हरियाणा विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिये प्रतिबद्ध | हरियाणा | 17 Feb 2024
              
            चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिये प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिये सक्रिय रूप से भाग ले रही है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचे।
मुख्य बिंदु:
- 41,64,673 लोगों ने वर्ष 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।
- यात्रा के दौरान सांसद, मंत्री, विधायक और अधिकारी लोगों की समस्याएँ सुनते हैं तथा समाधान करते हैं। वे लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से भी अवगत कराते हैं।
- वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिये, यात्रा 16 नवंबर, 2023 को शुरू की गई थी। इसने हरियाणा में 6,718 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों को कवर किया है।
- विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान लोगों के स्वास्थ्य की जाँच के लिये स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। निरोगी हरियाणा के तहत 46 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जाँच की गई और दवाइयाँ भी उपलब्ध कराई गईं।
- यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक स्थानीय एथलीटों को प्रमुख हस्तियों द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। इससे हरियाणा में उभरती खेल प्रतिभाओं में नई ऊर्जा आई है।
 
 
    
    
      जन सहायक हेल्प मी ऐप के माध्यम से सेवाएँ और सूचनाएँ | हरियाणा | 17 Feb 2024
              
            चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार की सेवाओं और सूचनाओं तक अब जन सहायक हेल्प मी ऐप के माध्यम से पहुँचा जा सकता है, नागरिक अपने मोबाइल फोन के माध्यम से सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
मुख्य बिंदु:
- जन सहायक हेल्प मी ऐप के माध्यम से सेवाओं और सूचनाओं के लाभों तक पहुँचने के लिये मोबाइल नंबर या परिवार पहचान-पत्र का उपयोग करके पंजीकरण आवश्यक है।
- ऐप विभागों द्वारा वर्गीकृत विभिन्न सरकारी सेवाओं के विषय में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें डायल 112, पुलिस (100), एम्बुलेंस (108) और अधिक जैसी आपातकालीन सेवाएँ शामिल हैं।
- नागरिक बिल भुगतान से लेकर रोज़गार लिस्टिंग और कौशल विकास के अवसरों तक की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- हरियाणा जन सहायता ऐप के माध्यम से, नागरिक सूखा राशन वितरण, पका हुआ भोजन, डॉक्टर परामर्श, शिक्षा, यात्रा पास, वित्तीय सहायता, गैस सिलेंडर बुकिंग, एम्बुलेंस सेवाओं आदि जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- ऐप के माध्यम से किसी व्यक्ति द्वारा की गई किसी भी सेवा के अनुरोध को आवश्यक कार्रवाई के लिये तुरंत संबंधित ज़िला अधिकारियों को भेज दिया जाता है।
जनसहायक मोबाइल ऐप
- यह हरियाणा सरकार की सभी सरकारी सेवाओं, आपातकालीन हेल्पलाइनों और अन्य सूचना सेवाओं तक पहुँचने के लिये नागरिकों को एक एकल इंटरफ़ेस प्रदान करने की एक पहल है।
- यह अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में एक द्विभाषी मोबाइल ऐप है।
परिवार पहचान पत्र (PPP)
- इसे अंत्योदय की भावना से 1 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था।
- यह राज्य सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पात्र परिवारों को सभी सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों और सेवाओं का लाभ प्रदान करना है।
- हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने प्रत्येक परिवार के लिये परिवार पहचान-पत्र बनाने की योजना बनाई है। अभी तक देश या विदेश में ऐसी कोई योजना शुरू नहीं हुई है।
      
    
    
      साहसिक खेल प्रतियोगिता | हरियाणा | 17 Feb 2024
              
            चर्चा में क्यों?
राज्य के शिवालिक और अरावली पर्वत शृंखलाओं में साहसिक खेलों एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों के अनुरूप, नेशनल एडवेंचर क्लब ने 2 से 10 फरवरी, 2024 तक मोरनी हिल्स में 30वें राष्ट्रीय साहसिक उत्सव का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु:
- इस महोत्सव में बांग्लादेश के सात प्रतिभागियों की एक टीम के साथ पूरे देश से 16-45 आयु वर्ग के लगभग 275 लड़के और लड़कियों ने भाग लिया।
- प्रतियोगिताओं में ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, रिपेलिंग, रिवर राफ्टिंग, स्नो स्कीइंग, तीरंदाज़ी, कमांडो बाधा, रिवर क्रॉसिंग आदि गतिविधियाँ शामिल थीं।
- नेशनल एडवेंचर क्लब ने प्रतिष्ठित साहसिक खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित "भारत गौरव" और "अदम्य साहस पुरस्कार" पुरस्कारों से सम्मानित किया।
- इंस्पेक्टर राम लाल को "अदम्य साहस पुरस्कार" से सम्मानित किया गया जिसमें 31,000 रुपए का नकद पुरस्कार, प्रशंसा पत्र और एक पट्टिका शामिल थी।
 
