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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Aug 2022
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बिहार Switch to English

नीतीश कुमार आठवीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के नेता नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें शपथ दिलायी।

प्रमुख बिंदु

  • वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आठवीं बार जबकि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ली है।
  • 9 अगस्त, 2022 को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जनता दल यूनाइटेड के अलग होने के बाद नीतीश कुमार को जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कॉन्ग्रेस की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से महागठबंधन का नेता चुना गया। इसके उपरांत नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
  • इन्होंने सात दलों के 164 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपी। इनमें राष्ट्रीय जनता दल, कॉन्ग्रेस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, वामपंथी दलों और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
  • गौरतलब है कि नीतीश कुमार 3 मार्च, 2000 को पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उसके उपरांत वर्ष 2005 से 2010 तक, 2010 से 2014 तक, फिर वर्ष 2015 में, 2015 से 2017 तक, 2017 से 2020 तक, 2020 से 8 अगस्त, 2022 तक और पुनः 2022 में अब 8वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं।

राजस्थान Switch to English

वोटर आईडी से आधार संख्या जोड़ने में पूरे देश में राजस्थान प्रथम

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार संख्या से जोड़ने के अभियान में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में अब तक 55 लाख से अधिक मतदाताओं द्वारा मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से जोड़ा गया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एक अगस्त से प्रारंभ हुए इस अभियान में पूरे देश में अब तक 2 करोड़ 52 लाख मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड से लिंक किये गए। जिसमें से राज्य में 55 लाख 86 हज़ार 710 मतदाताओं ने अपने आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ लिया है।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में इसके लिये ‘सीईओ से बीएलओ’तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
  • निर्वाचन विभाग द्वारा अभिनव पहल करते हुए इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, ईआरओ, बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा सरकारी, गैर-सरकारी, निजी कार्यालयों, संस्थानों, महाविद्यालयों, विद्यालयों में वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से स्वयं ही आधार नंबर से मतदाता पहचान-पत्र जोड़ने की हैंड्स ऑन जानकारी दी जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि एक अगस्त से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शुरू हुए इस अभियान के तहत अपनी पहचान स्थापित करने के लिये अब प्रत्येक मतदाता अपने मतदाता पहचान-पत्र के साथ आधार नंबर जोड़ सकता है। इसके लिये एक नवीन फॉर्म 6-बी भरा जा सकता है। आधार नंबर जोड़ने का कार्य नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी), वोटर हेल्पलाइन ऐप, गरुड़ ऐप या क्षेत्र के बीएलओ के माध्यम से भी किया जा सकता है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष का गठन, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्य प्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम का सुदृढ़ीकरण करते हुए स्थापना व्यय के लिए पृथक बजट लाइन प्रावधानित करने, निगम में मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष का गठन और उसके अंतर्गत मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना’ में ‘राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ एवं ‘राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’, ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना’ की लाभान्वित महिला हितग्राहियों के बैंकों से स्वीकृत प्रकरणों पर 2% ब्याज अनुदान दिया जायेगा।
  • मंत्रि-परिषद ने उपरोत्त योजनाओं से वित्त पोषित महिला उद्यमियों के उत्पाद की विपणन व्यवस्था और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित करने के लिये SRLM/NULM में परियोजना प्रबंधन इकाई एवं निगम में परियोजना प्रकोष्ठ स्थापित करने का अनुमोदन किया।
  • निगम द्वारा गठित तेजस्विनी समूहों को आजीविका मिशन फोल्ड में लाने के लिये तेजस्विनी कार्यक्रम में उपलब्ध राशि में से 10 करोड़ रुपए ग्रामीण आजीविका मिशन को देने का अनुमोदन किया गया।
  • मंत्रि-परिषद ने ‘मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना’लागू करने का निर्णय लिया।
    • इस योजना में बाल देख-रेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के केयर लीवर्स (आफ्टर केयर) और संबंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन-यापन करने वाले 18 वर्ष तक की आयु के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) दी जायेगी।
    • इस योजना में केयर लीवर्स को इंटर्नशिप के समय 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह अधिकतम एक वर्ष के लिये और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह अधिकतम 2 वर्ष के लिये दिये जाएंगे।
    • साथ ही NEET, JEE या CLAT से पाठ्यक्रम में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को आजीविका व्यय के लिये 5 हज़ार रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे।
    • आफ्टर केयर में शिक्षा अथवा इंटर्नशिप अथवा व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये समस्त आर्थिक सहायता निर्धारित समयावधि या 24 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो तक दी जायेगी।
    • स्पॉन्सरशिप में पात्र बच्चों के वैध संरक्षक के संयुत्त खाते में न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम 18 वर्ष तक 2 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता और ‘आयुष्मान योजना’में चिकित्सा सहायता दी जायेगी। इस तरह आर्थिक और शैक्षणिक सहयोग देकर अनाथ बच्चों को समाज में पुनर्स्थापित किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
  • मंत्रि-परिषद ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को वर्ष 2022-23 में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया।
    • यह ऋण किसानों को सहकारी बैंकों/प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) से दिया जाता है।
    • योजना में वर्ष 2022-23 के लिये बेसरेट 10 प्रतिशत रहेगा। खरीफ 2022 सीजन के लिये देय तिथि 28 मार्च, 2023 और रबी 2022-23 सीजन के लिये देय तिथि 15 जून, 2023 रहेगी।
    • निर्धारित बेसरेट 10 प्रतिशत के अधीन खरीफ और रबी सीजन में अल्पावधि फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों के लिये 3 प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा निर्धारित देय तिथि तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत अतिरित्त ब्याज अनुदान प्रोत्साहनस्वरूप राज्य शासन द्वारा दिया जायेगा।
    • यह योजना वर्ष 2012-13 से लागू है। इसमें 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋण पर राज्य शासन ब्याज अनुदान उपलब्ध कराता है।

