बी.पी.एस.सी. - प्रकृति एवं प्रक्रिया | 01 Apr 2023

परिचय 

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) बिहार राज्य प्रशासन में ग्रुप A और ग्रुप B की विभिन्न सेवाओं में उम्मीदवारों की भर्ती के लिये एकीकृत संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CCE) आयोजित करता है, जिसे आमतौर पर BPSC-CCE के रूप में जाना जाता है।

BPSC CCE के माध्यम से भर्ती किये जाने वाले कुछ प्रमुख ग्रुप ए और बी पद इस प्रकार हैं:

  • पुलिस उपाधीक्षक (DSP)

  • जिला समादेष्टा

  • कारागार एवं सुधार सेवा निरीक्षक

  • खंड विकास अधिकारी (BDO)

  • राजस्व अधिकारी (RO)

  • सहायक संचालक

  • आपूर्ति निरीक्षक

  • श्रम प्रवर्तन अधिकारी

  • जिला नियोजन पदाधिकारी, आदि।

ये परीक्षाएँ आमतौर पर रिक्तियों के आधार पर एक से दो वर्ष के अंतराल पर आयोजित की जाती हैं तथा इनका वार्षिक आयोजन नहीं किया जाता।

निम्नलिखित अनुभाग BPSC एकीकृत संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CCE) के पैटर्न और चयन प्रक्रिया का विस्तृत अवलोकन प्रदान करता है।

परीक्षा प्रक्रिया

परीक्षा का चरण

परीक्षा का प्रकार

अवधि

कुल अंक

प्रारंभिक 

उद्देश्य

2 घंटे

150 अंक

मेन्स 

वर्णनात्मक/वस्तुनिष्ठ वैकल्पिक पेपर (योग्यता)

प्रत्येक पेपर के लिये 3 घंटे

1100 अंक

साक्षात्कार

व्यक्तित्व परीक्षण 

परिभाषित नहीं

120 अंक

प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया

  • अधिसूचना जारी होना: BPSC सबसे पहले परीक्षा के संबंध में अधिसूचना जारी करता है। अधिसूचना जारी होने के बाद, ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होती है।

  • प्रारंभिक परीक्षा की समय सीमा: आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, प्रारंभिक परीक्षा आमतौर पर 3 से 4 महीने बाद आयोजित की जाती है।

    • प्रारंभिक परीक्षा आयोग द्वारा राज्य के निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर एक ही दिन एक ही पाली में आयोजित की जाती है।

  • भाषा एवं अन्य प्रावधान: प्रश्न-पत्र दो भाषाओं अर्थात् हिंदी और अंग्रेज़ी में होता है। प्रश्न की भाषा के संबंध में किसी विसंगति या विवाद की स्थिति में अंग्रेज़ी में मुद्रित संस्करण को प्राथमिकता दी जाएगी।

परीक्षा की प्रकृति: प्रारंभिक परीक्षा अर्हक प्रकृति की होती है अर्थात इस चरण में प्राप्तांक मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार के अंकों में नहीं जोड़े जाते हैं।

  • नवीनतम परिवर्तन: अब इस परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिये चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कुल अधिसूचित रिक्तियों की दस गुना होगी ( पहले यह संख्या प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों की कुल संख्या का लगभग 10% थी )।

पहलू

विवरण

परीक्षा की प्रकृति

  • वस्तुनिष्ठ प्रकार; अभ्यर्थी को दिये गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनना होता है।

प्रश्न-पत्र एवं अंक

  • एक सामान्य अध्ययन पेपर (वस्तुनिष्ठ प्रकार)।

    • कुल: 150 प्रश्न

    • अधिकतम अंक: 150

    • अवधि: 2 घंटे

उत्तीर्णता मानदंड

  • सामान्यतः, उत्तीर्ण होने के लिये अभ्यर्थियों को 60-70% अंक प्राप्त करने होते हैं (जटिलता स्तर के अनुसार भिन्न होता है)।

अंकन योजना

  • प्रत्येक सही उत्तर पर 1 अंक मिलेगा।

  • प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/3 अंक का दंड दिया जाएगा।

  • किसी प्रश्न के एक से अधिक उत्तरों को गलत माना जाएगा।

मुख्य परीक्षा प्रक्रिया

  • प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों के लिये मुख्य परीक्षा पटना में BPSC द्वारा निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाती है। मुख्य परीक्षा कुल 900 अंकों की होती है (क्वालीफाइंग सामान्य हिंदी पेपर और वैकल्पिक पेपर को छोड़कर)।

  • प्रश्न-पत्र की संरचना:

अवयव

विवरण

अनिवार्य पेपर

  • सामान्य हिंदी (योग्यता)

