वीर रथ पार्क | उत्तर प्रदेश | 09 May 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्वतंत्रता संग्राम के वीरों की स्मृति में एक म्यूज़ियम और ओपन थियेटर सहित वीर रथ पार्क का निर्माण किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- पार्क के बारे में:
- यह पार्क कुल 32 स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को संरक्षित एवं प्रदर्शित करने के उद्देश्य से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के समीप स्थित नलगढ़ गाँव में स्थापित किया जा रहा है।
- ऐतिहासिक दृष्टि से, नलगढ़ गाँव शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फ़ौज के कर्नल करनैल सिंह की शरणस्थली रहा है। ऐसा माना जाता है कि इन सेनानियों ने यहीं रहकर ब्रिटिश सेना पर हमले की रणनीतियाँ तैयार की थीं।
- इस पार्क की स्थापना लगभग 22 एकड़ भूमि पर की जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 42 करोड़ रुपए है।
- इस पार्क में एक संग्रहालय (Museum) भी होगा, जिसमें शहीदों की पत्थर की मूर्तियाँ और सूचनात्मक प्रदर्शन (informational exhibits) लगाए जाएंगे।
- संग्रहालय की दीवारों पर स्वतंत्रता सेनानियों और सेना के जवानों की कहानियाँ भी अंकित की जाएंगी।
- युद्धकालीन टैंक और लड़ाकू विमान प्रतीकात्मक रूप से भारत की सैन्य विरासत को प्रदर्शित करेंगे, जबकि लेज़र शो देशभक्ति की भावना को प्रेरित करेगा।
- ओपन-एयर थिएटर में भारत की स्वतंत्रता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
आज़ाद हिंद फौज (INA)
- परिचय: यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन का सामना करने के उद्देश्य से गठित एक सैन्य बल था, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गठन:
- मोहन सिंह: उन्होंने भारतीय युद्धबंदियों (POW) से एक सेना गठित करने का प्रस्ताव किया और जापानी समर्थन प्राप्त किया। उन्होंने शुरुआत में INA का नेतृत्व किया, जिसमें लगभग 40, 000 सैनिकों की भर्ती की गई।
- हालाँकि, सैनिकों की संख्या को लेकर जापानियों के साथ संघर्ष के कारण उन्हें हटा दिया गया।
- रासबिहारी बोस: यह एक अनुभवी क्रांतिकारी थे और इन्होने INA के लिये समर्थन जुटाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और टोक्यो में भारतीय स्वतंत्रता लीग का गठन किया (1942)।
- सुभाष चंद्र बोस: 25 अगस्त 1943 को बोस को INA का सुप्रीम कमांडर नियुक्त किया गया और बाद में 21 अक्तूबर 1943 को उन्होंने सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार अथवा आज़ाद हिंद की स्थापना की।
- इसे जापान, जर्मनी, इटली और चीन (वांग जिंगवेई के नेतृत्व में) सहित 9 देशों द्वारा मान्यता दी गई।
मिशन शक्ति | उत्तर प्रदेश | 09 May 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान ने महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचते हुए 9 करोड़ से अधिक महिलाओं तक पहुँच बनाने में सफलता प्राप्त की है।
मुख्य बिंदु
- मिशन शक्ति अभियान के बारे में:
- ‘मिशन शक्ति’ उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी बहु-आयामी योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।
- इसका शुभारंभ 17 अक्तूबर 2020 में किया गया था और अब तक यह अभियान पाँच चरणों में संपन्न हो चुका है।
- उपलब्धियाँ और आँकड़े:
- 1, 707 संभावित बाल विवाह रोके गए, जिससे बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हुई।
- महिला हेल्पलाइन 1090 ने अब तक 7.78 लाख मामलों को सफलतापूर्वक निपटाया।
- वन स्टॉप सेंटरों ने हिंसा और दुर्व्यवहार के 2.10 लाख से अधिक मामलों में सहायता प्रदान की।
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से 23.40 लाख लड़कियों को लाभ प्रदान किया गया।
- आकांक्षी ज़िलों में 2 लाख से अधिक बालिकाओं की पहचान कर उनके समग्र विकास के लिये सहायता दी गई।
- सुरक्षा हेतु बुनियादी ढाँचे में निवेश:
- राज्य में 100 गुलाबी पुलिस बूथ स्थापित किये गए हैं।
- 1090 कॉल सेंटर को 80 अतिरिक्त टर्मिनलों के साथ विस्तार दिया गया है।
- 189 नगरीय निकायों में 1, 100 से अधिक गुलाबी शौचालयों का निर्माण किया गया है।
- विशेष आयोजनों, प्रशिक्षण सत्रों और अभियानों के माध्यम से गाँवों, स्कूलों, कॉलेजों और शहरी वार्डों में पहुँच बनाई गई है।
- साइबर अपराध, घरेलू हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य, कानूनी अधिकार, वित्तीय साक्षरता पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
- परिचय
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत अप्रैल 2019 में उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग द्वारा की गई।
- योजना के तहत, परिवार में कन्या का जन्म होने पर उसे 15 हज़ार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है।
- यह राशि बेटी के जन्म से लेकर स्नातक होने तक, छह चरणों में प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है।
- एक परिवार से अधिकतम दो बेटियों को इस योजना का लाभ प्राप्त होता है।
- उद्देश्य
- योजना के प्रमुख उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन, बाल विवाह की रोकथाम, स्वास्थ्य और शिक्षा में वृद्धि तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना हैं।