ICAR-NRC इक्विन को वैश्विक मान्यता | हरियाणा | 11 Nov 2024
            चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (ICAR-NRC इक्विन) को इक्विन पिरोप्लास्मोसिस के लिये विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में नामित करने की सुविधा प्रदान की है।
मुख्य बिंदु
- इक्विन पिरोप्लास्मोसिस:
- इक्विन पिरोप्लास्मोसिस, जो टिक-जनित (टिक के काटने से फैलने वाले रोग) प्रोटोज़ोआ परजीवी बेबेसिया कैबाली और थेलेरिया इक्वी के कारण होता है, घोड़ों, गधों, खच्चरों और ज़ेबरा को प्रभावित करता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।
- भारत में इस रोग की सीरोप्रिवलेंस 15-25% है तथा उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में यह 40% तक है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रभाव, उत्पादकता में गिरावट और व्यापार प्रतिबंधों के कारण आर्थिक क्षति होती है।
- NRC इक्विन ने इक्विन पिरोप्लास्मोसिस के लिये उन्नत नैदानिक उपकरण विकसित किये हैं, जिनमें एलिसा, अप्रत्यक्ष फ्लोरोसेंट एंटीबॉडी टेस्ट, प्रतिस्पर्द्धी एलिसा (ELISA), रक्त स्मीयर परीक्षा, MASP इन-विट्रो कल्चर सिस्टम और एंटीजन का पता लगाने के लिये PCR शामिल हैं।
 
- भारत में घोड़ों की जनसंख्या:
- 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, भारत में लगभग 0.55 मिलियन अश्व (घोड़े, टट्टू, गधे, खच्चर) हैं जो आजीविका और विभिन्न उद्योगों में योगदान देते हैं।
- इनमें से 0.34 मिलियन घोड़े और टट्टू, 0.12 मिलियन गधे और 0.08 मिलियन खच्चर हैं, जिनकी अधिकांश संख्या उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में है।
 
 
- WOAH संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में NRC इक्विन की भूमिका:
- WOAH संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में, NRC इक्विन वैश्विक स्तर पर सहयोग करेगा, नैदानिक सेवाएँ प्रदान करेगा, तकनीकी विशेषज्ञता साझा करेगा और इक्विन पिरोप्लास्मोसिस पर अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा।
- NRC इक्विन अब WOAH का दर्जा प्राप्त करने वाली चौथी भारतीय प्रयोगशाला है, जो एवियन इन्फ्लूएंज़ा, रेबीज़, PPR और लेप्टोस्पायरोसिस के लिये मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में शामिल हो गई है।
 
- औपचारिक घोषणा:
- ICAR-NRC इक्विन का आधिकारिक पदनाम मई 2025 में 92वें WOAH महाधिवेशन और विश्व प्रतिनिधि सभा (World Assembly of Delegates) में घोषित किया जाएगा।
- यह पदनाम भारत की नैदानिक क्षमताओं और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों को सुदृढ़ करता है तथा पशु स्वास्थ्य, विशेषकर अश्व रोगों के क्षेत्र में भारत की अग्रणी स्थिति को बढ़ाता है।
 
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH)
- OIE के रूप में स्थापित, WOAH एक मानक-निर्धारक निकाय है जिसे स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपायों पर समझौते के तहत मान्यता प्राप्त है।
- यह वैश्विक पशु स्वास्थ्य में सुधार के लिये कार्य करता है और इसका मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में है।
- WOAH के 183 सदस्य देश थे, जिनमें भारत भी शामिल था।
- यह देशों को रोग के प्रवेश को रोकने में सहायता करने के लिये स्थलीय पशु स्वास्थ्य संहिता (Terrestrial Animal Health Code) जैसे दिशा-निर्देश बनाता है ।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) WOAH मानकों को अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता दिशा-निर्देश के रूप में स्वीकार करता है।