  • सामान्य अध्ययन पेपर I

  • सामान्य अध्ययन पेपर 2

  • निबंध पेपर

वैकल्पिक पेपर

  • अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में से एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है।

    • वैकल्पिक विषय का स्तर पटना विश्वविद्यालय के तीन वर्षीय ऑनर्स परीक्षा स्तर के समान होगा।

  • वैकल्पिक पेपर MCQ आधारित और क्वालिफाइंग प्रकृति का होगा।

  • एक बार चयन हो जाने पर, वैकल्पिक विषय का चुनाव अंतिम होता है, उसे बदला नहीं जा सकता।

BPSC मुख्य परीक्षा: अद्यतन संरचना

विषय

प्रकृति

अंक

अवधि

टिप्पणी

सामान्य हिंदी

वर्णनात्मक (योग्यता)

100

3 घंटे

न्यूनतम 30% अंक आवश्यक; अंक मेरिट सूची में नहीं जोड़े जाएंगे

सामान्य अध्ययन I

वर्णनात्मक

300

3 घंटे

मेरिट सूची में शामिल अंक

सामान्य अध्ययन II

वर्णनात्मक

300

3 घंटे

मेरिट सूची में शामिल अंक

निबंध

वर्णनात्मक

300

3 घंटे

मेरिट सूची में शामिल अंक

वैकल्पिक विषय

MCQ-आधारित (योग्यता)

100

3 घंटे

अंकों को योग्यता सूची में नहीं जोड़ा जाएगा; न्यूनतम अर्हता अंक लागू होंगे।

वैकल्पिक विषय के लिये योग्यता अंक

वर्ग

न्यूनतम योग्यता अंक

सामान्य

40%

पिछड़ा वर्ग (BC)

36.5%

अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC)

34%

एससी/एसटी, महिला, विकलांग

32%

मेरिट सूची और परीक्षा नियमों के संबंध में मुख्य विवरण

वर्ग

विवरण

मेरिट सूची की तैयारी

  • सामान्य अध्ययन और निबंध-पत्रों के संयुक्त अंकों के आधार पर।
  • योग्य उम्मीदवारों को आयोग के समक्ष साक्षात्कार के लिये आमंत्रित किया जाएगा।

भाषा

  • अभ्यर्थी हिंदी (देवनागरी लिपि), अंग्रेज़ी या उर्दू में लिख सकते हैं।
  • किसी अन्य भाषा में लिखने की अनुमति नहीं है।
  • चुनी गई भाषा में उत्तरों में अंग्रेज़ी के तकनीकी शब्दों, वाक्यांशों या उद्धरणों की अनुमति है।

उत्तर लेखन नियम

  • अभ्यर्थियों को उत्तर अपनी हस्तलिपि में लिखना होगा।

  • किसी भी परिस्थिति में दूसरों से सहायता लेने की अनुमति नहीं है।

उत्तर की गुणवत्ता

  • न्यूनतम शब्दों में व्यवस्थित, संक्षिप्त और प्रभावी ढंग से व्यक्त उत्तरों को प्राथिकता दी जाती है।

कैलकुलेटर उपयोग

  • मुख्य परीक्षा के दौरान GS पेपर-I में सांख्यिकीय विश्लेषण, ड्राइंग और चित्रण के लिये सरल कैलकुलेटर की अनुमति है।

  • प्रारंभिक परीक्षा के दौरान कैलकुलेटर का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है।

अंकों की पुनः जाँच

  • अभ्यर्थी भारतीय पोस्टल ऑर्डर (IPO) के माध्यम से ₹5 प्रति विषय के हिसाब से कुल अंकों की पुनः जाँच का अनुरोध कर सकते हैं।

  • मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित होने के 60 दिनों के भीतर अनुरोध किया जाना चाहिये।

साक्षात्कार प्रक्रिया

  • मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को लगभग एक माह के अंतराल के बाद आयोग के समक्ष साक्षात्कार के लिये उपस्थित होना होगा।
    • साक्षात्कार के लिये आमंत्रित उम्मीदवारों की संख्या आमतौर पर उपलब्ध सीटों की संख्या से 2.5 गुना होती है।
  • व्यक्तित्व परीक्षण का भार 120 अंक है ।
  • साक्षात्कार में आयोग के सदस्यों द्वारा पूछे गए मौखिक प्रश्नों के माध्यम से अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है।
    • अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर साक्षात्कार प्रक्रिया की अवधि कई दिनों तक बढ़ सकती है।
  • अंतिम मेरिट सूची मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त संचयी अंकों के आधार पर तैयार की जाती है ।
  • अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची सामान्यतः संपूर्ण साक्षात्कार प्रक्रिया के समापन के एक सप्ताह के भीतर जारी कर दी जाती है।