सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान | झारखंड | 05 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 4 जुलाई, 2025 को राँची, झारखंड में सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान के एक नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया।
- इस केंद्र का उद्देश्य प्रशिक्षण का विकेंद्रीकरण, ज़मीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाना तथा पूर्वी क्षेत्र में प्रमुख योजनाओं का समर्थन करना है।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- यह झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिये पहला समर्पित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र है।
- इससे गुवाहाटी और लखनऊ केंद्रों पर निर्भरता कम होगी तथा क्षेत्रीय कार्यकर्त्ताओं के लिये लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियाँ आसान हो जाएंगी।
- बेहतर सेवा वितरण: संसाधनों को क्षेत्र के निकट लाकर तथा स्थानीय सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं और ज़मीनी हकीकतों के अनुरूप हस्तक्षेप करके केंद्रीय योजनाओं के अंतिम छोर तक कार्यान्वयन को मज़बूत किया जाता है।
- संस्थान का नाम बदलना:
- पूर्व राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (NIPCCD) का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान कर दिया गया है।
- यह नाम परिवर्तन महिला और बाल-केंद्रित विकास पर केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
- प्रमुख योजनाओं को समर्थन:
- यह केंद्र मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों, जिसमें मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, मिशन सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 शामिल हैं, के तहत प्रशिक्षण और अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
- इस सुविधा का उद्देश्य अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ताओं को प्रासंगिक कौशल और ज्ञान से युक्त करके क्षेत्र कार्यान्वयन को मज़बूत करना है।
- क्षमता संवर्द्धन और रोज़गार: राँची केंद्र बाल मार्गदर्शन और परामर्श में उन्नत डिप्लोमा प्रदान करेगा, प्लेसमेंट सहायता के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण देगा तथा महिलाओं और युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर सृजित करेगा।
- राष्ट्रीय प्रभाव और भविष्य का दृष्टिकोण: देश भर में विद्यमान केंद्रों के माध्यम से संस्थान प्रतिवर्ष 1,000 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित करता है; नया राँची केंद्र पूर्वी भारत में पहुँच को बढ़ावा देता है तथा समावेशी विकास को समर्थन प्रदान करता है।
मिशन शक्ति
- परिचय:
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक योजना है, जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तीकरण के लिये हस्तक्षेपों को मज़बूत करना है।
- यह एकीकृत और नागरिक-संचालित प्रयासों के माध्यम से उनके जीवन चक्र में "महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास" को बढ़ावा देता है।
- उप-योजनाएँ:
- संबल (सुरक्षा और संरक्षण): इसमें वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा समुदाय आधारित विवाद समाधान और लैंगिक न्याय के लिये महिला न्यायालय शामिल हैं।
- समर्थ्य (सशक्तीकरण): उज्ज्वला, स्वधार गृह, कामकाज़ी महिला छात्रावास, राष्ट्रीय क्रेच स्कीम और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं को आपस में जोड़ती है।
- महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को समर्थन देने के लिये आर्थिक सशक्तीकरण हेतु गैप फंडिंग की शुरुआत की गई है।
मिशन वात्सल्य
- लॉन्च वर्ष: वर्ष 2021
- उद्देश्य:
- बाल संरक्षण, कल्याण और विकास को सुनिश्चित करना, विशेषकर उन बच्चों के लिये जो कमज़ोर परिस्थितियों में रहते हैं।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- गोद लेने, पालन-पोषण देखभाल तथा प्रायोजन के माध्यम से परिवार-आधारित देखभाल को बढ़ावा देना।
- बाल कल्याण समितियाँ (CWC) और किशोर न्याय बोर्ड (JJB) जैसी संस्थाओं को सशक्त बनाना।
- बच्चों के लिये पुनर्वास और पुनः एकीकरण सहायता प्रदान करना।
- लक्षित लाभार्थी:
- अनाथ, परित्यक्त और संवेदनशील बच्चे।
- दृष्टिकोण:
- सरकारी मंत्रालयों, गैर सरकारी संगठनों तथा समुदायों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
- यह योजना किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत कार्य करती है।
- वित्तपोषण पैटर्न:
- केंद्र प्रायोजित योजना, जिसमें केंद्र-राज्य वित्तपोषण का अनुपात 60:40 है (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये 90:10)।
- निगरानी प्राधिकरण:
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD)
- महत्त्व:
- यह बाल दुर्व्यवहार, तस्करी और शोषण को रोकता है तथा समग्र बाल विकास को बढ़ावा देता है।