आर्किड संरक्षण केंद्र | पीसीएस | 30 Jul 2021
            चर्चा में क्यों?
30 जुलाई, 2021 को उत्तराखंड के पहले आर्किड संरक्षण केंद्र का चमोली ज़िले के मंडल में उद्घाटन हुआ।
प्रमुख बिंदु
- आर्किड केंद्र बनाने का मुख्य उद्देश्य आर्किड प्रजातियों का संरक्षण करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिये आजीविका के अवसर प्रदान करना है। 
- प्रदेश के वन विभाग की अनुसंधान शाखा द्वारा विकसित आर्किड केंद्र को चार भागों- संरक्षण एवं प्रदर्शन क्षेत्र, 1.25 किमी. लंबी आर्किड ट्रेल, इंटरप्रेटेशन केंद्र और आर्किड नर्सरी में बाँटा गया है।  
- यहाँ आर्किड की 70 विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से ज़्यादातर प्रजातियाँ औषधीय गुणों से युक्त और पारिस्थितिकी तंत्र के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। इनमें से कई प्रजातियाँ, जैसे- ‘लेडीज स्लीपर’ (Lady's Slipper) संकटग्रस्त पादपों (threatened category) की श्रेणी में हैं।
- पादप जगत में आर्किड का वही स्थान है, जो प्राणि जगत में बाघ का है। पारिस्थितिकीय परिवर्तन के प्रति आर्किड बहुत संवेदनशील होते हैं और इसलिये किसी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को मापने के लिये इसे एक अच्छा मानदंड माना जाता है।