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पी.सी.एस.


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 08 मई, 2019

  • 08 May 2019
  • 5 min read

संयुक्त राष्ट्र द्वारा दो भारतीयों को सम्मान

हाल ही संयुक्त राष्ट्र ने अपने 115 शांतिरक्षकों एवं कर्मचारियों को कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए जीवन का बलिदान देने के लिये सम्मानित किया है। गौरतलब है कि सम्मानित किये गए इन शांतिरक्षकों एवं कर्मचारियों में दो भारतीय भी शामिल हैं।

  • कांगो में संयुक्त राष्ट्र संगठन मिशन में सेवा देने वाले पुलिस अधिकारी जितेंद्र कुमार और भारत के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UN Development Programme-UNDP) की कंसल्टेंट शिखा गर्ग सहित कुल 115 लोगों ने शांति के लिये सेवा देते हुए जनवरी 2018 से मार्च 2019 के मध्य कुर्बानी दी।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति सेना, संघर्ष से तबाह हो चुके देशों में स्थायी शांति लाने हेतु उचित परिस्थिति के निर्माण में मदद करती है। इसमें नागरिक, पुलिस और सैन्यकर्मी शामिल होते हैं।

बीआरओ का 59वाँ स्थापना दिवस

सीमा सड़क संगठन (Border Road Organization-BRO) ने 7 मई, 2019 को अपना 59वाँ स्थापना दिवस मनाया।

सीमा सड़क संगठन (BRO)

  • सीमा सड़क संगठन की स्थापना 7 मई, 1960 को हुई थी।
  • सीमा सड़क संगठन रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख सड़क निर्माण एजेंसी है।
  • यह संगठन सीमा क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
  • यह पूर्वी और पश्चिमी सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण और इसके रखरखाव का कार्य करता है ताकि सेना की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी हो सकें।
  • संगठन पर 53,000 किलोमीटर सड़कों की ज़िम्मेदारी है। सीमा सड़क संगठन ने भूटान, म्याँमार, अफगानिस्तान आदि मित्र देशों में भी सड़कों का निर्माण किया है।

सीमा सड़क संगठन की भूमिका

  • शांतिकाल में- सीमावर्ती इलाकों में जनरल स्टाफ की ऑपरेशनल सड़कों का विकास व रखरखाव तथा सीमावर्ती राज्यों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान में योगदान करना।
  • युद्धकाल में-पुनःतैनाती वाले इलाकों में नियंत्रण रेखा के लिये सड़क का विकास व देखभाल करना। साथ ही सरकार द्वारा युद्धकाल के दौरान विनिर्दिष्ट अन्य अतिरिक्त कार्यों का निष्पादन करना।

चिंतन बैठक

हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New & Renewable Energy-MNRE) ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के हितधारकों के साथ ‘चिंतन बैठक’ का आयोजन किया।

  • अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधि, उपकरण निर्माता, वित्तपोषक, विनियामक, थिंक-टैंक, औद्योगिक निकाय और स्किल डेवलपर्स के प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित थे।
  • इस बैठक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया जिसमें सौर, पवन, जैव-ऊर्जा, लघु-पनबिजली, नियामक मुद्दे, बोली और मूल्य निर्धारण, मांग पूर्वानुमान, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण, ऊर्जा भंडारण, मेक इन इंडिया, भारतीय कार्यबल को कौशल प्रशिक्षण देना आदि कार्य शामिल थे।

कलसा-बंडूरी परियोजना

कर्नाटक नीरवरी निगम लिमिटेड (KNNL) लगभग ₹850 करोड़ मूल्य की कलसा-बंडूरी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है।

  • इस परियोजना का उद्देश्य कर्नाटक के बेलगावी और धारवाड़ ज़िलों को पानी उपलब्ध कराना है।

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  • इसमें कलसा और बंडूरी (महादायी नदी की दो सहायक नदियाँ) पर बांधों और नहरों का निर्माण किया जाना शामिल है, जो मालप्रभा नदी (कृष्णा नदी की एक सहायक नदी) को 7.56TMC पानी की आपूर्ति करेंगे। 
  • मालप्रभा नदी धारवाड़, बेलगावी, और गडग ज़िलों में पेयजल की आपूर्ति करती है।
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