हरियाणा Switch to English

प्रधानमंत्री ने पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2जी) के इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रमुख बिंदु

  • संयंत्र का लोकार्पण देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा वर्षों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है। यह ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के लिये प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयास के अनुरूप है।
  • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 2जी एथेनॉल प्लांट का निर्माण करीब 900 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के करीब स्थित है।
  • अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने के लिये सालाना लगभग 2 लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के ‘कचरे से कंचन’ (वेस्ट टू वेल्थ) के प्रयासों में एक नया अध्याय शुरू करेगी।
  • भारत सरकार के 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड मोटर स्पिरिट (EBMS) के लक्ष्य को पूरा करने के लिये इस संयंत्र से उत्पादित इथेनॉल को मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) के साथ मिश्रित किया जाएगा।
  • कृषि-फसल अवशेषों के लिये अंतिम उपयोग का सृजन होने से किसान सशक्त होंगे और उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह परियोजना इस संयंत्र के संचालन में शामिल लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करेगी और चावल के भूसे को काटने, संभालने, भंडारण आदि के लिये आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्यक्ष रोज़गार तैयार होंगे।
  • परियोजना में कोई तरल पदार्थ बाहर नहीं निकलेगा। पराली (पराली) को जलाने में कमी लाकर, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैसों को लगभग 3 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन प्रतिवर्ष कम कर देगी, जिसे देश की सड़कों पर सालाना लगभग 63,000 कारों को हटाए जाने के बराबर समझा जा सकता है।
  • प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस आधुनिक संयंत्र की स्थापना से हरियाणा के किसानों के लिये पराली अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी, जहाँ चावल और गेहूँ बहुतायत में उगाए जाते हैं। इस प्लांट से दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में प्रदूषण कम होगा।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु लागू होगी नई पर्यटन नीति

