जे.पी.एस.सी. - प्रकृति एवं प्रक्रिया | 29 Apr 2025
झारखंड संयुक्त लोक सेवा परीक्षा झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षा में क्रमवार दो चरण सम्मिलित हैं:
- संयुक्त लोक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) अभ्यर्थी के चयन के लिये मुख्य (लिखित) परीक्षा हेतु तथा
- संयुक्त लोक सेवा (मुख्य) परीक्षा (लिखित एवं साक्षात्कार) विभिन्न सेवाओं और पदों के लिये अभ्यर्थी के चयन हेतु।
परीक्षा का विस्तृत पैटर्न नीचे प्रस्तुत किया गया है।
प्रारंभिक परीक्षा
- इसमें दो अनिवार्य प्रश्न-पत्र (योग्यता प्रकृति के) शामिल हैं:
- सामान्य अध्ययन – I (200 अंक)
- सामान्य अध्ययन – II (200 अंक)
- अवधि: प्रत्येक प्रश्न-पत्र 2 घंटे का होगा।
- भाषा: हिंदी और अंग्रेज़ी
- अंकन योजना:
- गलत उत्तरों के लिये कोई नकारात्मक अंकन नहीं है।
- यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न के लिये एक से अधिक उत्तर अंकित करता है तो उसे गलत उत्तर माना जाएगा, चाहे उनमें से एक उत्तर सही हो तथा ऐसी स्थिति में कोई अंक प्रदान नहीं किया जाएगा।
- मूल्यांकन एवं चयन:
- मुख्य (लिखित) परीक्षा के लिये चयन सूची दोनों प्रश्न-पत्रों में प्राप्त कुल अंकों के आधार पर तैयार की जाती है।
मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार
- लिखित परीक्षा में कुल 6 प्रश्न-पत्र होते हैं।
लिखित परीक्षा |
कुल अंक |
परीक्षा अवधि |
प्रश्न-पत्र-I: सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेज़ी |
100 |
3 घंटे |
प्रश्न-पत्र-II: भाषा और साहित्य |
150 |
3 घंटे |
प्रश्न-पत्र-III: सामाजिक विज्ञान |
200 |
3 घंटे |
प्रश्न-पत्र-IV: भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था, लोक प्रशासन एवं सुशासन |
200 |
3 घंटे |
प्रश्न-पत्र-V: भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्वीकरण और सतत् विकास |
200 |
3 घंटे |
प्रश्न-पत्र-VI: सामान्य विज्ञान, पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी विकास |
200 |
3 घंटे |
- साक्षात्कार के लिये चयन सूची प्रश्न-पत्र II से VI (कुल 5 प्रश्न-पत्र) में प्राप्त कुल अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी, जो निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी:
- अभ्यर्थियों को प्रश्न-पत्र-I में न्यूनतम 30 अंक प्राप्त करने होंगे।
- अभ्यर्थियों को शेष 5 प्रश्न-पत्रों (प्रश्न-पत्र II से VI) में झारखंड संयुक्त लोक सेवा परीक्षा के नियमों के अनुसार निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंक प्राप्त करने होंगे ।
- साक्षात्कार 100 अंकों की होगी और साक्षात्कार के लिये कोई न्यूनतम अर्हक अंक आवश्यक नहीं होंगे।