उत्तर प्रदेश सरकार के विद्यालय विलय आदेश के विरुद्ध दायर याचिकाएँ खारिज | उत्तर प्रदेश | 09 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
मुख्य बिंदु
उच्च न्यायालय का निर्णय:
- न्यायालय ने निर्णय दिया कि नीतिगत निर्णयों को तब तक चुनौती नहीं दी जा सकती जब तक कि वे असंवैधानिक या मनमाने न हों।
- न्यायालय ने कहा कि स्कूलों का विलय करना संविधान के अनुच्छेद 21A का उल्लंघन नहीं है।
- अनुच्छेद 21A 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये मौलिक अधिकार के रूप में शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है।
- सरकार का यह कदम संवैधानिक एवं कानूनी रूप से वैध है तथा इसका उद्देश्य शैक्षिक गुणवत्ता एवं संसाधन दक्षता को बढ़ाना है।
पृष्ठभूमि:
- जून 2025 में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को जुलाई 2025 से पास के स्कूलों में विलय कर दिया जाएगा।
- सरकार का उद्देश्य इन छात्रों को उच्च प्राथमिक या समग्र विद्यालयों में स्थानांतरित करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना तथा संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करना है।
शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009
- RTE अधिनियम का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।
- धारा 12 (1) (C) में कहा गया है कि गैर-अल्पसंख्यक निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल आर्थिक रूप से कमज़ोर और वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिये प्रवेश स्तर ग्रेड में कम- से-कम 25% सीटें आरक्षित करें।
- यह विद्यालय न जाने वाले बच्चे के लिये एक उपयुक्त आयु से संबंधित कक्षा में भर्ती करने का प्रावधान भी करता है।
- यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय एवं अन्य ज़िम्मेदारियों को साझा करने के बारे में भी जानकारी देता है।
- भारतीय संविधान में शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है और केंद्र व राज्य दोनों इस विषय पर कानून बना सकते हैं।
- यह छात्र-शिक्षक अनुपात, भवन और बुनियादी ढाँचा, स्कूल-कार्य दिवस, शिक्षकों के लिये कार्यावधि से संबंधित मानदंडों और मानकों का प्रावधान करता है।
- इस अधिनियम में गैर-शैक्षणिक कार्यों जैसे- स्थानीय जनगणना, स्थानीय प्राधिकरण, राज्य विधानसभाओं और संसद के चुनावों तथा आपदा राहत के अलावा अन्य कार्यों में शिक्षकों की तैनाती का प्रावधान करता है।
- यह अपेक्षित प्रविष्टि और शैक्षणिक योग्यता के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
- यह निम्नलिखित का निषेध करता है:
- शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न।
- बच्चों के प्रवेश के लिये स्क्रीनिंग प्रक्रिया।
- प्रति व्यक्ति शुल्क।
- शिक्षकों द्वारा निजी ट्यूशन।
- बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय।