उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2025 | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 08 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने "ऑफ टारगेट" शीर्षक से अपनी उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2025 जारी की, जिसमें चेतावनी दी गई है कि पेरिस समझौते के तहत वर्तमान जलवायु प्रतिज्ञाएँ 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अपर्याप्त हैं।
मुख्य बिंदु
- अनुमानित तापमान वृद्धि स्तर:
- वर्तमान नीतियों के तहत, अनुमान है कि 2100 तक विश्व का तापमान लगभग 2.8°C बढ़ जाएगा।
- यदि सभी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) को पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए, तो सदी के अंत तक अनुमानित तापमान वृद्धि को लगभग 2.3-2.5°C तक सीमित किया जा सकता है।
- यह पिछले वर्ष (2024) के 2.6-2.8°C के अनुमान से केवल मामूली सुधार है, जो नई प्रतिबद्धताओं की सीमित प्रगति को दर्शाता है।
- प्रभावित करने वाले कारक:
- पद्धतिगत समायोजन के कारण अनुमानों में 0.1°C का सुधार हुआ।
- वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के पेरिस समझौते से बाहर होने से उतना ही नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
- कटौती लक्ष्य:
- 2°C तक ग्लोबल वार्मिंग सीमित करने के लिये, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2035 तक 2019 के स्तर से 35% घटाना होगा।
- 1.5°C के अधिक महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये, उत्सर्जन में वर्ष 2019 के स्तर से 55% की कमी आवश्यक है।
- हालाँकि UNEP ने चेतावनी दी है कि अगले दशक में 1.5°C सीमा का अस्थायी रूप से उल्लंघन होने की संभावना है, जो उत्सर्जन में और अधिक गहन एवं तीव्र कटौती की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- सकारात्मक संकेतक:
- अनुमानित तापमान वृद्धि 3-3.5°C (2015) से घटकर लगभग 2.5°C (2025) हो गई है, जो पेरिस समझौते के बाद से हुई प्रगति को दर्शाती है।
- सौर और पवन प्रौद्योगिकियों का तीव्र विस्तार हो रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर उनकी तैनाती की लागत में कमी आई है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)
- स्थापना: वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन (स्टॉकहोम) के बाद।
- मुख्यालय: नैरोबी, केन्या।
- कार्य: यह एक वैश्विक पर्यावरणीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है, जो अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय प्रयासों का समन्वय करता है तथा राष्ट्रों को सतत् नीतियाँ अपनाने में सहयोग प्रदान करता है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
- उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट
- अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट
- वैश्विक पर्यावरण आउटलुक (GEO)
ऑपरेशन ट्रैकडाउन | हरियाणा | 08 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा पुलिस ने हाल ही में हुई गोलीबारी की घटनाओं और संगठित अपराधों में संलिप्त भगोड़ों की पहचान करने, उनका पीछा करने तथा उन्हें गिरफ्तार करने के लिये 'ऑपरेशन ट्रैकडाउन' नामक 16 दिवसीय राज्यव्यापी अभियान (5 - 20 नवंबर, 2025) शुरू किया है।
मुख्य बिंदु
- इस अभियान का उद्देश्य बंदूक से संबंधित तथा संगठित अपराधों में फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ स्टेशन हाउस अधिकारियों (SHO) से लेकर वरिष्ठ ज़िला और क्षेत्रीय अधिकारियों तक पुलिस बल में जवाबदेही को सुदृढ़ करना है।
- हरियाणा पुलिस सीमा-पार निगरानी तथा हिरासत हस्तांतरण के लिये पड़ोसी राज्यों पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली तथा चंडीगढ़ के साथ सक्रिय सहयोग कर रही है।
प्रधानमंत्री द्वारा चार नई वंदे भारत ट्रेनों का शुभारंभ | उत्तर प्रदेश | 08 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
8 नवंबर, 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो भारत के विश्वस्तरीय, उच्च गति और सुविधाजनक रेल यात्रा प्रदान करने के मिशन में एक और बड़ी उपलब्धि है।
मुख्य बिंदु
- वंदे भारत ट्रेन
- इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था (प्रथम ट्रेन: नई दिल्ली–वाराणसी)।
- इसका विकास इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई द्वारा किया गया।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- इसमें कवच सुरक्षा प्रणाली, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग, GPS डिस्प्ले, वाई-फाई और CCTV निगरानी जैसी सुविधाएँ हैं।