 
    
    
      हरित उद्योग आधार | उत्तर प्रदेश | 17 Feb 2024
              
            चर्चा में क्यों ?
राज्य सरकार 19 फरवरी, 2024 को होने वाले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में उत्तर प्रदेश को 'हरित उद्योग आधार' वाले राज्य के रूप में स्थापित करेगी।
मुख्य बिंदु:
- उद्योग विभाग नए खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिये अपने सौर, जैव ईंधन, पंप स्टोरेज और EV बैटरी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोजेक्ट करेगा।
- अधिकारियों के मुताबिक, यूपी की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 22.38 गीगावाट (GW) थी जो कई राज्यों की तुलना में काफी अधिक है।
- राज्य एक ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर लेकर आ रहा है जिसमें सौर ऊर्जा के उपयोग के लिये लगभग 1,54,000 हेक्टेयर भूमि बैंक है। सरकार ने 3,600 मेगावाट की क्षमता वाले छह सौर पार्कों को स्वीकृति दी है।
 
- भारत में कुल ईवी का 25% यूपी में उपयोग किया जाता है। राज्य ने पहले ही 450 से अधिक सक्रिय चार्जिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क विकसित कर लिया है, जबकि अन्य 100 से अधिक पाइपलाइन में हैं और एक्सप्रेस-वे, सार्वजनिक स्थानों एवं इमारतों के किनारे पहले से ही पहचाने गए स्थान हैं।
- सात माल ढुलाई स्मार्ट शहरों के लिये ईवी योजना की कवायद चल रही है।
 
- यूपी ने सोनभद्र, मिर्ज़ापुर और चंदौली में 13,250 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है।
- यह ध्यान में रखते हुए कि यूपी अकेले राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत लक्ष्य का 1/5 हिस्सा उपभोग कर सकता है, राज्य संपीड़ित बायोगैस संयंत्र, बायोडीज़ल/इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिये एकल खिड़की अनुमोदन लेकर आया है।

     
    
    
                                                     नज़ूल भूमि | उत्तराखंड | 17 Feb 2024
              
            चर्चा में क्यों ?
हाल ही में उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के हलद्वानी शहर में कथित तौर पर नज़ूल भूमि पर एक मस्जिद और मदरसे की जगह पर अतिक्रमण हटाने के लिये शहर प्रशासन द्वारा चलाए गए विध्वंस अभियान के कारण हिंसा भड़क उठी।
- प्रशासन के अनुसार, जिस संपत्ति पर दोनों संरचनाएँ स्थित हैं, वह नगर परिषद की नज़ूल भूमि के रूप में पंजीकृत है।
मुख्य बिंदु:
- नज़ूल भूमि का स्वामित्व सरकार के पास है लेकिन अक्सर इसे सीधे राज्य संपत्ति के रूप में प्रशासित नहीं किया जाता है।
- राज्य आम तौर पर ऐसी भूमि को किसी भी इकाई को एक निश्चित अवधि के लिये पट्टे पर आवंटित करता है, आमतौर पर 15 से 99 वर्ष के बीच।
 
- यदि पट्टे की अवधि समाप्त हो रही है, तो कोई व्यक्ति स्थानीय विकास प्राधिकरण के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन जमा करके पट्टे को नवीनीकृत करने हेतु प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है।
- सरकार नज़ूल भूमि को वापस लेने या पट्टे को नवीनीकृत करने या इसे रद्द करने के लिये स्वतंत्र है।
 
- सरकार आम तौर पर नज़ूल भूमि का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों जैसे स्कूल, अस्पताल, ग्राम पंचायत भवन आदि के निर्माण के लिये करती है।
अतिक्रमण
- यह किसी और की संपत्ति का अनधिकृत उपयोग या कब्ज़ा है।
- यह परित्यक्त या अप्रयुक्त स्थानों पर हो सकता है यदि कानूनी मालिक इसके रखरखाव में सक्रिय रूप से शामिल नहीं है।
- संपत्ति मालिकों के लिये ऐसे मामलों में उठाए जाने वाले कानूनी कदमों और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना महत्त्वपूर्ण है।
- इसमें उचित अनुमति या कानूनी अधिकारों के बिना अवैध निर्माण, कब्ज़ा या किसी अन्य प्रकार का कब्ज़ा शामिल हो सकता है।
- भूमि अतिक्रमण, जैसा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 441 द्वारा परिभाषित किया गया है, किसी अपराध को करने, संपत्ति पर कब्ज़ा करने की धमकी देने या बिन बुलाए भूमि पर रहने की अनुमति के बिना किसी और की संपत्ति में अवैध रूप से प्रवेश करने का कार्य है।