सिरपुर विरासत स्थल | छत्तीसगढ़ | 17 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SADA) द्वारा की गई संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ के सिरपुर विरासत परिसरों को यूनेस्को विश्व विरासत सूची में औपचारिक नामांकन के लिये एक कदम आगे बढ़ा दिया है।
मुख्य बिंदु
- सिरपुर, छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले में स्थित है और रायपुर से लगभग 78 किमी. दूर महानदी के तट पर बसा है।
- यह प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर का आवास स्थल है, जिसे भारत के सबसे प्राचीन जीवित ईंट-निर्मित मंदिरों में से एक माना जाता है और इसका निर्माण लगभग 6वीं शताब्दी ईस्वी का है।
- ऐतिहासिक रूप से, सिरपुर दक्षिण कोसल का एक प्रमुख केंद्र रहा है, जो अपनी हिंदू-बौद्ध-जैन सांस्कृतिक समन्वय परंपराओं के लिये जाना जाता है।
- इस स्थल पर विहारों (मठों), मंदिरों, सभा-भवनों और आवासीय परिसरों का विस्तृत समूह है, जो लगभग 700 वर्षों के स्थापत्य विकास को दर्शाता है।
- यह संकुल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है और राज्य सरकार इसके यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नामांकन को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है।
- खुदाई में महत्त्वपूर्ण बौद्ध अवशेष मिले हैं, जिनमें आनंद प्रभु कुटी विहार शामिल है, जहाँ 7वीं शताब्दी ईस्वी में चीनी यात्री ह्वेनसांग (Xuanzang) आए थे।
- सिरपुर का संबंध पांडु वंश से भी रहा है, जिसके शासकों ने कला, वास्तुकला और धार्मिक विद्वत्ता का संरक्षण किया, जिससे यह अपने समय का एक समृद्ध नगरीय केंद्र बना।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला देश का प्रमुख संगठन है, जो पुरातत्वीय अनुसंधान और राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का कार्य करता है।
- यह देशभर में 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्त्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है।
- इसके कार्यों में प्राचीन अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्विक स्थलों की खोज एवं उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण एवं रख-रखाव शामिल हैं।
- इसकी स्थापना 1861 में अलेक्ज़ेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी, जो ASI के प्रथम महानिदेशक थे। उन्हें "भारतीय पुरातत्व का जनक" भी कहा जाता है।
- ASI देश में सभी पुरातात्विक गतिविधियों की देख-रेख प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत करता है।
गरुड़ अभ्यास 2025 | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 17 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय वायु सेना (IAF) फ्राँसीसी वायु एवं अंतरिक्ष सेना (FASF) के साथ आयोजित द्विपक्षीय वायुCombat अभ्यास गरुड़-25 के 8वें संस्करण में भाग ले रही है।
मुख्य बिंदु
- गरुड़ अभ्यास: परिचय
- "गरुड़" भारतीय और फ्राँसीसी वायु सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय वायु अभ्यास है, जो वर्ष 2003 से समय-समय पर आयोजित किया जाता है।
- यह भारत द्वारा किसी विदेशी वायु सेना के साथ किये जाने वाले उच्चतम स्तर के वायु अभ्यासों में से एक है और बारी-बारी से भारत तथा फ्राँस में आयोजित होता है।
- इसके प्रमुख उद्देश्यों में पारस्परिक परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना, रणनीति साझा करना, परिचालन संबंधी जानकारी का निर्माण करना और रणनीतिक संबंध बनाना शामिल है।
- 2025 संस्करण: परिचय
- गरुड़ अभ्यास का 8वाँ संस्करण (गरुड़-25) फ्राँस के मोंट-डी-मार्सन मिलिट्री बेस में 16 से 27 नवंबर, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।
- भारतीय वायु सेना (IAF) का दस्ता, जिसमें Su-30MKI लड़ाकू विमान, IL-78 रीफ्यूलर तथा C-17 ग्लोबमास्टर III एयर-लिफ्ट विमान शामिल हैं, फ्राँस के मल्टी-रोल लड़ाकू विमानों (French Multirole Fighters) के साथ मिलकर जटिल सिम्युलेटेड मिशनों में भाग लेगा। इन मिशनों में एयर-टू-एयर कॉम्बैट, वायु रक्षा और संयुक्त स्ट्राइक ऑपरेशन्स शामिल होंगे।
