढ़ाई का खर्च छत्तीसगढ़ सरकार वहन कर रही है। 
  • नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट-2020-21 के अनुसार, सतत् विकास लक्ष्यों के लैंगिक समानता पैरामीटर पर छत्तीसगढ़ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य है। नीति आयोग 115 संकेतकों पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की प्रगति को ट्रैक करता है। 
  • पिछले साल, छत्तीसगढ़ ने लैंगिक समानता पैरामीटर पर 43 अंक हासिल किये और भारत में सातवें स्थान पर था। इस साल, छत्तीसगढ़ ने 61 स्कोर किया और चार्ट में शीर्ष स्थान पर रहा।
  • सी वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा, ‘ऐसे मुख्यमंत्रियों को लोगों ने पसंद किया है, जिनमें निर्णय लेने की क्षमताएँ हैं और जिनके काम करने की शैली सीईओ जैसी है।’

छत्तीसगढ़ Switch to English

सहभागी लोकतंत्र एवं विकेंद्रीकृत योजना निर्माण संबंधी टास्क फोर्स

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य योजना आयोग द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा अध्यक्ष, राज्य योजना आयोग की मंशा के अनुरूप सहभागी लोकतंत्र व विकेंद्रीकृत योजना निर्माण के संबंध में राज्य शासन को सुझाव देने हेतु टास्कफोर्स का गठन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस टास्कफोर्स के अध्यक्ष अमरजीत भगत, मंत्री खाद योजना आर्थिक एवं साख्यिकी होंगे।
  • टास्कफोर्स के सदस्यों में पाँच माननीय सांसद, पाँच विधायक, पाँच ज़िला पंचायत के अध्यक्षों तथा दो-दो नगर-निगमों, नगर-पालिकाओं व नगर-पंचायतों के अध्यक्षों एवं प्रदेश में मान्यता प्राप्त दलों के प्रदेश अध्यक्षों को भी सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र से जुड़े विषय-विशेषज्ञों को भी टास्कफोर्स में शामिल किया गया है। 
  • टास्कफोर्स का संयोजन सचिव विभागाध्यक्ष पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग करेंगे। 
  • यह टास्कफोर्स योजना निर्माण में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर सुझाव देगा। इसके अतिरिक्त सामाजिक अंकेक्षण के लिये नागरिकों के सशक्तीकरण, वित्तीय प्रबंधन व निगरानी के लिये नागरिकों को प्रशिक्षित करने का उपाय सुझाएगा।
  • राज्य योजना आयोग द्वारा राज्य शासन को सुझाव देने के लिये समय-समय पर विशेषज्ञ टास्क फोर्सेस का गठन किया जाता है, जिसमें देश के एवं स्थानीय लब्ध प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञ एवं ज़मीनी कार्यकर्त्ताओं को शामिल किया जाता है। 
  • टास्कफोर्स द्वारा विचार-विमर्श उपरांत राज्य शासन को उचित नीतियाँ सुझायी जाती हैं।
  • योजना आयोग द्वारा मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत राज्य के विकास के प्रासंगिक विषयों पर सुझाव देने विभिन्न टास्कफोर्सेस का गठन किया गया है। 
  • टास्कफोर्स के विषयों में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कृषि, जल संवर्द्धन, खाद्य प्रसंस्करण एवं संबद्ध क्षेत्र, आदिवासी विकास, वन एवं वन्य जीव प्रबंधन, लघु वनोपज प्रबंधन, स्वास्थ्य, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा, उद्योग, ग्रामोद्योग कौशल विकास, उच्च व तकनीकी शिक्षा तथा रोज़गार, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण, श्रमिक कल्याण, कला, पर्यटन, पुरातत्व एवं संस्कृति संवर्द्धन जैसे महत्त्वपूर्ण विषय शामिल हैं। 
  • यह टास्कफोर्सेस प्रदेश में विद्यमान समस्याओं के समाधान के उपाय सुझाएंगे। राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल पाई गई नीतियों, कार्यक्रमों एवं श्रेष्ठ प्रयासों को प्रदेश में लागू करने की व्यवहारिकता और विभागों द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर विचार एवं सुझाव रखे जाते हैं।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड ने समय से पहले हासिल किया कोविड-19 वैक्सीनेशन लक्ष्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों को बताया कि प्रदेश ने 18 वर्ष की आयु से अधिक की योग्य आबादी को कोविड-19 के टीके की पहली खुराक देने का लक्ष्य समय से पहले हासिल कर लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आवश्यक मंज़ूरी मिलते ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू कर देगी।
  • धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 16 जनवरी, 2021 को टीकाकरण शुरू हुआ था, जिसके तहत 18 साल से अधिक उम्र के कुल 77,29,466 लोगों को टीका लगाया जाना था।
  • उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया और उनके बाद क्रमश: फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 से अधिक आयु वाली जनसंख्या, 45 वर्ष से 59 वर्ष के बीच की आयु वाली जनसंख्या और फिर सभी 18 वर्ष से अधिक की आयु वाली आबादी को टीके लगाए गए।
  • धामी ने बताया कि 16 अक्तूबर तक राज्य के 99.6 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों, 9.2 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स और 18 से अधिक आबादी में से 96.1 फीसदी को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।
  • प्रदेश में गर्भवती महिलाओं, विरोधाभासी हितग्राहियों (गंभीर बीमारी, खून को पतला करने वाली दवाएँ लेने वाली) और टीकाकरण कराने में रुचि नहीं लेने वालों के अलावा सभी पात्र लोगों को पहली खुराक का टीका लगाया गया है।

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