- इसे 180 किमी/घंटा की गति के लिये विकसित किया गया है; इसकी संचालन गति 160 किमी/घंटा तक है।
- यह पूर्णत: वातानुकूलित अर्द्ध -उच्च गति वाला ट्रेनसेट है, जिसमें रीक्लाइनिंग सीटें, स्वतः खुलने-बंद होने वाले दरवाज़े और इन्फोटेनमेंट सिस्टम शामिल हैं।
- नवंबर 2025 तक यह भारत में 65 से अधिक मार्गों पर संचालित है।
- यह क्षेत्रीय संपर्क, पर्यटन, आत्मनिर्भर भारत और सतत्, आधुनिक रेल परिवहन को बढ़ावा देती है।
- नवीन मार्ग और प्रभाव:
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मार्ग
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प्रभाव
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बनारस-खजुराहो
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वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) जैसे पवित्र तथा सांस्कृतिक स्थलों के बीच सीधा संपर्क स्थापित।
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लखनऊ-सहारनपुर
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लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के लिये संपर्क में सुधार।
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फिरोज़पुर-दिल्ली
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दिल्ली और पंजाब के प्रमुख शहरों जैसे फिरोज़पुर, बठिंडा तथा पटियाला के बीच व्यापार और गतिशीलता को सशक्त करता है।
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एर्नाकुलम–बंगलूरू
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केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रमुख IT तथा वाणिज्यिक केंद्रों को आपस में जोड़ता है।
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खाद्य एवं कृषि स्थिति (SOFA) रिपोर्ट 2025 | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 08 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने “विभिन्न भूमि स्वामित्व स्तरों पर भूमि क्षरण का समाधान” नामक शीर्षक से खाद्य एवं कृषि स्थिति (SOFA) रिपोर्ट 2025 जारी की है।
मुख्य बिंदु
- रिपोर्ट के बारे में:
- वैश्विक कृषि भूमि में कमी: लगभग 20% वैश्विक कृषि भूमि में मृदा अपरदन, पोषक तत्त्वों की कमी और कार्बन की हानि के कारण उत्पादकता में गिरावट देखी जा रही है।
- क्षेत्रीय प्रभाव: एशिया और अफ्रीका सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहाँ दक्षिण एशिया तथा उप-सहारा अफ्रीका में उत्पादकता में गंभीर अंतर (संभावित स्तर से 70% तक कम) देखा गया है।
- भारत की स्थिति: भारत में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उपज अंतराल (yield gap) देखा गया है, जिसका मुख्य कारण भूमि का अत्यधिक उपयोग और मृदा की उर्वरता में गिरावट है।
- मुख्य प्रेरक करक: वनों की कटाई (वन हानि का 90%), एकल फसल उत्पादन, अत्यधिक उर्वरक उपयोग, अनियमित सिंचाई और खराब मिट्टी प्रबंधन।
- भूमि क्षरण:
- भूमि क्षरण को आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करने की भूमि की क्षमता में दीर्घकालिक गिरावट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं और मानवीय गतिविधियों जैसे वनों की कटाई, अतिचारण तथा असंगत सिंचाई के कारण होती है।
- भूमि क्षरण तटस्थता (LDN):
- भूमि क्षरण तटस्थता (LDN) पदानुक्रम:
- भूमि क्षरण से बचें > कम करें > पलटें ( Avoid > Reduce > Reverse land degradation) यह पारिस्थितिकी संतुलन को बहाल करने के लिये FAO का मुख्य सिद्धांत है।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
- परिचय:
- इसकी स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी। इसका मुख्यालय रोम, इटली में स्थित है।
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में कार्य करता है और इसके 194 सदस्य देश हैं, जिनमें यूरोपीय संघ भी शामिल है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य भुखमरी को समाप्त करना, पोषण में सुधार करना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और सतत् कृषि को बढ़ावा देना है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
- खाद्य एवं कृषि स्थिति (SOFA)
- विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति (SOFI)
- विश्व मत्स्य पालन और जलीय कृषि की स्थिति (SOFIA)
- विश्व के वनों की स्थिति (SOFO)
- भारत और FAO: