हरियाणा दिवस 2025 | हरियाणा | 01 Nov 2025
            चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री ने 1 नवंबर 2025 को हरियाणा दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं तथा किसानों के परिश्रम, सैनिकों के साहस और युवाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए हरियाणा के समग्र योगदान को नमन किया।
मुख्य बिंदु
हरियाणा राज्य का गठन:
- भाषाई आधार पर पंजाब के पुनर्गठन के पश्चात् 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य का आधिकारिक गठन किया गया।
 
- इस पुनर्गठन का उद्देश्य हिंदी भाषी क्षेत्रों को प्रशासनिक मान्यता देना, बेहतर शासन सुनिश्चित करना और क्षेत्रीय सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाना था।
- अप्रैल 1966 में गठित शाह आयोग को भाषा तथा प्रशासनिक व्यवहार्यता के आधार पर पंजाब के विभाजन की सिफारिश करने का दायित्व सौंपा गया था।
 
- आयोग ने मई 1966 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी अधिकांश सिफारिशों को लागू किये जाने के परिणामस्वरूप हरियाणा का निर्माण हुआ।
 
 
- ‘हरियाणा’ नाम संस्कृत शब्दों हरि (भगवान) और अयन (निवास) से व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ है - “भगवान का निवास।”
 
- लगभग 2.5 करोड़ की जनसंख्या वाला हरियाणा आज भारत के सबसे औद्योगिक और कृषि की दृष्टि से उन्नत राज्यों में गिना जाता है।
 
- यह “भारत की अन्न-टोकरी” के रूप में प्रसिद्ध है और यह खाद्य सुरक्षा तथा अनाज आपूर्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966
- भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 ने हरियाणा राज्य के निर्माण तथा पंजाब के प्रशासनिक, क्षेत्रीय और संस्थागत ढाँचे के पुनर्वितरण के लिये विधिक आधार प्रदान किया।
 
- अधिनियम के प्रमुख प्रावधान
- हरियाणा का गठन: इस अधिनियम में हिंदी भाषी ज़िलों हिसार, रोहतक, गुरुग्राम, करनाल और महेंद्रगढ़ तथा अन्य ज़िलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर नया हरियाणा राज्य बनाया गया।
 
- चंडीगढ़ (केंद्रशासित प्रदेश) का निर्माण: चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया तथा इसे पंजाब और हरियाणा दोनों की संयुक्त राजधानी बनाया गया।
 
- हिमाचल प्रदेश में स्थानांतरण: कांगड़ा और कुल्लू सहित पूर्ववर्ती पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश केंद्रशासित प्रदेश में मिला दिया गया।
 
- साझा उच्च न्यायालय: इस अधिनियम के तहत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की स्थापना की गई, जो दोनों राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को सेवाएँ प्रदान करता है।
 
- परिसंपत्तियों और देनदारियों का विभाजन: संपत्ति, ऋण, भूमि, सरकारी कर्मचारी तथा भाखड़ा-नांगल और ब्यास परियोजनाओं जैसी प्रमुख योजनाओं का बँटवारा पंजाब, हरियाणा और भारत संघ के बीच किया गया। अंतर-राज्यीय संसाधनों के साझा प्रबंधन के लिये तंत्र स्थापित किये गए।
 
 
      
    
    
      राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य पालन गणना 2025 प्रारंभ  | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 01 Nov 2025
            चर्चा में क्यों?
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने ICAR–केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI), कोच्चि में राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य गणना (MFC) 2025 का शुभारंभ किया।
- यह भारत की पहली पूर्णतः डिजिटाइज्ड मत्स्य गणना है, जो डेटा-आधारित और प्रौद्योगिकी-सक्षम समुद्री शासन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।
 
मुख्य बिंदु
- गणना के बारे में:
- राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य गणना 2025 एक 45-दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री मत्स्य क्षेत्र से संबंधित व्यापक आँकड़ों का संकलन करना है। 
 
- यह गणना 9 तटीय राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित लगभग 4,000 समुद्री मत्स्य ग्रामों के 12 लाख मत्स्य-गृहों (fisher households) को कवर करेगी।
 
- गणना की अवधि 3 नवंबर से 18 दिसंबर, 2025 तक निर्धारित की गई है।
 
- इस पहल का समन्वय मत्स्य विभाग (DoF), मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) नोडल एजेंसी तथा फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) संचालन सहयोगी के रूप में कार्य कर रही हैं।
 
 
- उद्देश्य:
- समुद्री मत्स्य समुदायों, अवसंरचना एवं सामाजिक-आर्थिक संकेतकों का एक व्यापक डिजिटल डाटाबेस तैयार करना।
 
- सत्यापित डिजिटल डेटा के माध्यम से मत्स्य प्रबंधन का आधुनिकीकरण तथा कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार करना।
 
- सभी मत्स्य-समुदायों को राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) से जोड़ना, ताकि सरकारी योजनाओं तक पहुँच को सुगम बनाया जा सके।
 
- प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM–MKSSY) तथा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना।
 
 
- डिजिटल प्रमाणित और रियल-टाइम डेटा संग्रह प्रणाली:
- पहली बार यह गणना पूर्णतः डिजिटल पद्धति से की जा रही है, जिसमें CMFRI द्वारा विकसित दो विशेष मोबाइल अनुप्रयोगों (Apps) का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सटीकता, पारदर्शिता एवं कार्यकुशलता सुनिश्चित की जा सके।
 
 
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 मोबाइल उपकरण 
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 वास्तविक कार्य 
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 प्रभाव पर प्रभाव 
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 व्यास भारत (VyAS Bharat) 
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 डेटा अध्ययन और जियो-रेफरेंसिंग 
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 12 लाख मत्स्य-गृहों से सामाजिक-आर्थिक डेटा और प्रमुख आँकड़ों को क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा उपयोग किया जाता है। प्रत्येक डेटा प्रविष्टि को भू-संदर्भन (geo-referenced) के माध्यम से एक विशिष्ट स्थान से जोड़ा जाता है। 
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 व्यास सूत्र (VyAS Sutra) 
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 सत्यापन और पर्यवेक्षण 
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 यह क्षेत्रीय डेटा के त्वरित सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है तथा देशभर में गणना की प्रगति की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग हेतु एक केंद्रीकृत डिजिटल मंच उपलब्ध कराता है। 
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