छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्शन | छत्तीसगढ़ | 11 Jun 2024
            चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार ज़िले में अनुसूचित जाति सतनामी समाज के कई सदस्यों ने अपने धार्मिक स्थल जैतखाम पर अतिक्रमण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट भवन के एक हिस्से में आग लगा दी, वाहनों को क्षतिग्रस्त किया तथा पुलिस के साथ झड़प की।
मुख्य बिंदु:
- जैतखाम, जिसे विजय स्तंभ भी कहा जाता है, का छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
- यह एक पूजनीय धार्मिक प्रतीक है जो बुराई पर अच्छाई की विजय और उक्त समाज की आध्यात्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है
- अमर गुफा में स्थित जैतखाम (धार्मिक स्तंभ) एक उपासना स्थल और साथ ही सांस्कृतिक तथा धार्मिक समारोहों का मुख्य स्थल है, जो सतनामी समाज के व्यक्तियों की पहचान तथा इतिहास को दर्शाता है।
- बलौदा बाज़ार ज़िले के गिरौधपुरी कस्बे में सतनामी समाज के जैतखाम धार्मिक स्थल पर तोड़-फोड़ की गई जिसके कारण यह विरोध प्रदर्शन किया गया।
- सतनामी समाज के सदस्य इस कृत्य को घोर अनादर तथा समाज की मान्यताओं एवं परंपराओं को क्षति पहुँचाने का प्रयास मानते हैं।
सतनामी समाज 
- छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज के व्यक्ति ब्रिटिश काल के दौरान बंगाल में सामाजिक-धार्मिक आंदोलन का गठन करने वाले व्यक्तियों का एक समूह थे
- इस आंदोलन की स्थापना और नेतृत्व बिलासपुर ज़िले के घासी दास ने किया था तथा उन्हें एक अछूत चर्मकार माना जाता था।