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये सरकार जल्द ही नई नीति लागू करेगी। इसके लिये विभाग की ओर से नई पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पर्यटन विकास परिषद से पारित कर जल्द ही नीति को अंतिम रूप देकर मंजूरी के लिये कैबिनेट में रखा जाएगा। इस नीति में निवेशकों को सरकार एमएसएमई से अधिक निवेश प्रोत्साहन राशि देगी। इससे आने वाले समय में प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • नई नीति में उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी निवेशकों को ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा। जिससे फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, साहसिक पर्यटन के लिये अवस्थापना विकास में सरकार की ओर से निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • अभी तक एमएसएमई उद्योगों की तर्ज़ पर सरकार पर्यटन उद्योगों को एक से डेढ़ करोड़ की निवेश प्रोत्साहन राशि दे रही है, जबकि अन्य राज्यों में पर्यटन उद्योगों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलने से निवेशक उत्तराखंड में कम रुचि दिखा रहे हैं। जिससे सरकार ने नई नीति में प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर निवेशकों को आकर्षित करने जा रही है।
  • नई पर्यटन नीति में निवेश प्रोत्साहन राशि को डेढ़ करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ किया जा सकता है। इसके अलावा इंटर सब्सिडी को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, एसजीएसटी में पाँच साल तक की छूट, स्थानीय वास्तुकला के आधार पर भवन निर्माण करने पर अतिरित्त अनुदान राशि का प्रावधान किया जाएगा।
  • पर्यटन क्षेत्र में महिला उद्यमियों को अलग से प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। इसके बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग आदि साहसिक पर्यटन में निवेश करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • होटल व्यवसाय में सीवरेज सिस्टम, सौर ऊर्जा के लिये निवेशकों को अतिरित्त राहत देने का प्रावधान किया जाएगा।
  • राज्य सरकार को पर्यटन क्षेत्र में 1116 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इसमें लगभग 5122 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इससे लगभग 19 हज़ार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
  • सरकार का मानना है कि नई नीति के बनने से राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश में तेजी आएगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही सेवा क्षेत्र से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 2019 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर पर्यटन नीति लागू की गयी थी। जिसमें पर्यटन उद्योगों को भी एमएसएमई, मेगा इंडस्ट्रियल नीति के तहत प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई थी।
  • विनिर्माण उद्योग की तर्ज पर ही पर्यटन उद्योगों को 10 से 200 करोड़ रुपए का निवेश करने पर पर्वतीय क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम 1.5 करोड़ रुपए, मैदानी क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपए की छूट, बिजली बिलों में एक रुपए प्रति यूनिट की प्रतिपूर्ति और विद्युत ड्यूटी में पाँच साल की छूट दी जाती है।

राजस्थान Switch to English

राज्यपाल ने ‘शौर्य कला प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया

चर्चा में क्यों?

9 अगस्त, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने जवाहर कला केंद्र में ‘शौर्य कला प्रदर्शनी’का उद्घाटन किया। यह कला प्रदर्शनी 20 अगस्त, 2022 तक चलेगी।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रदर्शनी का आयोजन पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के तीन दिवसीय ‘रंग स्वाधीन’ समारोह के अंतर्गत किया गया है।
  • आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस प्रदर्शनी में स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र, उनके जीवन तथा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाओं को आकर्षक कलाकृतियों के रूप में संजोया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा कोविड काल में शौर्य कला शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें देश भर के कलाकारों द्वारा स्वाधीनता संग्राम एवं स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित कलाकृतियों का निर्माण किया गया था।
  • राज्यपाल ने इस अवसर पर केंद्र द्वारा तैयार करवाए गए मांडणा कलाकृतियों के एलबम और ‘पंचतंत्र कथा मंजरी’का लोकार्पण भी किया।
  • इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों की शौर्य गाथा को चित्रों के माध्यम से बहुत सुंदर तरीके से यहाँ प्रदर्शित किया गया है। देश की आजादी के लिये अमूल्य योगदान देने वाली महान विभूतियों के बारे में जानने की प्रेरणा युवा पीढ़ी को इन चित्रों से मिलेगी।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में सरकार दोबारा बनाएगी कर्मकार बोर्ड

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के श्रम सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का दोबारा गठन की तैयारी कर रही है। जल्द ही इसका गठन हो जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • श्रम सचिव ने बताया कि कर्मकार बोर्ड भंग होने की वजह से श्रमिकों के लिये नई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू नहीं हो पा रही हैं। चूँकि, इन पर निर्णय बोर्ड ही लेता है, इसलिये सरकार दोबारा बोर्ड के गठन की तैयारी कर रही है।
  • बोर्ड में वर्तमान में पुरानी योजनाओं का लाभ तो श्रमिकों को मिल रहा है लेकिन उनके कल्याण की कोई नई योजना नहीं बन पा रही है। दोबारा बोर्ड बनने के बाद करीब साढ़े चार लाख श्रमिकों को नई सौगात मिलनी शुरू हो जाएगी।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2017 में श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर शासन ने अक्टूबर 2020 में हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता में नया बोर्ड बनाया था।
  • वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 सितंबर, 2021 को बोर्ड को दोबारा भंग करते हुए सत्याल को हटा दिया था। तब से श्रम सचिव को पदेन अध्यक्ष बनाते हुए बोर्ड संचालित किया जा रहा है।

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