द्वितीय विश्व मल्लखंब चैंपियनशिप में अबूझमाड़ के तीन खिलाड़ियों ने जीता स्वर्ण पदक | छत्तीसगढ़ | 15 May 2023
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ के 3 मल्लखंब खिलाड़ियों-संतोष शोरी, संताय पोटाई व जयंती कचलाम ने भूटान में आयोजित द्वितीय वर्ल्ड मल्लखंब चैंपियनशिप में भारत की राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलते हुए स्वर्ण पदक जीते हैं।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि इस चैंपियनशिप का आयोजन 9 से 12 मई, 2023 तक भूटान में किया गया।
- इस चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ के तीनों ही खिलाड़ियों ने बालक और बालिका वर्ग की टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। संतोष शोरी ने राष्ट्रीय बालक टीम और संताय पोटाई व जयंती कचलाम ने राष्ट्रीय बालिका टीम की ओर से चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
- विदित है कि अबूझमाड़ भारत का ऐसा जनजातीय क्षेत्रों से एक है जिसे आज भी अनछुआ माना जाता हैं, यहाँ के लोगों की जीवनशैली जंगल से जुड़ी है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड मल्लखंब चैंपियनशिप में भारत, जापान, अमरीका, साउथ अफ्रीका, ब्राज़ील, बहरीन आदि कई देशों के 200 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
- संतोष शोरी ने नारायणपुर के देवगाँव, पोर्टा केबिन स्कूल में कक्षा पाँचवी (2017) से मल्लखंब का अभ्यास शुरू किया, 2020 बिलासपुर इन्विटेशनल नेशनल चैंपियनशिप में उन्हें पहला स्वर्ण पदक मिला। इसके बाद सितंबर 2021 में उज्जैन में आयोजित प्रतियोगिता में 2 मेडल भी प्राप्त किये।
- इन्होनें 2022 जून को आयोजित खेलो इंडिया में 1 काँस्य पदक, 2022 अक्टूबर को गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स में 1 काँस्य पदक, 2023 फरवरी को आयोजित खेलो इंडिया में 2 काँस्य पदक भी प्राप्त किये। संतोष शोरी ने अब तक राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 18 पदक जीते हैं।
- इसी तरह संताय पोटाई राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 17 पदक जीत चुकी हैं। जयंती कचलाम कक्षा 12वीं की छात्रा हैं, वे पिछले 4 वर्षों से मल्लखंब का अभ्यास कर रही हैं और अब तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कुल 14 पदक जीत चुकी हैं।
- इन खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर भारत की राष्ट्रीय टीम में उनका चयन हुआ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के सात अस्पतालों को प्रदान किया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन | छत्तीसगढ़ | 15 May 2023
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल में स्थित सुकमा ज़िला अस्पताल को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिये राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र तथा बेहतर प्रसूति सुविधाओं के लिये लक्ष्य (LaQshya) प्रमाण पत्र से नवाज़ा है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के 7 शासकीय अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र प्रदान किया है। इनमें 3 ज़िला चिकित्सालय, 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 1 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल है।
- गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा इस वर्ष जनवरी से अप्रैल माह के बीच इन अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘मुस्कान’कार्यक्रम के अंतर्गत कवर्धा ज़िला चिकित्सालय और ‘एनक्यूएएस’कार्यक्रम के तहत दुर्ग ज़िला चिकित्सालय को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया है।
- मुंगेली ज़िले के खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और गरियाबंद के खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ बिलासपुर के राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी यह प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
- बस्तर अंचल में ही स्थित देश के पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बीजापुर ज़िले के जांगला को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिये राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। पाँच साल पहले इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र एवं लक्ष्य प्रमाणपत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ सभी क्षेत्रों तक पहुँच रही हैं।
- सुकमा ज़िला चिकित्सालय को ‘एनक्यूएएस’कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं, वहीं ‘लक्ष्य’कार्यक्रम के तहत लेबर रूम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत और मैटरनिटी ओटी के मूल्यांकन में 87 प्रतिशत अंक मिले हैं।
- जांगला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 80 प्रतिशत, खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 81 प्रतिशत, खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में दुर्ग ज़िला अस्पताल ने 88 प्रतिशत और कवर्धा ज़िला अस्पताल ने 93 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं।
- ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है।
- इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।